सचिन-हैदर एक प्रेम कथा: देश की सीमा की दीवारों को नहीं मानता प्यार
जिगर मुरादाबादी का एक शेर है:-
ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
सचमुच प्रेम देश,काल,राष्ट्र की सीमा और आपसी वैमनस्य को नहीं मानता। इस विषय पर हिन्दी तथा अनेक भाषाओं में दुनिया भर में ढेरों फ़िल्में बनी हैं, चाहे वो 2014 में बनी हिन्दी फ़िल्म वीर-जारा हो या फिर पंजाबी तारा सिंह की असली कहानी पर बनी फ़िल्म ग़दर हो, इसके अलावा भी दुनिया भर में इस तरह की ढेरों फ़िल्में बनीं, जिसमें प्रेम करने वाले जोड़े देश की सीमाओं को नहीं मानते। वास्तव में कला की सभी विधाएँ : सिनेमा हो या रंगमंच हो, उसमें बहुत कुछ यथार्थ की ही अभिव्यक्ति होती है।
हमारे उपमहाद्वीप के दो देश भारत और पाकिस्तान कभी एक ही थे। धर्म को अगर छोड़ दिया जाए तो उनकी भाषा,संस्कृति, रीति-रिवाज और पहनावा करीब-करीब एक तरह का है। दोनों देश के शासकवर्ग भले ही अपने राजनीतिक हितों के कारण एक-दूसरे से शत्रुता जारी रखे हैं, लेकिन दोनों देश के अवाम की आपसी दोस्ती इतनी नफ़रतों और युद्धों के बावज़ूद आज भी कायम है और अगर मामला प्रेम का हो, तो मामला एक ख़ूबसूरत अफ़साना जैसा बन जाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच इतनी नफ़रत की दीवारें हैं, कि एक-दूसरे देश में जाने के लिए वीजा प्राप्त करना टेढ़ी खीर है तथा जब भारत और पाकिस्तान के लड़के-लड़कियों के बीच विवाह का मामला हो,तो उन्हें भी वीजा के लिए वर्षों इंतज़ार करना पड़ता है, परन्तु जब से इंटरनेट,सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ा, तब से भारत-पाकिस्तान के लोग एक-दूसरे को और अच्छी तरह से जानने लगे तथा इनके बीच में कई प्रेम कहानियाँ पनपीं,जो देश की सीमाओं से परे थीं।
अभी पिछले दिनों भारत में बिना वीजा के अवैध रूप से प्रवेश करने वाली पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और उसके ब्वायफ्रेंड सचिन सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार 27 साल की सीमा हैदर के ख़िलाफ़ अवैध रूप से देश में प्रवेश सम्बन्धित धाराओं में केस दर्ज़ किया गया।
वहीं सचिन और उनके पिता नेत्रपाल के ख़िलाफ़ भी 120 बी और धारा 34 के तहत कार्यवाही की गई है। इन्होंने पाकिस्तानी महिला को अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करने में सहयोग दिया और अपने घर में रखा। ख़बरों के अनुसार सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ मई के दूसरे सप्ताह में कराची से दुबई होते हुए नेपाल पहुँची। इसके बाद ये पोखरा, नेपाल से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गए। पूरे मामले की जानकारी पुलिस को एक वकील से हुई, जिससे सचिन और सीमा ने पिछले हफ्ते शादी के संबंध में संपर्क किया था। 4 जुलाई को दोनों को बल्लभगढ़ में बस से गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस कस्टडी में जाने से पहले ग्रेटर नोएडा के डीसीपी दफ्तर में सीमा हैदर और सचिन ने पुलिस से एवं सरकार से अपील की,कि उन्हें शादी करने दी जाए।
सचिन ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करता हूँ कि मुझे सीमा से शादी करने दी जाए, मैंने कोई अपराध नहीं किया गया है, मैं सीमा से प्यार करता हूँ। पुलिस ने मुझे सिर्फ इसलिए गिरफ़्तार किया है, क्योंकि वो पाकिस्तानी है।"
वहीं सीमा हैदर ने कहा कि "वह कोई भी कानूनी कार्यवाही झेलने के लिए तैयार है, क्योंकि उसने कुछ गलत नहीं किया है। मैं यहाँ मरने को तैयार हूँ। मैं कभी पाकिस्तान वापस नहीं जाऊँगी। मेरा वहाँ कोई नहीं है।”
सीमा ने बताया कि "मेरे पति ने साल भर पहले मुझे तलाक दे दिया है। मैं सचिन से प्यार करती हूँ और उससे शादी करना चाहती हूँ।"
डीसीपी साद मियां खान के अनुसार सचिन और सीमा हैदर ऑनलाइन गेम पबजी खेलते हुए 2020 में पहली बार संपर्क में आए। इसके बाद इन्होंने एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया, फिर संदेशों और वीडियो कॉल का सिलसिला शुरू हुआ। ये भी पता चला कि दोनों की इसी साल मार्च में नेपाल में मुलाकात हुई और यहाँ उन्होंने शादी करने का फैसला किया। यहीं इन्होंने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का प्लान बनाया। इसके बाद इन्होंने यूट्यूब पर भारत में प्रवेश के आसान रास्तों को खोजा।
डीसीपी ने बताया कि सचिन ने एक पाकिस्तानी ट्रैवल एजेंट के माध्यम से सीमा की दुबई के रास्ते नेपाल तक की फ्लाइट बुक कराई। सीमा ने 10 मई को पाकिस्तान छोड़ दिया और 11 मई को नेपाल पहुँची। यहाँ से उसने काठमांडु से पोखरा के लिए बस पकड़ी। फिर पोखरा से दिल्ली की बस पकड़ी। 13 मई को सीमा ग्रेटर नोएडा में रबुपुरा के पास यमुना एक्सप्रेस में पहुँची।
डीएसपी के अनुसार- सचिन ने बताया कि उसने यूट्यूब पर अफगानिस्तान, यूएई, अमेरिका और यूके से भारत आने के कई वीडियो देखे, लेकिन नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश सबसे आसान लगा। वह लगातार सीमा से फोन पर संपर्क में रहा और गाइड करता रहा।
सीमा हैदर ने पुलिस को बताया कि उसने इस ट्रिप के लिए कराची में अपना पैतृक घर 12 लाख रुपये में बेच दिया। वहीं बॉर्डर चेकिंग के सवाल पर डीसीपी ने कहा कि हैदर चूँकि चार बच्चों के साथ सफर कर रही थी, लिहाज़ा एजेंसियों को संदेह नहीं हुआ। भारत और नेपाल के नागरिकों को वीजा की जरूरत नहीं होती। पुलिस को ये भी पता चला है कि सीमा हैदर पाकिस्तान में टिकटॉक स्टार रही है। उसने ऐप तो अनइंस्टॉल कर दिया है, लेकिन उसके स्मार्टफोन में अभी भी कई वीडियो हैं। सभी की फॉरेंसिक जाँच कराई जा रही है। यही नहीं सीमा के पास एक सीडी भी बरामद हुई है, जो 2014 में उसकी पहली शादी की है।
फिलहाल ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस जोड़े को ज़मानत दे दी है, अभी इस प्रेम कहानी का अंजाम भविष्य के गर्त में है।
इसी तरह की एक दूसरी घटना इसी वर्ष जनवरी में बेंगलूरु में हुई ,जहाँ 19 साल की पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत की रहने वाली इकरा जिवानी को गिरफ़्तार किया गया। उसने कथित रूप से पाकिस्तान से अवैध रूप से नेपाल के रास्ते भारत में आकर मुलायम सिंह यादव नाम के युवक से विवाह कर लिया था तथा वे लोग लम्बे समय से नाम बदलकर बेंगलूरु में रह रहे थे। उस महिला ने पुलिस को बताया, "कुछ दिन पहले वह गेमिंग ऐप पर यादव से मिली। इस ऐप पर लूडो खेलते-खेलते उसे मुलायम सिंह यादव से प्यार हो गया। विवाह करने का निर्णय लेने के बाद वह पाकिस्तान से नेपाल के काठमांडू में आई और वहाँ हिन्दू रीति-रिवाजों से उन लोगों ने विवाह कर लिया। उसके बाद वे दोनों बिहार में अपने गाँव चले गए, कुछ दिन रहकर वहाँ से यादव जिवानी के साथ बेंगलूरु लौट गया,जहाँ वह गार्ड के रूप में काम करता था,वहाँ उसने जिवानी का नाम मयंक रावा यादव रखकर उसका आधार कार्ड भी बनवा लिया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यादव और जिवानी बेंगलूरु के सरजापुर में रहते थे,जहाँ गोविन्दा रेड्डी नाम के व्यक्ति ने उन्हें किराये पर घर दिया था हालाँकि इस प्रेम कहानी का अंत सुखद नहीं था, जिवानी को पाकिस्तान भेज दिया गया तथा मुलायम सिंह यादव को अवैध रूप से एक विदेशी महिला को शरण देने के आरोप में जेल भेज दिया गया। मुलायम सिंह यादव के घरवालों ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं से गुहार लगाई है,कि- जब दोनों ने विवाह कर लिया है तथा उन्होंने भी उसे अपनी बहू मान लिया है, इसलिए जिवानी को भारत लाया जाए तथा दोनों को साथ रहने की अनुमति दी जाए। अभी यह मामला मानवाधिकार संगठनों के सामने विचाराधीन है।
हर साल इस तरह की अनेक घटनाएँ भारत और पाकिस्तान दोनों में होती हैं, परन्तु अधिकांशतः सामने नहीं आतीं। ये घटनाएँ यह भी दिखाती हैं कि भारत और पाकिस्तान का राजनीतिक विभाजन कितना अवास्तविक था ? शीतयुद्ध के दौरान यूरोप में पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी में इस तरह की घटनाएँ होती रहती थीं तथा आज भी उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में इस तरह के जान को हथेली में रखकर एक-दूसरे के देशों में आने-जाने की घटनाएँ भी आम हैं।
अवैध रूप से बिना वीजा-पासपोर्ट के इस तरह की घटनाओं को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता , परन्तु भारत और पाकिस्तान के लिए इन घटनाओं का सबक़ यही है कि दुश्मनी को भुलाकर दोनों देशों के आम नागरिकों को सहज रूप से एक-दूसरे के देशों में आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए तथा वीजा देने की कठोर नीति को भी सहज और सरल किया जाए, जिससे इस काल्पनिक विभाजन के दु:खों और कड़वाहटों को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है।
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