ट्रम्प-बाइडेन खोलते अमेरिका के रहस्य
बराक ओबामा राष्ट्रपति पद के वक़्त से संबंधित शीर्ष गुप्त दस्तावेजों के मामले में घोटाले की संभावना, तत्कालीन अमेरिकी उपराष्ट्रपति - और अब वर्तमान राष्ट्रपति - जो बाइडेन के सामने मुह बाए खड़ी है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बाइडेन 900 पाउंड का गुरिल्ला है, जिसने वाशिंगटन डीसी में सत्ता के गलियारों में 46 साल बिताए हैं, और अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली में हेरफेर करने के मामले में काफी कुशल व्यक्ति हैं।
अटलांटिक पत्रिका, जो वर्तमान अमरीकी प्रशासन अग्रणी पत्रिका है, ने इस मामले में पहले से ही कम उपलब्ध मसाले के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि "इन दस्तावेजों के बाइडेन के कब्जे में होने और [डोनाल्ड] ट्रम्प के व्यवहार/आचरण के बीच, केवल सतही समानांतर रेखा खींची जा सकती है जो मार-ए-लागो में रखे गए दस्तावेजों से संबंधित है।"
इसी तरह, एक सरल टिप्पणी में, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में गवर्नेंस स्टडीज में एक वरिष्ठ फेलो (जो अमेरिकी प्रशासनिक व्यवस्था में घुले हुए हैं), बेंजामिन विटेस ने लॉफेयर में लिखा है कि "अब, हम हक़ीक़त में यह जानते हैं कि वर्गीकृत दस्तावेजों की अपेक्षाकृत छोटी सी संख्या मिली है; और जो कि ओबामा युग की है, वहां पाई गई है, जिसे वहां तीन मौकों पर नहीं होना चाहिए था, मिले दस्तावेज बाइडेन के उप-राष्ट्रपति और उनके राष्ट्रपति बनने बीच की के समय के है... लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे किसी आपराधिक मामले के पनपने की संभावना है। वास्तव में, और मार-ए-लागो जांच की समरूपता के संबंध में यह एक सबसे अप्रभावी आपराधिक मामला है…? कभी-कभी ऑप्टिकल भ्रम सिर्फ ऑप्टिकल भ्रम होते हैं।"
स्पष्ट है कि ट्रम्प और बाइडेन हेराफेरी के उस्ताद हैं – और इसलिए वे इस जुर्म की सामान्य प्रकृति से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि बाइडेन को इससे निजात मिल सके, और उसी समय संभव हो सके तो वे ट्रम्प को सूली पर लटका सके।
शायद ही कोई किसी के भीतर इस बात की जिज्ञासा हो कि हक़ीक़त में उन दस्तावेजों में क्या रहस्य है? शुरुआती खुलासे में सूत्रों के हवाले से सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि- नवंबर में वाशिंगटन में पेन बाइडेन सेंटर थिंक-टैंक की एक बंद कोठरी में जो 10 वर्गीकृत दस्तावेज मिले वे उप-राष्ट्रपति बाइडेन के समय के हैं और जिनमें यूक्रेन पर ब्रीफिंग सामग्री शामिल थी। यह वास्तव में महान समकालीनता का विषय है।
राष्ट्रपति ओबामा विदेश और सुरक्षा नीतियों में नौसिखिया थे। दूसरी ओर, बाइडेन, ओबामा के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले 36 साल तक सीनेटर रह चुके थे, और उनका इस समय का बड़ा हिस्सा विदेश नीति संबंध समितियोंमें या तो अध्यक्ष या उनकी रैंकिंग अल्पसंख्यक सदस्य के रूप में थी। अप्रत्याशित रूप से, ओबामा ने बाइडेन को एक पोर्टफोलियो सौंपा जिसमें लैटिन अमेरिका, अफ़गानिस्तान, इराक और यूक्रेन शामिल थे, जिसमें राजनयिक कौशल के बजाय राजनीतिक छल की अधिक जरूरत थी – और बाइडेन तो छल के मास्टर हैं।
2014 में यूक्रेन में तख्तापलट और शासन परिवर्तन की जांच करने से, वर्तमान प्रशासन में राज्य के अंडरसेक्रेटरी, विक्टोरिया नूलैंड की भूमिका के बारे में बहुत कुछ उभर कर सामने आता है, लेकिन उस समय उनके गुरु बाइडेन के अलावा कोई नहीं थे, जिन्होंने इसमें व्यावहारिक भूमिका निभाई थी। कीव में एक नए प्रशासन का संक्रमण, रूस के प्रति असंदिग्ध रूप से शत्रुतापूर्ण था।
2014 और 2016 के बीच के वर्षों में, बाइडेन ने यूक्रेनी राजनीति में पानी की मछली की तरह घिनौनी हरकत की है। इस बारे में उनके खिलाफ समय-समय पर आरोप सामने आए हैं - कि उन्होंने कीव में नए अभिजात वर्ग के साथ अपार दबदबा कायम किया, जो निश्चित रूप से अमेरिकी संरक्षण के प्रति बहुत अधिक निर्भर थे, जिससे उनके परिवार के सदस्यों को बड़े पैमाने पर वित्तीय लाभ हुए।
पिछले साल मई में एक एनबीसी रिपोर्ट में पहले ही उल्लेख किया गया था कि, "क्या रिपब्लिकन को कांग्रेस का नियंत्रण लेना चाहिए, जैसा कि लगता है, वे पिता और पुत्र (बाइडेन) के बीच किसी भी वित्तीय संबंध को खोजने और उसे उजागर करने की कोशिश करने में अपनी पूरी ताक़त लगा देंगे।"
इस महीने प्रतिनिधि सभा का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद रिपब्लिकन ने जो पहला काम किया है, वह राष्ट्रपति के बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ आरोपों की औपचारिक जांच शुरू करना है।
हालाँकि, अमेरिकी राजनीतिक संस्कृति मानवद्वेषवाद से ग्रसित है, साथ ही उसमें पाखंड और दोगलेपन की बू आती है और इस बात से सुरक्षित रूप से इंकार किया जा सकता है कि अमेरिकी राजनीतिक के दोनों पक्ष - डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन - वास्तव में यूक्रेन में 2014 के शासन परिवर्तन के मामले में कोई परवाह नहीं करते हैं, जिसने घटनाओं के क्रम को आगे बढ़ाया और दुनिया को विश्व युद्ध के कगार पर ला कर खड़ा कर दिया है।
विरोधाभास यह है कि अगर ट्रम्प और बाइडेन की ओर से किए गए ये कृत्य अपराध हैं, तो यह राज रहस्यों से समझौता करने में नहीं बल्कि इन दस्तावेजों की सामग्री में है। क्योंकि, इस अपराध की असली शिकार यूक्रेन की जनता है जो अत्यधिक पीड़ा से गुज़र रही है और अमेरिकी लोग जो इस अंधेरे में हैं और नहीं जानते हैं कि अमेरिकी विदेश नीतियों ने एक और असहाय राष्ट्र पर कहर बरपाया हुआ है।
जबकि इन दस्तावेजों में छिपे रहस्यों की शायद विश्व समुदाय को बेहतर जानकारी है, विशेष रूप से यूरोपीय लोग जो वास्तव में इस अपराध में शामिल थे - और निश्चित रूप से रूसी जो इसके मूक गवाह थे - यह अमेरिकी लोग हैं जिन्हें अंधेरे में रखा गया था कि राजनीतिक वर्ग क्या कर रहा था, किसने नीति के रूप में युद्ध की योजना बनाई, जिसमें सैन्य-औद्योगिक गहठजोड़ आदि शामिल थे।
इसलिए, इन दस्तावेज़ों की सामग्री कोई मायने नहीं रखती है। किसी भी तरह से, रूस के खिलाफ अमेरिका का छद्म युद्ध द्विदलीय सहमति से चल रहा है और किसी भी किस्म की परवाह किए बिना यह जारी रहेगा। और जब तक उसका एजेंडा पूरा नहीं हो जाता, तब तक वह यूक्रेन के खूनी मैदानों में यूरोपीय लोगों को मेंढक-मार्च करवाना जारी रखेगा। बाइडेन और ज़ेलेंस्की के बीच सहजीवी संबंध भी स्पष्ट है।
हालाँकि, अमेरिकी जनता की धारणा में, इन दोनों राजनेताओं-ट्रम्प और बाइडेन दोनों ने सरकारी रहस्यों को थी से नहीं संभाला, और अब एक खास वकील आए है जो इस बात की गहराई से तहक़ीक़ात कर रहे हैं कि उन्होंने क्या गलत किया। राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम के तहत ट्रम्प दोषी हैं, क्योंकि प्रशासन की समाप्ति के बाद व्हाइट हाउस के रिकॉर्डस को राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा जाना चाहिए था और नियमों के हिसाब से ऐसी फाइलों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाना होता है।
बाइडेन का अपराध और भी गंभीर है क्योंकि जब उन्होंने व्हाइट हाउस के अपने निजी गैरेज में कागजात निकाले तो वे उस वक़्त राष्ट्रपति (जो आखिरकार दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की शक्ति रखते हैं) भी नहीं थे।
यकीनन, ट्रम्प पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे थे। लेकिन फिर, बाइडेन की पहली खोज के बीच दो महीने का अंतर है - नवंबर में मध्यावधि चुनाव से कुछ दिन पहले - और जनवरी में सार्वजनिक की गई खबर, राष्ट्रपति पद की पारदर्शिता और प्रयास को कवर-अप के बारे में अजीब सवाल उठाती है।
फिर, बाइडेन ने ट्रम्प पर "पूरी तरह से गैर-जिम्मेदार" होने का आरोप लगाया है, लेकिन अपने बारे में अजीब बहाना बना कह रहे हैं कि वे "आश्चर्यचकित" थे, कि उनके पूर्व कार्यालय में संवेदनशील दस्तावेज थे। इसे स्पष्ट रूप से उनका बैक फुट पर जाना समझा जा रहा था क्योंकि उसकी बेशकीमती जंगी जहाज़ की दूसरी खोज "एक बंद गैराज" में थी। ठीक है? तो ऐसा नहीं है कि वे बाहर सड़क पर बैठे हैं।”
उम्र के 80 के पड़ाव के पास पहुँचने वाले इन दो बूढ़े लोगों में से यदि कोई भी इस बारे में सोचें, कि उनमें से एक अमेरिका का अगला राष्ट्रपति हो सकता है – जो आश्वस्त करने वाली बात भी है। तो इसलिए, यह मुद्दा दोनों के लिए एक सतत राजनीतिक सिरदर्द बन सकता है, क्योंकि वे नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना-अपना अभियान शुरू करने वाले हैं।
इधर, अमेरिकी राजनीति पर लिखी गई पुस्तकों के सबसे अधिक बिकने वाले लेखक और देश के सबसे सम्मानित राजनीतिक विश्लेषकों में से एक, लैरी सबाटो ने गार्जियन अखबार को बताया कि, "जनता के मन में स्पष्ट है और वे कहेंगे, 'ठीक है, आप दोनों के घरों में दाग है।" आप दोनों दोषी हो। आप दोनों को शर्म आनी चाहिए।' अब मामला यहां खत्म हुआ।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।