Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दलित महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध पर चुप्पी क्यों?

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 4,45,256 घटनाएं हुई यानी हर घंटे लगभग करीब 51 एफ़आईआर दर्ज की गईं।
save girls

पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर से रेप व हत्या के बाद अब बिहार में दलित लड़की से गैंगरेप का मामला सामने आया है जो बेहद चौंकाने वाली घटना है। सड़क से संसद तक महिलाओं की सुरक्षा की मांग अक्सर उठाई जाती है लेकिन हाल के दिनों में देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं व लड़कियों के साथ होने वाली रेप की वारदातों ने सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषकर दलित महिलाओं और बच्चियों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध बेहद चिंताजनक है। दलित महिलाओं व बच्चियों के साथ हाल में हुई रेप की कुछ वारदात को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है जो समाज की विकृत प्रवृत्तियों को उजागर करता है।    

बिहार 

बता दें कि हाल ही में बिहार के मधुबनी जिले में 18 वर्षीय दलित लड़की के साथ रेप का मामला सामने आया था, और कुछ ही दिनों बाद मुजफ्फरपुर में 14 वर्षीय दलित बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इन घटनाओं के चलते बड़े पैमाने पर हंगामा हुआ। बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। इसी बीच, बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी बिहार सरकार को दलितों की सुरक्षा को लेकर एक सख्त नसीहत दी है।

बीएसपी चीफ मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि बिहार में हाल ही में जिला मधुबनी की लगभग 18 वर्ष की दलित लड़की के साथ कमलेश यादव व उसके साथियों ने तथा इसके कुछ ही दिनों बाद जिला मुजफ्फरपुर में 14 वर्षीय दलित बच्ची के साथ संजय राय (यादव) व उसके साथियों ने सामूहिक बलात्कार करके इनकी निर्मम हत्या कर दी। बीएसपी बिहार स्टेट यूनिट से प्राप्त यह रिपोर्ट अति-दुःखद व चिन्ताजनक है। बिहार की सरकार इन दोनों घटनाओं को पूरी गंभीरता से ले तथा सभी दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें, ताकि इस तरह की घटनायें फिर से ना हों। दलितों की सुरक्षा व सम्मान का सरकार विशेष ध्यान रखे।
 

उत्तर प्रदेश 

अमेठी जिले के एक गांव की रहने वाली 13 वर्षीय दलित किशोरी ने अपने पिता पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार पीड़िता का कहना है कि 10 अगस्त को उसकी मां की दिल्ली में मृत्यु हो गई और मां के अंतिम संस्कार के बाद थाने सूचना देने गई थी। मुसाफिरखाना के पुलिस उपाधीक्षक अतुल कुमार सिंह के अनुसार 14 अगस्त की शाम अपने पिता पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए 13 वर्षीय लड़की ने शिकायत दी, जिसके आधार पर बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। 

दूसरी घटना गोंडा जिले की है जहां इसी साल जुलाई महीने में एक 16 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस के मुताबिक यह घटना खोंडारे थाना क्षेत्र के एक गांव की है। पीड़िता अपनी मां के साथ शौच के लिए बाहर गई थी, तभी दूसरे समुदाय के दो युवकों ने उसका बलात्कार किया। 

अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज कुमार रावत के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां शौच के लिए गई थीं। इस दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक वहां पहुंचे, जिन्होंने अपनी मोटरसाइकिल को छोड़कर लड़की को खेत में खींच लिया और सामूहिक बलात्कार किया। मां की चीख-पुकार सुनकर आसपास के गांववाले वहां पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। 

पिछले साल नवंबर महीने में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र में एक 40 वर्षीय दलित महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने महिला का शव तीन टुकड़ों में बरामद किया था। 

गिरवां थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) संदीप तिवारी के मुताबिक 40 वर्षीय महिला राजकुमार शुक्ल के घर आटा चक्की में लिपाई-पुताई का काम करने गई थी। महिला की 20 वर्षीय बेटी जब कुछ देर बाद वहां पहुंची, तो उसने चक्की के घर का दरवाजा खटखटाया। इस दौरान उसे अपनी मां की चीखने की आवाज सुनाई दी। कुछ समय बाद जब दरवाजा खुला, तो बेटी ने अपनी मां का शव तीन टुकड़ों में पड़ा देखा और पुलिस को सूचित किया। 

वहीं राज्य के बुलंदशहर में कृषि विभाग के एक सरकारी अधिकारी ने कथित तौर पर 6 वर्षीय दलित बच्ची के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी गजेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे पद से निलंबित कर दिया गया है।

राजस्थान 

पिछले महीने राजस्थान के झालावाड़ से नाबालिग दलित लड़की के साथ रेप का मामला सामने आया। आरोप के मुताबिक लड़की के आपत्तिजनक वीडियो भी बनाए गए। पीड़ित लड़की की शिकायत पर पुलिस ने उसका मेडिकल करवाया और आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की। 

उत्तराखंड 

वहीं उत्तराखंड में इसी साल जून महीने में राज्य के द्वाराहाट में एक 19 साल की दलित लड़की के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लड़की के घर में जबरन घुसकर उसको शराब पिलाकर उसका रेप किया गया है। 

युवती के भाई ने पुलिस को बताया था कि उसकी बहन परिजनों के साथ गांव से तीन किमी दूर जागरण में गई थी। रात 11 बजे वह परिजनों से चार्जर लाने की बात कहकर घर चली आई।

रात एक बजे तक वापस न लौटने पर वह बहन को ढूंढते घर पहुंच तो वहां देखा तो वह बेहोश पड़ी थी। जब तड़के तीन बजे होश आई तो बताया कि आरोपी प्रमोद बिष्ट ने उसे जबरन शराब पिलाई और दुष्कर्म किया। तबीयत बिगड़ने पर बहन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 4,45,256 घटनाएं हुई यानी हर घंटे लगभग करीब 51 एफआईआर दर्ज की गईं। वहीं साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों का आंकड़ा 4,28,278 और साल 2020 में 3,71,503 था।  

 

साभार : सबरंग 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest