यूपी चुनाव: छठे चरण में मतदान कम, बवाल ज़्यादा
उत्तर प्रदेश में छठे चरण के चुनाव संपन्न होते ही योगी आदित्यनाथ समेत उनके आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों की किस्मत भी ईवीएम में कैद हो गई। 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर 2022 विधानसभा की सबसे फिसड्डी वोटिंग हुई जो बहुत लिहाज़ से भाजपा के लिए राहत की बात भी है।
पिछली बार छठे चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में 56.47 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जबकि इस बार 55.70 फीसदी लोगों ने वोट डाला है। दिग्गजों की रैलियों में भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा था, कि इस बार बंपर मतदान होगा, लेकिन पोलिंग बूथ खुलने के बाद भी वोटरों में खासा उत्साह नहीं दिखाई दिया। सुबह 9 बजे तक महज़ 8.69 प्रतिशत मतदान ही दर्ज किया गया था, हालांकि इसके बाद मतदान में कुछ बढ़ोतरी हुई और शाम पांच बजे तक 53.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, लेकिन मामला फाइनल होते-होते ये 55.70 प्रतिशत पर पहुंच गया।
चरणवार देखें तो पहले चरण की 58 सीटों पर 62.4% वोटिंग हुई थी, जो 2017 से 1.2% कम थी। दूसरे चरण की 55 सीटों पर 64.66% वोटिंग हुई, जो 2017 से 1.1% कम रही। तीसरे चरण में 59 सीटों पर 62.28% वोटिंग हुई, जो 2017 से 1.21% कम था। चौथे चरण में 59 सीट पर 62.76% वोटिंग हुई, जो पिछले चुनाव से करीब 1% कम रहा। पांचवें चरण में 58.33 प्रतिशत मतदान हुआ जो 2017 के मुकाबले 1.1 प्रतिशत कम रहा।
छठे चरण में 10 ज़िलों में सबसे ज्यादा नज़रे गोरखपुर शहर पर थीं। क्योंकि यहां से योगी आदित्यनाथ ख़ुद चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर 56.23 प्रतिशत मतदान हुए जो 2017 के विधानसभा चुनावों से मामूली ज्यादा है। वहीं सबसे ज्यादा मतदान के मामले में अंबेडकर नगर ज़िला आगे रहा। यहां 62.22 प्रतिशत मतदान हुए। महाराजगंज, बस्ती और कुशीनगर भी सबसे ज्यादा वोटिंग वाले ज़िलों में शामिल रहे। इन ज़िलों में 55 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई। जबकि बलरामपुर और सिद्धार्थनगर ज़िलों में सबसे कम वोटिंग हुई। दोनों ही ज़िलों में मतदान 50 फीसदी के आसपास ही वोटिंग रही। बलरामपुर में सिर्फ 49.64 फीसदी तो सिद्धार्थनगर ज़िले में सिर्फ 50.38 फीसदी वोटिंग हुई।
2017 में कैसा रहा था मतदान
2017 में बलरामपुर जिले की बलरामपुर सीट पर सबसे कम 47.06% वोट पड़े थे। वहीं, अंबेडकर नगर जिले की टांडा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई थी। यहां 67.43% वोट पड़े थे। दूसरे नंबर पर जिले की अकबरपुर सीट रही थी जहां 66.73% वोट पड़े थे।
जिलों की बात करें तो अंबेडकर नगर जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई थी। यहां 64.11 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। वहीं, महाराजगंज जिला दूसरे नंबर पर रहा था। यहां 62.37 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। तीसरे नंबर पर कुशीनगर जिला रहा था। यहां 58.35 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। छठे चरण में शामिल जिलों में सबसे कम मतदान बलरामपुर जिले में हुआ था। जिले के केवल 51.02 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और बलिया में भी 55 फीसदी से कम मतदान हुआ था।
इन 57 सीटों पर 2017 में किसने बाजी मारी थी?
छठवें चरण में जिन 57 सीटों पर चुनाव हुआ, 2017 में इनमें से बीजेपी ने 46 सीटें जीती थीं जबकि बसपा 5, सपा 2 और कांग्रेस महज एक सीट पर सिमट गई थी। वहीं, सुभासपा, अपना दल और निर्दलीय के हिस्से एक-एक सीट आई थी. बीजेपी ने जिन 46 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उसमें अंबेडकर नगर की 2, बलरामपुर की 4, बस्ती से 5, गोरखपुर से 8, कुशीनगर से 5, देवरिया से 6, बलिया से 5 सीट हैं। सपा ने जिन दो सीटों पर जीत हासिल की थी, उसमें देवरिया की एक और बलिया की एक सीट थी।
एक ओर जहां छठा चरण मतदान के मामले में सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुआ तो हिंसा और बवाल के मामले में काफी आगे निकल गया। समय-समय पर बूथों से शिकायतें आती रहीं तो कहीं-कहीं छिटपुट बवाल भी देखने को मिला।
कहां-कहां ख़राब हुई ईवीएम
·गोरखपुर ग्रामीण सीट पर ईवीएम खराब होने से मतदान में रुकावट आई। यहां के बूथ नंबर 305 पर दो घंटे के करीब ईवीएम खराब रही, इस वजह से मतदान के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ा।
·सपा ने आरोप लगाया कि कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा 332 के बूथ नंबर 352 पर करीब एक घंटा ईवीएम मशीन खराब रही।
·सिद्धार्थनगर जिले की कपिलवस्तु विधानसभा 303 की बूथ संख्या 257 पर भी ईवीएम खराब होने की खबर आई। सपा ने इस संबंध में चुनाव आयोग को सूचित भी कराया।
·सिद्धार्थनगर जिले की ही बांसी विधानसभा 304 के बूथ नंबर 96 पर भी ईवीएम खराब होने की सूचना मिली।
·बस्ती की सदर विधानसभा 310 के बूथ नंबर 1 पर भी 3 घंटे तक ईवीएम खराब होने सूचना मिली।
·अंबेडकर नगर की आलापुर विधानसभा 279 के बूथ नंबर 71 पर भी ईवीएम खराब होने की खबर आई। जलालपुर के मिर्जा गालिब इंटर कालेज के मतदान केंद्र की बूथ संख्या 256 पर भी ईवीएम खराब होने की वजह से मतदान में बाधा पैदा हुई।
चंद्रशेखर ने लगाए फर्जी वोटिंग के आरोप
गोरखपुर में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया। शिवपुर सहबाजगंज में वोट डालने पहुंची महिला को बताया गया कि उसका वोट पहले ही पड़ चुका है। महिला को लेकर बूथ पर पहुंचे चंद्रशेखर को देख विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। उन्होंने कहा कि जिस चेहरे पर प्रदेश विजय की गलतफहमी पाले हैं वो अपनी ही सीट पर हार के डर से बेईमानी पर उतर आएं हैं।
वोट डालने के बाद ही बुजुर्ग ने तोड़ा दम
छठे चरण के मतदान के दौरान एक अप्रिय घटना भी हुई, बस्ती की रुधौली विधानसभा सीट के अमरौली सुमाली क्षेत्र में वोट देने के बाद एक बुजुर्ग ने मतदान केंद्र के पास ही दम तोड़ दिया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।
प्रधान पर बीजेपी के पक्ष में वोटिंग का दबाव डालने का आरोप
सपा ने आरोप लगाया कि बलिया की बेल्थरा रोड विधानसभा 357 की बूथ संख्या 358 पर गांव के प्रधान ने बूथ के भीतर बैठ भाजपा के समर्थन में वोटिंग का दबाव बनाया। सपा ने इस बारे में चुनाव आयोग से अपील भी की।
स्वामी प्रसाद मौर्य का बेटा गिरफ्तार
कुशीनगर जिले के फाजिलनगर से सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार शाम सोशल मीडिया पर लिखा कि पुलिस ने उनके बेटे अशोक मौर्य को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जिलाधिकारी कुशीनगर एस राजलिंगम ने गिरफ्तारी से इनकार किया। ज़िलाधिकारी ने कहा "गिरफ्तारी की सूचना बिल्कुल गलत है। जिलाधिकारी ने कहा था कि "उनके बेटे को पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया। ये चुनाव आचार संहिता का साफ उल्लंघन है 48 घंटे के अंदर, जो उस विधानसभा का मतदाता नहीं है, वो वहां नहीं रहना चाहिए। तो ये किस परिस्थिती में वहां पाए गए। ये वहां के वोटर भी नहीं हैं और क्या कर रहे थे। पूछताछ के लिए आरओ और फ्लाइंग स्क्वॉड की टीम मौके पर गई है। जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.
#kushinagar समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के बेटे की गिरफ्तारी की गलत सूचना के संबंध में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कुशीनगर द्वारा दी गयी बाईट। #uppolice pic.twitter.com/LlTVOzm0fr
— Kushinagar Police (@kushinagarpol) March 2, 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगाया था बीजेपी कार्यकर्ताों पर ये आरोप
बीते रोज़ स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने काफिले पर हमला करने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, "निर्धारित रूट पर रोड शो करते वक्त भाजपा के गिरोह बंद लोगों द्वारा मेरे ऊपर व काफिले में चल रही गाड़ियों को बुरी तरह से तोड़फोड़ व कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला करना भाजपा की हताशा का प्रतीक है, मैं घोर निंदा करता हूं, लोकतंत्र को लाठी-डंडे कट्टे व हिंसा से कमजोर नहीं किया जा सकता।‘’ इससे पहले मौर्य ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसनें गाड़ी पर पथराव होता दिखा रहा है।
ऐ देखो भाजपा का असली रूप।
योगी जी आप ने हमला करवाया जरूर लेकिन मैं सुरक्षित हूँ। pic.twitter.com/YLpVOG9QO3— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 2, 2022
बलिया में भाजपा प्रत्याशी दयाशंकर पर हमला
वोटिंग से चंद घंटे पहले बलिया में भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के काफिले पर हमला हुआ है। यह हमला दुबहर थाना क्षेत्र के आखार गांव में बुधवार रात करीब 12:30 बजे हुआ। दयाशंकर सिंह ने आरोप लगाया, जिस तरीके से कृष्णानंद राय की हत्या की गई, उसी तरीके से मेरी हत्या करने की साजिश रची गई। हमले में उनके साथ चल रहे भाजपा नेता टुनजी पाठक की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं एक गाड़ी और उसके ड्राइवर को पकड़ लिया गया।
मतदान के साथ-साथ जहां एक ओर कुछ घटनाएं देखने को मिली तो दूसरी ओर सियासत भी खूब हुई।
ममता बोलीं- यूपी में खेला होबे
अखिलेश यादव के समर्थन में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाराणसी में पहली चुनावी रैली की। उन्होंने कहा कि यूपी में खेला होबे। बुधवार को काले झंडे दिखाने को लेकर ममता ने कहा कि मैं डरती नहीं हूं। मैं लड़ाका हूं।
जौनपुर में पीएम बोले-पांच साल पहले मेरी चिट्ठी गायब हो जाती थी
जौनपुर में पीएम मोदी ने अखिलेश यादव पर हमला किया। उन्होंने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा, 'पांच साल पहले मैं उन्हें चिट्ठी भेजता था क्योंकि यूपी में उनकी सरकार थी। मैंने बार-बार कहा कि यूपी वालों के घर बनवाने के लिए कुछ करिए, लेकिन मेरे पत्र गायब हो जाते थे। मैंने घर बनवाने के बारे में उनसे पूछा कि कितने घर बनवाओगे तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
क्योंकि आखिरी चरण के मतदान भी पूर्वांचल के ज़िलों में ही होने हैं, ऐसे में योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा अभी खत्म नहीं हुई है। 9 ज़िलों की 54 सीटों पर मतदान होने के बाद ही पता चल पाएगा की बयार किस ओर बह रही है। हालांकि अंतिम नतीजो के लिए 10 मार्च का इंतज़ार करना होगा।
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