वाराणसी में 'NPS-निजीकरण भारत छोड़ो' जनसंवाद, तैयारी में जुटे संगठन
21 जनवरी, 2024 को रेलवे समेत तमाम सरकारी कर्मचारियों द्वारा उत्तर प्रदेश 'एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो' जनसंवाद किया जाएगा। इससे पहले 14 जनवरी, सोमवार को लखनऊ जंक्शन पर 'फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे', 'नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम’, व 'एनई रेलवे मेंस कांग्रेस' के आह्वान पर इस 'जनसंवाद' की सफलता के लिए एक जन संपर्क अभियान चलाया गया और शाम को लखनऊ जंक्शन के पूर्वोत्तर रेलवे प्लेटफॉर्म छह से लखनऊ जंक्शन उत्तरीय रेलवे चारबाग़ तक कैंडल मार्च निकाला गया।
कार्यक्रम के दौरान नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि “12 जनवरी से 25 तक जारी अटेवा/NMOPS द्वारा चलाये जा रहे एनपीएस-निजीकरण भारत छोड़ो जन संवाद से हम सबको जोड़ रहे हैं।"
एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के केंद्रीय अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि "कई वर्षों के संघर्ष के बाद आज सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली बना है।"
एनई रेलवे-फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के ज़ोनल संयोजक राकेश कुमार ने कहा कि "आने वाले लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली को मुख्य मुद्दा बनाना हमारा मुख्य लक्ष्य है,
नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे के राष्ट्रीय प्रचार सचिव डॉ. कमल उसरी ने कहा कि "वर्तमान केंद्र सरकार अमीरों का लाभ और गरीबों का विनाश करते हुए पैंसेंजर ट्रेन का किराया एक्सप्रेस जितना कर रही है और वंदे भारत समेत सभी ट्रेनों के एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए में 25% तक कटौती कर रही है। जनता की सवारी भारतीय रेलवे के निजीकरण को सिर्फ़ रेलवे में कार्यरत कर्मचारी नही रोक पाएंगे, चूंकि भारतीय रेलवे से यात्रियों को पूर्व में वरिष्ठ नागरिकों सहित आम अवाम को मिलने वाली तमाम सुविधाओ को वर्तमान केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों के साथ बेरोज़गार नौजवान, छात्र, किसान, पत्रकार, कलाकार की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए ही हम एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो जन संवाद का आयोजन कर रहें हैं।"
रेलवे यूनियन नेताओं ने संयुक्त रूप से 21 जनवरी 2024 को वाराणसी में होने वाले जनसंवाद में बड़ी संख्या मे पेंशन विहीन रेलवे, केंद्रीय व राज्य, शिक्षक कर्मचारियों को शामिल होने की अपील की है।
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