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संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन के खिलाफ कर्मचारियों का धरना जारी, सपा विधायक भी धरने में शामिल

अस्पताल के कर्मचारियों ने मंगलवार से धरना शुरू किया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के गौरीगंज क्षेत्र से विधायक राकेश प्रताप सिंह कई ग्राम प्रधानों के साथ धरने में शामिल हुए। सिंह लगभग एक घंटे तक धरना स्थल पर रहे।
Rakesh Pratab singh

अमेठी (उप्र): उत्तर प्रदेश के अमेठी में इलाज में कथित लापरवाही के कारण एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के खिलाफ कर्मचारियों का धरना शनिवार को भी जारी रहा।

अस्पताल के कर्मचारियों ने मंगलवार से धरना शुरू किया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के गौरीगंज क्षेत्र से विधायक राकेश प्रताप सिंह कई ग्राम प्रधानों के साथ धरने में शामिल हुए। सिंह लगभग एक घंटे तक धरना स्थल पर रहे।

सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि संजय गांधी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई द्वेष भावना से की गयी है जबकि किसी भी अस्पताल और संस्थान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं और इस बात का ऐलान भी करता हूं कि जब तक संजय गांधी अस्पताल के कर्मचारियों को इंसाफ नहीं मिलेगा, मैं उनकी लड़ाई में शामिल रहूंगा।’’

सिंह ने अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर सभी सेवाओं पर रोक लगाये जाने के खिलाफ शुक्रवार को जिलाधिकारी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा जिसमें सात दिन के भीतर अस्पताल की सेवाएं फिर से बहाल नहीं करने की स्थिति में पूरे जिले में जन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई है। 

संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को दिव्या शुक्ला (22) नामक एक महिला मरीज की मौत के बाद 17 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था। महिला रोगी को 14 सितंबर को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं अमेठी जिला पंचायत के अध्यक्ष राजेश अग्रहरि के नेतृत्व में आज भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिव्या शुक्ला के परिजनों से राम शाहपुर गांव में जाकर मुलाकात की।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने दिव्या शुक्ला के परिवार को राहत के रूप में एक लाख रुपये का चेक सौंपा और उन्होंने कहा, ‘‘दिव्या शुक्ला के साथ जो भी कुछ हुआ वह बहुत ही दुखद और चिंताजनक है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।’’ 

उसके पति ने दावा किया कि दिव्या के इलाज में लापरवाही की गई जिसकी वजह से अंतत: उसकी मौत हो गई।

इससे पहले 16 सितंबर की देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था।

पुलिस प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी, जनरल सर्जन मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉ. शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया, जिसके बाद अस्पताल को ‘सीज’ करते हुए पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था।

संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा इसके सदस्य हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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