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BHU: जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ख़त्म, दोषियों के निलंबन समेत कई बिंदुओं पर सहमति

बीएचयू के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बदसलूकी की घटना के बाद जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे। अब जांच कमेटी ने तय किया है कि जो दोषी होंगे उन्हें विश्वविद्यालय से निलंबित किया जाएगा।
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वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पिछले पांच दिनों से चल रही जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल समाप्त हो गई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जूनियर डॉक्टरों ने फिर से अस्पताल में कामकाज शुरू कर दिया है। मंगलवार को सभी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो गईं। समझौता वार्ता के बाद जूनियर रेजीडेंट्स ने सोमवार की रात कैंडिल लाइट मार्च नहीं निकाला।

आपको बता दें, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में डॉक्टरों के साथ मारपीट और इमरजेंसी विभाग में तोड़फोड़ की घटना हुई थी जिसके बाद से जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे और आरोपी छात्रों की गिरफ़्तारी की मांग पर अड़े थे।

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सोमवार की देर शाम अस्पताल प्रशासन और जूनियर डाक्टरों के बीच हुई लंबी वार्ता के बाद ज़्यादातर मांगें मान ली गईं। इस बैठक में कई घंटे तक चर्चा के बाद जूनियर रेजिडेंट्स की तरफ़ से हड़ताल को खत्म करने का फैसला आया। जांच कमेटी ने तय किया है कि जो छात्र दोषी होंगे, उन्हें विश्वविद्यालय से निलंबित किया जाएगा। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के ओपीडी और वार्ड में अब हर मरीज के साथ दो से अधिक अटेंडेंट नहीं आ सकेंगे। छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है कि वे अपने हेल्थ कार्ड पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के इलाज करवाने पर फ्री ऑफ कॉस्ट की सुविधा का लाभ नहीं उठा सकेंगे। उनके नोड्यूज के दौरान इसके पैसे काटे जाएंगे। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी वार्ड, डेंटल, पीडियाट्रिक्स और एमसीएच विंग में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी।

बैठक में यह भी तय किया गया कि ओपीडी के पास पुलिस हेल्प डेस्क की व्यवस्था की जाएगी। इस डेस्क का संचालन स्थानीय प्रशासन और लोकल लॉ इंफोर्समेंट अथॉरिटीज के सहयोग से किया जाएगा। बैठक में कुछ अहम बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि 21 से 26 सितंबर तक हड़ताली रेजिडेंट की हाजिरी माफ रहेगी। उनकी सैलरी भी नहीं काटी जाएगी। सिक्योरिटी गार्ड्स हर चार घंटे में अस्पताल परिसर के अंदर पेट्रोलिंग करेंगे। अस्पताल की ओपीडी और वार्ड में प्रवेश के लिए बायोमीट्रिक लॉक गेट लगाया जाएगा। बीस सीनियर रेजीडेंट और दस नॉन-एकेडमिक जूनियर रेजीडेंट नियुक्त किए जाएंगे, जो मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के अधीन काम करेंगे।

सर सुंदर लाल अस्पताल में जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरियर्स लगाए जाएंगे। सभी ओपीडी में जांच करने वाले दो स्टाफ रहेंगे, जिनकी शिफ्टवार ड्यूटी लगाई जाएगी। अस्पताल में आने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए नोड्यूज के माध्यम से इलाज किया जाएगा। बीएचयू के छात्र अब तभी अस्पताल में मरीज दिखा सकेंगे, जब उनके पास विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर द्वारा रेफर पर्चा होगा।

हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि बीएचयू का हेल्थ कार्ड तभी स्वीकार किया जाएगा, जब वो रेफर कराकर लाएंगे। अस्पताल प्रशासन ने डाक्टरों की इन सभी मांगों को मान लिया है। जूनियर रेजीडेंट्स और अस्पताल प्रशासन के बीच हुई वार्ता के बाद सर सुंदरलाल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। छात्रों और मरीजों को अब सुरक्षित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, जो बिना किसी बाधा के प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाएंगी।

अस्पताल प्रशासन अफसर सोमवार की देर शाम तक जूनियर डॉक्टरों को मनाने में जुटे रहे। जांच कमेटी ने साफ-साफ कहा कि जो भी दोषी छात्र होंगे, उनको विश्वविद्यालय से सस्पेंड किया जाएगा। पांच सदस्यीय जांच कमेटी में डिप्टी मेडिकल सुप्रीटेडेंट डॉ. अंकुर सिंह, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रो. एलएम अग्रवाल, कैजुअल्टी सर्विस प्रो. विवेक श्रीवास्तव, असिस्टेंट इंजीनियर सचिन पांडेय और डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. रश्मि रंजन शामिल थीं।

उल्लेखनीय है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट और इमरजेंसी विभाग में तोड़फोड़ करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी नहीं होने की वजह से पिछले पांच दिनों से हड़ताल चल रही थी। अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 20 सितंबर 2023 की देर रात भूतल पर इमरजेंसी डॉक्टर इलाज में लगे थे। इसी बीच लिफ्ट से बीएचयू के कुछ छात्र इमरजेंसी वार्ड में आए और अपने परिजनों का इलाज जल्द कराने का दबाव बनाने लगे। बाद में दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी। सुरक्षाकर्मियों ने शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। सुरक्षाकर्मियों से भी उनकी नोक-झोंक होने लगी। इसी दौरान नाराज़ युवकों ने कई जूनियर डॉक्टरों पिटाई शुरू कर दी। इस वारदात में दो महिलाओं के अलावा पांच जूनियर डॉक्टर घायल हो गए। जूनियर डॉक्टर हमलावर छात्रों की तत्काल गिरफ्तारी, पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग पर अड़े हुए थे।

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