वर्ल्ड कप मैच के दौरान दिखा यूपी ITI इंस्ट्रक्टर भर्ती की मांग वाला पोस्टर
‘योगी जी हमारी भर्ती पूरी करो, हमारी मदद करो’ - पोस्टर पर लिखा ये स्लोगन किसी प्रदर्शन या धरना स्थल का नहीं है बल्कि ये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 12 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच वर्ल्ड कप मैच के बीच का एक नज़ारा था। जहां ITI इंस्ट्रक्टर 2022 की भर्ती परीक्षा को जल्द पूरी करने की एक बार फिर मांग उठी।
आपको बता दें कि पिछले लगभग 20 महीने से उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UPSSSC की ITI इंस्ट्रक्टर भर्ती लटकी पड़ी है। इसे लेकर अभ्यर्थी निराश हैं, जिसके चलते वर्ल्ड कप मैच के दौरान ये पोस्टर देखने को मिला। एक अभ्यर्थी ने अपने पोस्टर के ज़रिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से भर्ती जल्दी पूरी करने की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से ITI इंस्ट्रक्टर के कई पदों पर भर्ती के लिए 18 जनवरी 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक 8 फरवरी 2022 तक परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन कराना था। इस परीक्षा में वही अभ्यर्थी शामिल हो सकते थे, जिन्होंने PET 2021 परीक्षा पास की थी और 10वीं पास होने के साथ-साथ संबंधित ट्रेड में ITI सर्टिफिकेट हासिल किया था।
आयोग की ओर से एक और नोटिफिकेशन 3 फरवरी 2023 को जारी हुआ, जो अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट अपलोडिंग से जुड़ा था। इसके अनुसार सभी उम्मीदवारों को 28 फरवरी तक अपने डॉक्यूमेंट अपलोड करने थे। हालांकि इस पूरे प्रोसेस के बाद अभी भी अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा का इंतज़ार है। ख़बरों के मुताबिक़ इसके आगे का प्रोसेस आयोग की ओर से होल्ड पर रख दिया गया है, जो फिलहाल अभ्यर्थियों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
सर्विस मैनुअल में हो सकता है संशोधन
मीडिया ख़बरों के मुताबिक़ आयोग की ओर से इस सर्विस मैनुअल में संशोधन किया जा रहा है। इस भर्ती संशोधन को लेकर डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट ने सितंबर 2023 में 3 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है। फिलहाल इस भर्ती के लिए केवल ITI सर्टिफिकेट धारक ही एलिजिबल हैं। लेकिन जल्द ही इसमें संशोधन कर बीटेक और डिप्लोमाधारी कैंडिडेट्स के लिए भी रास्ता खोलने की बात सामने आ रही है।
ध्यान रहे कि साल 2022 में जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत ITI इंस्ट्रक्टर के 50 फीसदी पद ITI डिप्लोमा व CITS सर्टिफिकेट वाले उम्मीदवारों के लिए रिज़र्व हैं वहीं 50 फीसदी पद बीटेक या डिप्लोमा और CITS सर्टिफिकेट की योग्यता रखने वाले उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं।
फिलहाल ये मामला कोर्ट में है और कई उम्मीदवार ये मांग कर रहे हैं कि सर्विस मैनुअल में संशोधन के बाद 2022 में जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत एप्लीकेशन दोबारा लिए जाएं जिससे बीटेक और डिप्लोमा धारक अभ्यर्थी भी इसमें अप्लाई कर सकें। ऐसे में बीते कुछ समय से उम्मीदवार लगातार सरकार को इस संबंध में पत्र लिख कर राहत की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर भी कई बार अपनी मांग उठा चुके हैं।
एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू देते हुए यूपीएसएससी के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने बताया कि "इस भर्ती परीक्षा में कई हज़ार फ़र्ज़ी आवेदन प्राप्त हुए थे। कई अभ्यर्थियों ने मल्टीपल ट्रेड में आवेदन किया हुआ था। इसलिए हर अभ्यर्थी के आवेदन की जांच के लिए कई फाइल बनी हैं ताकि कोई एलिजिबल अभ्यर्थी छूट न जाए। सीआईटीएस स्कोर से लेकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक में समय लगने की वजह से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में देरी हो रही है।"
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं देशभर के युवा तमाम भर्ती परीक्षाओं में देरी को लेकर परेशान हैं। कई जगह परीक्षा होने के बावजूद पेपर लीक या अन्य गड़बड़ियों की वजह भर्ती प्रक्रिया रुक जाती है। जिसे लेकर छात्रों का भविष्य अधर में लटका रह जाता है और कई बार इसके इंतज़ार में उनकी ज़िंदगी के कई साल बेरोज़गारी में ही बीत जाते हैं।
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