नोटबंदी पर पर्दा डालने के लिए की गई ‘दूसरी नोटबंदी’, निष्पक्ष जांच होनी चाहिए : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा किए जाने के बाद शनिवार को केंद्र पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या नोटबंदी रूपी गलत निर्णय पर पर्दा डालने के लिए यह ‘दूसरी नोटबंदी’ की गई है।
उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष जांच से ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।
खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘आपने पहली नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को एक गहरा जख्म दिया था, जिससे पूरा असंगठित क्षेत्र तबाह हो गया, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) ठप हो गए और करोड़ों रोजगार गए! अब 2,000 रुपये के नोट वाली ‘दूसरी नोटबंदी।’ क्या यह गलत निर्णय के ऊपर पर्दा डालना है? एक निष्पक्ष जांच से ही कारनामों की सच्चाई सामने आएगी।’’
आपने पहली नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को एक गहरा ज़ख़्म दिया था।
जिससे पूरा असंगठित क्षेत्र तबाह हो गया, MSME ठप्प हो गए और करोड़ों रोज़गार गए !
अब ₹2000 के नोट वाली "दूसरी नोटबंदी"...
क्या ये ग़लत निर्णय के ऊपर पर्देदारी है?
एक निष्पक्ष जाँच से ही कारनामों की सच्चाई सामने आएगी।— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 20, 2023
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की। इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से जाकर बदला जा सकता है।
आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।
आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। हालांकि, एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जा सकेंगे।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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