नाटक-गाने और किताबों से लड़ी जाती है नफ़रती निज़ाम के ख़िलाफ़ जंग यहां
विशेष पेशकश में आज वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से वाम-प्रगतिशील धारा के नाटक, गीत, किताबें, भाषण देश में फैली नफ़रती सत्ता को जमीनी चुनौती देने का काम करता है जालंधर का गदरी बाबा का मेला। संस्कृतिकर्मी अमोलक, नवशरण, विनय-चारू और परमिंदर सिंह सहित अनगिनत लोगों की आवाजों को समेटा।
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