यूपी के बदलते मिज़ाज से बेचैन मोदी-संघ की योगी सरकार पर माथापच्ची
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री मोदी के लिए देश का सबसे बड़ा प्रदेश-उत्तर प्रदेश अब सचमुच मुश्किलें पैदा कर रहा है. कुछ 'अति-उत्साही लोग' तो 'मोदी बनाम योगी' जैसे जुमले भी उछाल रहे हैं. पर ये सच नहीं है. संघ-मोदी के लिए मसला योगी नहीं हैं. असल मसला है-यूपी का तेजी से बदलता मिज़ाज. अगर बदलते मिज़ाज को रोकने और 'हिदुत्वा' का समर्थन बनाये रखने के लिए योगी की जरूरत होगी तो वह रहेंगे, नहीं होगी तो वह जायेंगे. फैसला संघ-भाजपा को करना है. संघ का एक असरदार हिस्सा चुनाव से कुछ महीने पहले योगी को हटाने का जोखिम लेने के बजाय कुछ फेरबदल को ज्यादा उपयुक्त मान रहा है. आज यूपी में किसान अलग नाराज हैं, उच्च जातियों के एक हिस्से में भी गहरा असंतोष है और सबसे ज्यादा असंतोष कोरोना-कुप्रबंधन और दवा व आक्सीजन की कमी से हुई मौतों के चलते दिख रहा है. बड़ा सवाल है नेतृत्व में बदलाव होगा या केंद्र से भेजे एक पूर्व नौकरशाह को सरकार में अहम् राजनीतिक भूमिका में रखकर राजनीतिक समायोजन भर किया जायेगा? वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण:
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