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राजस्थान: शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में मंत्री जी को वादा याद दिलाने पर शिक्षक निलंबित

एक शिक्षक ने खड़े होकर मंत्री कल्ला से सरकार के बजट 2020-21 में उर्दू को लेकर की गयी घोषणाओं के पूरे ना होने को लेकर सवाल कर दिए। कार्यक्रम में शामिल अन्य कुछ लोग शिक्षक को घसीटते हुए ऑडोटोरियम से बाहर ले गए, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
राजस्थान: शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में मंत्री जी को वादा याद दिलाने पर शिक्षक निलंबित
शिक्षक अमीन क़ायमख़ानी को ऑडोटोरियम से बाहर ले जाने के समय का दृश्य। स्क्रीन शॉट

राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला राजधानी जयपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे, इस दौरान भीड़ में बैठे एक शिक्षक ने खड़े होकर मंत्री कल्ला से सरकार के बजट 2020-21 में की गयी घोषणाओं के पूरे ना होने को लेकर सवाल कर दिए..कार्यक्रम में शामिल अन्य कुछ लोग शिक्षक को घसीटते हुए ऑडोटोरियम से बाहर ले गए, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। घटना के अगले ही दिन शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए शिक्षक को निलंबित कर दिया है

 

 

शिक्षक अमीन क़ायमख़ानी ने न्यूज़क्लिक के लिए पूछने पर बताया की उन्हें शिक्षा विभाग से एक नोटिस प्राप्त हुआ, नोटिस में लिखा था "राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में माननीय शिक्षा मंत्री के अभिभाषण के दौरान हंगामा कर प्रोटोकॉल का उल्लंघन एवं अनुशासनहीनता करने के कारण राजस्थान सिविल सेवा नियम-1958 के नियम-13 के तहत क़ायमख़ानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय प्रारंभिक शिक्षा बांसवाड़ा से अटैच कर दिया गया है।

 

 

"मैं तो सरकार को उनका वादा याद दिला रहा था"

गहलोत सरकार के बजट 2020-21 में की गयी घोषणाओं में एक बिंदू शामिल किया था कि किसी स्कूल में उर्दू के 20 बच्चे नामांकित होंगे यानी पढ़ना चाहेंगे तो उन प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के पद क्रिएट कर शिक्षक लगाए जाएंगे लेकिन निलंबित शिक्षक अमीन क़ायमख़ानी का दावा है कि सरकार ने ऐसा नहीं किया है, उनका मानना है कि गहलोत सरकार उर्दू विषय के साथ छल कर रही है, उर्दू के पद बढ़ाने के वादे को सरकार पूरा नहीं कर रही है यहाँ तक की उर्दू पढ़ने वाले बच्चों को किताबें तक मुहय्या नहीं कराई गयी हैं, "मैंने यही सवाल उठाया था, मुझे थाने ले जाया गया और अगले दिन निलंबित कर दिया गया"

"गहलोत सरकार ने अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए किया कोरा वादा"

शिक्षक अमीन क़ायमख़ानी ने न्यूज़क्लिक के लिए बात करते हुए दावा किया कि सरकार के पास उर्दू शिक्षक पद बढ़ाने को लेकर कोई ख़ास रोडमेप नहीं है, उन्होंने कहा "मुझे ऑफ़ द रिकॉर्ड" कई अधिकारी कहते रहे हैं कि सरकार कि ये घोषणा ही गलत है, अब आप बताइये कैसे सरकार इसे धरातल पर उतारेगी, सरकार ने एक वर्ग को लुभाने के लिए घोषणा में इसे शामिल किया था, वे आगे कहते हैं "हम पिछले दो साल से संघर्ष कर रहे हैं, जब ये घोषणा हुई थी तो हमने सरकार को बधाई दी थी, हम खुश थे लेकिन वक़्त बीतता गया और अभी तक घोषणा को लागू नहीं किया गया है, हम सरकार को समय समय पर लिखते रहे, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया

मंत्री और विधायक भी कर चुके हैं मुख्यमंत्री से अपील, लेकिन घोषणा नहीं हुई पूरी

गहलोत सरकार द्वारा की गयी इस घोषणा को पूरा करने की मांग राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक रफीक खान भी कर चुके है लेकिन घोषणा को अभी तक धरातल पर नहीं उतारा गया है, मंत्री प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ की मांगों का ज़िक्र करते हुए प्रमुखता से उन्हें पूरा कराए जाने का आग्रह किया है।

विधायक ने की निलंबन वापस लेने की अपील

राजस्थान की नगर विधानसभा से विधायक वाजिब अली ने शिक्षा मंत्री को एक लेटर लिख शिक्षक अमीन क़यामखानी के निलंबन को वापस लेने की मांग की है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है “ शिक्षा मंत्री श्री बी डी कल्ला जी से निवेदन करता हूँ कि राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन क़ायमखानी का निलम्बन रद्द किया जाए। उनके द्वारा उठाई गई सभी माँगे जायज़ हैं, शिक्षा विभाग इन्हें जल्द पूरा करके उर्दू के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करे! जय हिंद”

 

 

हमारे बच्चे पढ़ जाएंगे तो गुनाह हो जाएगा क्या?

शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित किए गए अमीन क़ायमख़ानी के समर्थन में कई उर्दू शिक्षकों ने अल्बर्ट हॉल के बाहर जमा होकर वरोध प्रदर्शन किया, न्यूज़क्लिक के लिए बात करते हुए शिक्षक इशाक कारी ने कहा की "हम हमारे बच्चों के पढ़ने के अधिकार के लिए सवाल पूछेंगे तो गुनाह हो जाएगा क्या? यहाँ शिक्षकों में अमीन क़ायमख़ानी पर हुई कार्रवाई को लेकर काफी रोष है, विभाग अपना फैसला वापस ले वरना बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।

हमने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मामले की अधिक जानकारी के लिए संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिल सका, यदि बात होती है तो रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

 

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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