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किसान-मज़दूर महापड़ाव का हुआ महासमापन

ऐतिहासिक किसान-मज़दूर महापड़ाव का ऐलान: जो किसान मज़दूर की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा।
kisan andolan

पटना: संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त देशव्यापी आह्वान पर मोदी सरकार की कॉरपोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ के खिलाफ किसानों-मज़दूरों की 23 सूत्री मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग में आयोजित ऐतिहासिक “किसान-मज़दूर महापड़ाव” का जोरदार नारों के साथ समापन हुआ। इस ऐतिहासिक महापड़ाव के तीसरे दिन दस हजार से अधिक किसान और मज़दूर केंद्र सरकार की किसान-विरोधी, मज़दूर-विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए।

संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 24 अगस्त, 2023 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित “अखिल भारतीय मज़दूर किसान संयुक्त सम्मेलन” में 26-27-28 नवंबर 2023 को देशभर की सभी राज्यों की राजधानियों में तीन दिवसीय किसान मज़दूर महापड़ाव का आह्वान किया था। तीन वर्ष पूर्व, 26 नवंबर 2020 को ही “दिल्ली चलो” आह्वान के साथ ऐतिहासिक किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिसने केंद्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त नीति के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी। आज इस ऐतिहासिक मौके पर देशभर के किसान और मज़दूर अपनी मांगों को लेकर फिर एकजुट हुए।

किसान-मज़दूर महापड़ाव के माध्यम से MSP की कानूनी गारंटी करने, चार श्रम संहिताओं को रद्द करने, योजनाकर्मियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को पुनः बहाल करने, बिहार में MSP अधिनियम को पुनः बहाल करने, बटाईदार किसानों का निबंधन करने, किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देने, प्रगतिशील भूमि सुधार को लागू करने, युवाओं को रोजगार देने, निजीकरण को बंद करने, मनरेगा की मज़दूरी और कार्यदिवस बढ़ाने, महंगाई पर रोक लगाने, खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने, सहित अन्य मांगों को उठाया गया।

महापड़ाव में सीटू, ऐक्टू, एटक, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, यूटीयूसी, इंटक, बिहार राज्य किसान सभा (केदार भवन), बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड), अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान खेत मज़दूर संगठन, जय किसान आंदोलन, अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा, अखिल भारतीय किसान मज़दूर सभा, बिहार किसान समिति, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम), अग्रगामी किसान सभा, जल्ला किसान संघर्ष समिति, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, स्वामी सहजानंद विचार मंच, किसान मज़दूर विकास संगठन से जुड़े हजारों मज़दूर किसान शामिल हुए।

महापड़ाव की अध्यक्षता एटक के गजनफर नवाब, ऐक्टू की सरोज चौबे, सीटू के दीपक भट्टाचार्य, इंटक के अखिलेश पांडे, यूटीयूसी के बीरेंद्र ठाकुर, अखिल भारतीय किसान महासभा के राजेंद्र पटेल, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के प्रभुराज नारायण राव, क्रांतिकारी किसान यूनियन के मनोज कुमार, अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा के नंद किशोर सिंह, ऑल इंडिया किसान खेत मज़दूर संगठन के इंद्रदेव राय ने की।

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों की तरफ से अखिल भारतीय किसान महासभा (बिहार) के राष्ट्रीय महासचिव राजा राम सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवसागर शर्मा, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के महासचिव विनोद कुमार, बिहार राज्य किसान सभा (केदार भवन) के सचिव रवींद्रनाथ राय, अखिल भारतीय किसान खेत मज़दूर संगठन के नेता उमाशंकर वर्मा, बिहार किसान समिति के नेता पुकार, अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष उदय चौधरी, जल्ला किसान संघर्ष समिति के नेता अजीत कुमार यादव, अखिल भारतीय किसान मज़दूर सभा के नेता रामचंद्र सिंह, क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता रामानुज कुमार, एनएपीएम के नेता रंजीत पासवान, जय किसान आंदोलन के नेता ऋषि आनंद,ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के नेता प्रमोद कुमार झा ने महापड़ाव को संबोधित किया।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से एटक के नेता सूर्यकांत पासवान और अजय कुमार, सीटू के नेता आरएस रॉय और अजय कुमार, ऐक्टू की नेता रणविजय कुमार और वीरेंद्र गुप्ता, एआईयूटीयूसी के नेता सूर्यकर जितेंद्र, इंटक के नेता अखिलेश पांडे और दिलीप पांडे, टीयूसीसी के नेता अनिल शर्मा, यूटीयूसी के नेता जितेंद्र शर्मा, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (न्यू) के प्रांतीय संयोजक अजीमुल्ला अंसारी ने महापड़ाव में अपना वक्‍तव्‍य दिया।

महापड़ाव का समापन अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा के नेता नन्द किशोर सिंह के अध्यक्षीय भाषण और एक्टू की नेता सरोज चौबे के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

महापड़ाव का संचालन बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के महासचिव विनोद कुमार, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव उमेश सिंह, अखिल भारतीय किसान मज़दूर सभा के राज्य महासचिव शंभू प्रसाद सिंह, अखिल भारतीय खेत मज़दूर किसान सभा के नेता नन्द किशोर सिंह, बिहार राज्य किसान सभा (केदार भवन) के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, जय किसान आंदोलन के नेता ऋषि आनन्द, एनएपीएम के नेता उदयन चन्द्र राय, अखिल भारतीय किसान खेत मज़दूर संगठन के नेता इन्द्रदेव राय, बिहार किसान समिति के नेता पुकार, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के नेता जमीरूद्दीन अंसारी, क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता मनोज कुमार, जल्ला किसान संघर्ष समिति के सचिव शंभूनाथ मेहता, एटक के महासचिव अजय कुमार, सीटू के महासचिव अनुपम कुमार, ऐक्टू के महासचिव आर. एन. ठाकुर, इंटक के नेता अखिलेश पांडेय, एआईयूटीयूसी के नेता सूर्यकर जीतेन्द्र, टीयूसीसी के नेता अनिल कुमार शर्मा, यूटीयूसी के नेता बीरेंद्र ठाकुर ने किया।

(अनीश अंकुर स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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