बालासोर दुर्घटना: गैर-इरादतन हत्या, सबूत नष्ट करने के आरोप में तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर
नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दो जून के बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में कथित गैर-इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने के सिलसिले में गिरफ्तार रेलवे के तीन अधिकारियों के खिलाफ शनिवार को आरोप-पत्र दायर किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीआई ने बालासोर जिले में तैनात तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर अमीर खंड और तकनीशियन पप्पू कुमार को बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच के सिलसिले में सात जुलाई को गिरफ्तार किया था। इस दुर्घटना में 296 लोग मारे गए थे और 1,200 से अधिक घायल हुए।
यह दुर्घटना दो जून को उस वक्त हुई, जब कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और पटरी से उतरे इसके कुछ डिब्बे बगल की पटरियों पर गिर गए तथा वहां से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए।
भुवनेश्वर में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में, जांच एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग-दो (गैर-इरादतन हत्या), धारा 201 (साक्ष्य का विलोपन) ,धारा 34 तथा रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत आरोप लगाये हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोप लगाया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर मरम्मत का काम महंत द्वारा एलसी गेट नंबर 79 के सर्किट आरेख का उपयोग करके किया गया था।
उन्होंने कहा कि आरोपी का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना था कि मौजूदा सिग्नल और ‘इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन’ का परीक्षण, मरम्मत और बदलाव स्वीकृत योजना और निर्देशों के अनुसार हो, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
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