“लोकतंत्र की हत्या”: देश के चैंपियन हिरासत में, सड़कों पर घसीटा गया, जंतर-मंतर से लेकर दिल्ली के सभी बॉर्डर्स का हाल
आज जब देश एक तरफ़ नई संसद का “कर्मकांड” देख रहा था, टीवी पर हर पल और हर एंगल से लाइव कवरेज़ चल रहा था, ठीक उसी समय दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के चैंपियन, देश का मान बढ़ाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवानों को सड़क पर घसीटा जा रहा था। पुलिस, आरएएफ और अन्य सुरक्षा बल उन्हें ज़बरन बसों में भर रहे थे। और यह केवल जंतर-मंतर का हाल नहीं था, दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को आज लगभग जेल में तब्दील कर दिया गया था। दिल्ली के सभी बॉर्डर सील थे और भारी पुलिस बंदोबस्त था। टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर किसी से भी आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में आने वाले लोगों ख़ासकर किसानों और खाप पंचायत के सदस्यों को नहीं आने दिया गया। उन्हें बॉर्डर से बहुत पहले रोक लिया गया और हिरासत में लेकर वापस भेज दिया गया।
इसी पीड़ा को ओलंपिक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने अपने ट्वीट में कुछ इस तरह बयां किया-
“यौन शोषण करने वाला गुंडा बृज भूषण आज संसद में बैठा है और हमें सड़क पर घसीटा जा रहा है। Sad day for Indian sports”
यौन शोषण करने वाला गुंडा बृज भूषण आज संसद में बैठा है और हमें सड़क पर घसीटा जा रहा है।
Sad day for Indian sports pic.twitter.com/ckAPmbtl4S— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 28, 2023
पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सवाल किया-
“क्या कोई सरकार अपने देश के चैम्पियंस के साथ ऐसे बर्ताव करवाती है ? हमने क्या गुनाह किया है?”
क्या कोई सरकार अपने देश के चैम्पियंस के साथ ऐसे बर्ताव करवाती है ? हमने क्या गुनाह किया है? pic.twitter.com/eUUxOA7tfw
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 28, 2023
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट किया-
“यह डरावना है। जिसको पकड़कर जेल में डालना था वो आजाद घूम रहा है। जिनके सम्मान की रक्षा करनी थी उनको दिल्ली की सड़कों पर घसीटा जा रहा है। हमने "हिटलर के राज" के बारे में सुना था लेकिन अब मोदी जी के शासन में उसे ही साक्षात देख रहे है, एक अपराधी को बचाने के लिये किस हद तक गिरेगी मोदी सरकार। शर्म करो।“
यह डरावना है। जिसको पकड़कर जेल में डालना था वो आजाद घूम रहा है। जिनके सम्मान की रक्षा करनी थी उनको दिल्ली की सड़कों पर घसीटा जा रहा है। हमने "हिटलर के राज" के बारे में सुना था लेकिन अब मोदी जी के शासन में उसे ही साक्षात देख रहे है, एक अपराधी को बचाने के लिये किस हद तक गिरेगी मोदी… pic.twitter.com/vFPdTnoMy5
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) May 28, 2023
न्यूज़क्लिक की टीम आज जंतर-मंतर समेत दिल्ली के सभी बॉर्डर्स पर मौजूद रही। जंतर मंतर से पहलवानों और अन्य लोगों को हिरासत में लिए जाने की लाइव रिपोर्टिंग आप यहां देख सकते हैं- सभी जगह एक ही नारा गूंजा- आज लोकतंत्र का काला दिन है, आज लोकतंत्र की हत्या हुई है।
जंतर-मंतर पर मौजूद हमारी संवाददाता नाज़मा ख़ान ने रिपोर्ट किया-
- पहलवानों की महिला पंचायत से पहले जेल में तब्दील कर दिया गया दिल्ली को
- पहलवानों को हिरासत में लेकर जंतर-मंतर से उखाड़ दिए गए तंबू
दिल्ली का जंतर मंतर आज एक अखाड़े में तब्दील हो गया, दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर बैरिकेड तो लगाए ही गए थे लेकिन जंतर-मंतर को भी पूरी तरह से जेल में तब्दील कर दिया गया था। पहलवानों ने अपने तय साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही महिला महापंचायत के लिए नई संसद की तरफ कूच करने की कोशिश की चारों तरफ हंगामा शुरू हो गया।
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ समर्थकों ने तिरंगा थामे जैसे ही चलना शुरू किया दिल्ली पुलिस और वहां तैनात सुरक्षा बल हरकत में आ गए। सभी ने जैसे ही जनपथ की तरफ बढ़ना शुरू किया पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान भगदड़ मच गई और पहलानों को घसीटते हुए हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान पुलिस पर साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के कपड़े तक फाड़ने का आरोप लगा।
एक तरफ पुलिस इन तीनों को धक्का-मुक्की करते हुए हिरासत में ले रही थी वहीं दूसरी तरफ उनके समर्थक जमकर नारेबाज़ी कर रहे थे। जंतर-मंतर के चारों तरफ जो समर्थक पहुंच पाए थे पुलिस उन्हें भी जबरन पकड़कर बसों में बैठकर आस-पास के थानों में ले जा रही थी। लेकिन जंतर-मंतर के चारों तरफ लगे बैरिकेड के पास नारेबाज़ी होती रही। महिला संगठन, छात्र जो भी यहां तक पहुंचे थे, जो पहलवानों के समर्थन और यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी के नारे लग रहे थे।
एक तरफ पुलिस पहलवानों के समर्थकों, मीडिया कर्मियों को हिरासत में ले रही थी वहीं दूसरी तरफ जंतर-मंतर पर धरना स्थल पर लगे तंबूओं को उखाड़े का भी सिलसिला शुरू हो गया।
ये सब देखकर वहां पहुंचे लोगों में भारी आक्रोश दिखा, सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी हुई। हिरासत में लिए जा रहे लोगों ने आरोप लगाया कि '' आज का दिन लोकतंत्र के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा''।
वहीं कई महिला संगठनों ने हमें बताया कि उनके नेताओं को घर पर ही आज सुबह हिरासत में ले लिया गया है।
ख़बर लिखे जाने तक हमने पहलवानों के साथ गिरफ़्तार किए गए समर्थकों से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि'' अलग-अलग बसों में लोगों को करनाल बाईपास की तरफ ले जाया जा रहा है।
जंतर-मंतर पर क्या कुछ हुआ आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं-
टिकरी बॉर्डर पर मौजूद रहे हमारे रिपोर्टर रवि शंकर दुबे ने बताया कि पहलवानों के समर्थन में दिल्ली जा रहे किसानों को टिकरी बॉर्डर से पहले ही रोक लिया गया।
सिंघु और ग़ाज़ीपुर की तरह आज टिकरी बॉर्डर को भी छावनी में तब्दील कर दिया गया। बड़े-बड़े पत्थरों, बैरिकेडिंग और भारी पुलिस बल के ज़रिए किसानों में डर पैदा करने की कोशिश की गई। महिला किसानों का जत्था टिकरी बॉर्डर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पार नहीं करने दिया। लेकिन किसानों ने वहीं बॉर्डर पर बैठ कर ज़बर्दस्त प्रदर्शन किया। मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। साथ ही सांसद और यौन शोषण के आरोपी बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग की। इस दौरान किसानों ने कहा की हमें मरते दम तक प्रदर्शन करना पड़े, मगर बृज भूषण को गिरफ़्तार करवा के ही दम लेंगे। किसानों का प्रदर्शन उग्र होता देख पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेकर किसानों को बहादुरगढ़ के महिला शहर थाना में ले जाया गया। इस दौरान किसानों ने कहा कि चाहे जेल में डालो या फांसी चढ़ाओ, मग़र बेटियों को इंसाफ़ दिलवा कर रहेंगे।
टिकरी बॉर्डर का नज़ारा आप इन तस्वीरों में कर सकते हैं-
सिंघु बॉर्डर से हमारे संवाददाता रवि कौशल ने बताया कि यहां भी टिकरी बॉर्डर जैसा हाल रहा। आंदोलन में शामिल होने जा रहे लोगों को रोक लिया गया और हिरासत में ले लिया गया।
सिंघु बॉर्डर का नज़ारा आप इन तस्वीरों के ज़रिये कर सकते हैं-
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