ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध
नयी दिल्ली: सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने के लिए ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक को मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया।
संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 को विधायी कार्यों की अनुपूरक सूची के माध्यम से निचले सदन में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया।
नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक होगा।
सरकार ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम बनाना है।
विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
इसमें कहा गया है कि परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला बदली होगी।
सरकार का कहना है कि महिलाएं अलग-अलग दृष्टिकोण लाती हैं और विधायी बहस तथा निर्णय लेने की गुणवत्ता को समृद्ध बनाती हैं।
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