बनारस: UAPA के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ CASR का प्रदर्शन
UAPA के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन (CASR) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के लंका स्थित सिंहद्वार पर स्टूडेंट्स एवं एक्टिविस्ट ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
बीएचयू गेट पर जुटे एक्टिविस्ट, राजनीतिज्ञ और स्टूडेंट्स ने बेरोज़गारी और मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि "संसद में प्रदर्शन के बाद पुलिस ने नौजवानों को गिरफ्तार किया और सभी के ख़िलाफ़ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम UAPA लगा दिया। गोदी मीडिया बड़ी चालाकी से उन्हें विदेशी एजेंट, आतंकवादी, देशद्रोही कहकर जनता को भरमाने की कोशिश कर रही है।"
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि "लगभग 100 साल पहले जब भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था तब उनका मकसद किसी को चोट पहुंचाना नहीं, बल्कि सरकार के नुमाइंदों को अपनी बात सुनाना था। तब अंग्रेजी मीडिया ने उन्हे आतंकवादी कहा था। आज नौजवान सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें भी आतंकवादी कहा जाता है।"
प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किए गए नौजवानों, निर्दोष पत्रकारों और 'राजनीतिक बंदियों' की रिहाई की मांग की।
आंदोलनकारियों ने करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। आंदोलन में भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा, स्टूडेंट्स फ्रंट और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन और नागरिक समाज से जुड़े लोग शामिल हुए।
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