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IMF महंगाई नियंत्रण के लिए ब्याज़ दर बढ़ाने की बजाए मूल्य नियंत्रण की बात क्यों नहीं करता?

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक नाम से साल भर में दो रिपोर्ट प्रकाशित करती है। हाल ही में दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाला समय दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित होने वाला है।

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक नाम से साल भर में दो रिपोर्ट प्रकाशित करती है। हाल ही में दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाला समय दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित होने वाला है। भारत समेत दुनिया भर की अधिकतर मुल्कों में महंगाई की वजह से मंदी आने वाली है। इससे बचने का उपाय यह है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ाएं, केंद्र सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी को कम किया जाए। इसी मुद्दे पर इस वीडियो में वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार औनिंदो चक्रवर्ती ने अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया है कि कैसे ब्याज दर बढ़ाने से सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों और छोटे कारोबारियों पर पड़ता है? महंगाई को कंट्रोल करने में ब्याज दर बढ़ाने से कोई फायदा नहीं होता। महंगाई तभी कंट्रोल होगी जब प्राइस कंट्रोल की नीतियां बनाई जाएंगी। साल 1990 से पहले महंगाई को काबू में करने के लिए प्राइस कंट्रोल की नीतियां अपनाई जाती थी। मगर जब से पूरी दुनिया में नवउदारवादी नीतियां लागू हुई है, महंगाई कंट्रोल करने के लिए प्राइस कंट्रोल की नीतियां नहीं अपनाई जाती है।

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