पड़े हैं नफ़रत के बीज दिल में, बरस रहा है लहू का सावन
सारे सुख़न हमारे: जुलाई का महीना है, यानी बारिशों का मौसम...हिंदी-उर्दू साहित्य में इसकी ख़ूब धूम रहती है, बारिश, बादल, बिजली, सावन को लेकर ख़ूब गीत और ग़ज़लें गाई जाती हैं, लेकिन इसके उलट सैलाब का क़हर भी है...तो कहीं सूखे के हालात।
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