IIT-BHU गैंगरेप मामलाः अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल करने की तैयारी में पुलिस
IIT-BHU की बीटेक छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पुलिस इसी हफ्ते कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटा लिया है। दरिंदगी करने वालों की तस्वीर पीड़िता को दिखाकर पुलिस उनकी शिनाख्त करवा चुकी है। सिर्फ अभियुक्तों के मोबाइल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। इस बीच, इस मामले को लेकर नागरिक समाज संगठन और महिला कांग्रेस ने बीएचयू स्थित लंका गेट पर प्रदर्शन किया और अभियुक्तों को कथित तौर पर 'संरक्षण' देने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ एक्शन लेने की मांग की गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गैंगरेप मामले में पुलिस पिछले दो महीने से अभियुक्तों की सभी गतिविधियों पर नजर रख रही थी। उनके मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाए गए थे और वो टेप किए जा रहे थे। 01 नवंबर को अभियुक्त कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और आनंद चौहान ने छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। इन अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 323, 342, 342, 354, 506, 509 के अलावा गैंगरेप की धारा 376 डी और 66 ई आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। ये ऐसी धाराएं हैं जिसमें अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा हो सकती है।
नेताओं के साथ वाली तस्वीरें डिलीट
पुलिस जांच से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि तीनों अभियुक्तों के सत्तारूढ़ दल के एक विधायक के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं के बेहद करीबी रिश्ते थे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अभियुक्तों के जितने एकाउंट थे, उसे हैक कर बीजेपी के नेताओं की तस्वीरों को डिलीट करा दिया गया है। इनमें वो तस्वीर भी शामिल है जिसमें बीजेपी मीडिया सेल के मुखिया अमित मालवीय के साथ अभियुक्त खड़े थे। गिरफ्तारी के तत्काल बाद इनके ट्विटर एकाउंट भी डिलीट कर दिए गए। हालांकि डिलीट की गई ज्यादातर तस्वीरें बहुत से लोगों ने पहले से ही अपने मोबाइल में सुरक्षित कर ली हैं। विपक्षी दल इन्हीं तस्वीरों के जरिये बीजेपी नेताओं पर हमले कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों की मानें तो अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत जुटा लिए गए हैं। चार्जशीट तैयार करने में कमिश्नरेट पुलिस ने क्राइम ब्रांच की सर्विलांस टीम के एक अफसर की मदद ली है। इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने तीनों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ विस्तृत चार्जशीट बनाई है। जिस समय पुलिस ने छात्रा से अभियुक्तों की शिनाख्त कराई उस समय का वीडियो भी चार्जशीट में जोड़ा गया है। पुलिस का मानना है कि इस मामले में शिनाख्त परेड की कार्रवाई की जरूरत नहीं है। पुलिस यह कार्रवाई तब करती है जब अभियुक्तों के चेहरे छिपे होते हैं। मीडिया और सोशल मीडिया में इनकी ढेरों तस्वीरें तैर रही हैं। ऐसे में शिनाख्त कार्रवाई का कोई मतलब नहीं है।
अभियुक्तों का ख़राब आचरण
बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने 18 मेन और 45 सहायक कैमरों के जरिये वारदात की रात का जो गूगल रूट चार्ट तैयार किया है उसके मुताबिक, गैंगरेप के आरोपी कुणाल, सक्षम और आनंद 01 नवंबर 2023 को सबसे पहले सिगरा स्थित नगर निगम के पार्क में इसी इरादे से गए, इसके बाद वे नक्कटैया मेले में गए। जानकारी के मुताबिक़ इसके बाद वे गोदौलिया, सोनारपुरा और भदैनी होते हुए बीएचयू पहुंचे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आमतौर पर तीनों रोज ही बीएचयू परिसर में आते थे और आती-जाती लड़कियों के साथ बदसलूकी करते थे। पुलिस के मुताबिक, तीनों अभियुक्त रोजाना शराब पीकर इस तरह की हरकते करते थे।
पुलिस ने तीनों अभियुक्तों का मोबाइल फोन खंगाला तो पता चला कि वे अडल्ट कंटेंट देखने के आदि थे। इनके मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब भेजा गया है। गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के बाद अभियुक्तों ने अपने मोबाइल फोन में पीड़िता की तस्वीरें भी कैद की थीं और वीडियो भी बनाया था। घटना के बाद बीएचयू में आंदोलन-प्रदर्शन होने लगे तो उन्होंने भयभीत होकर वो पीड़िता की तस्वीरें डिलीट कर दीं। पुलिस ने उन तस्वीरों को रिकवर करने के लिए तीनों का मोबाइल फोन फोरेंसिक लैब में भेजा है।
स्टूडेंट्स ने किया प्रोटेस्ट
IIT छात्रा से गैंगरेप मामले में पीड़िता को न्याय और गुहगारों सजा दिलाने के लिए गुरुवार की शाम बीएचयू के स्टूडेंट्स और नागरिक समाज ने प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने मांग की कि "अब तक आरोपियों को कौन बचा रहा था, इसकी निष्पक्ष जांच हो और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। बीएचयू के स्टूडेंट्स पर एबीवीपी द्वारा दर्ज कराए गए झूठे मुकदमें वापस लिए जाएं। विश्वविद्यालय में तत्कालीन प्रभाव से जीएस कैश की बॉडी लागू की जाए। कैंपस में लड़कियों के लिए लागू कर्फ्यू टाइमिंग को हटाया जाए।"
भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा की अध्यक्ष आकांक्षा आज़ाद ने सवाल करते हुए कहा कि गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के बाद बीजेपी ने तीनों अभियुक्तों को चुनाव प्रचार करने के लिए मध्य प्रदेश क्यों भेजा, इस मामले में बीजेपी को श्वेत-पत्र जारी करना चाहिए। आकांक्षा ने कहा, "दो महीने तक पुलिस की चुप्पी इस बात की पुष्टि करती है कि तीनों राज्यों में हो रहे चुनाव प्रभावित न हो, इसलिए अभियुक्तों को पकड़ने से पुलिस बच रही थी। अभियुक्तों की बीजेपी के शीर्ष नेताओं तक पहुंच थी। प्रधानमंत्री मोदी, योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ इनकी तस्वीरें बहुत कुछ कहती हैं। अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि अभियुक्तों ने और कितनी लड़कियों के साथ यौन हिंसा की वारदातों को अंजाम दिया है। पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लिया जाना चाहिए, लेकिन पुलिस ऐसा करने से बच रही है।"
भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा से जुड़ी इप्शिता ने कहा, "भाजपा और आरएसएस जैसे संगठनों ने देश में राजनीति का स्तर बहुत गिरा दिया है। अपराधी होना इन संगठनों में प्रोमोशन की आवश्यक शर्त बन चुकी है। कठुआ, उन्नाव, सोनभद्र से लेकर हाथरस तक हुए बलात्कर की घटनाओं में बीजेपी नेता या तो संलिप्त मिले या फिर अपराधियों के साथ खड़े पाए गए। मणिपुर में सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कर होता रहा, लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत दिनों बाद टूटी। महिला पहलवान पिछले एक साल से न्याय की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। बिल्किस बानो के बलात्कारियों को पहले जेल से रिहा कराना और फिर उनका फूल माला से स्वागत, भाजपा के असली चेहरे को उजागर करता है।"
ऑल इण्डिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) की सोनाली ने कहा, "भाजपा ने ही सोशल मीडिया ट्रोलिंग की संस्कृति विकसित की, जहां महिला विरोधी गाली-गलौज करना इनके कार्यकर्ताओं की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है। बीएचयू गैंगरेप मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग करने वाले स्टूडेंट्स पर झूठे मुकदमें लादे गए। कितनी शर्म की बात है कि बीएचयू जैसी शिक्षण संस्था में बेटियां सुरक्षित नहीं है।"
एपवा की सुनीता ने कहा, "भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में पहले स्थान पर है। एनसीआरबी, 2023 के आंकड़ों के अनुसार बनारस में हर छठवें दिन बलात्कार की घटना हो रही है। इन आंकड़ो के अनुसार ही बनारस में 18 वर्ष से कम उम्र के 46 बच्चे-बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हुई, वहीं महिलाओं के साथ रेप के 61 मामले आए हैं।"
किसान महासभा की कृपा वर्मा ने कहा, "मैं बीएचयू की छात्राओं को सलाम करती है कि इतने दमन के बाद भी उन्होंने ये आंदोलन जारी रखा।"
स्टूडेंट फ्रंट से शशिकांत ने कैंपस में जीएस कैश को बहाल करने की मांग की। भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा से आकांक्षा ने सिलसिलेवार घटना की जानकारी दी और सवाल किया कि "जहां लड़कियां पढ़ने आई है वहां इस तरह की वारदात से उनमें खौफ पैदा हो गया है।"
महिला कांग्रेस ने भी किया प्रदर्शन
गैंगरेप केस को लेकर गुरुवार को कांग्रेस पार्टी की महिला विंग ने प्रदर्शन करते हुए अभियुक्तों को कथित रूप से पनाह देने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में बनारस के सांसद नरेंद्र मोदी को भी चुप्पी तोड़नी चाहिए। वाराणसी के नदेसर स्थित डाकघर के बाहर पहुंची दर्जनों की संख्या में कांग्रेस की महिला नेताओं ने बीजेपी के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पीड़िता को न्याय देने और दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की।
कांग्रेस महिला विंग की महानगर अध्यक्ष पूनम विश्वकर्मा ने कहा कि, "पुलिस ने पांच दिन बाद ही आरोपियों को चिन्हित कर लिया था तो उनकी गिरफ्तारी दो महीने के बाद क्यों की गई। पांच राज्यों का चुनाव बीत जाने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर खानापूर्ति की गई। आरोपियों को कड़ी सजा दिए जाने के साथ थी उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाए। पुलिस जांच से यह साफ हो गया है कि आरोपी भाजपा आईटी सेल से जुड़े हुए लोग हैं, तो उन्हें पनाह देने वाले अब तक क्यों नहीं पकड़े गए।"
इससे पहले आम आदमी पार्टी और इसकी महिला प्रकोष्ठ ने दोपहर में लंका चौराहा, बीएचयू मेन गेट, मालवीय जी की मूर्ति के पास दर्शन किया। आप की प्रदेश महासचिव रेखा जायसवाल ने कहा कि, "बीएचयू की घटना यह दर्शाती है कि प्रदेश सरकार बलात्कारियों के साथ खड़ी है और उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।" इस बीच, समाजवादी पार्टी ने भी बांदा, इलाहाबाद, हापुड़ समेत कई जिलों में आंदोलन-प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
(लेखक बनारस स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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