मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल गोल्ड में अपग्रेड हो सकता है? भारतीय मीडिया ने फैलाई गलत ख़बर
भारत की मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग के 49 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता. 24 जुलाई को चीन की झिहुई होउ पहले और मीराबाई चानू दूसरे स्थान पर रहीं. 2 दिन बाद ANI ने एक स्टोरी पब्लिश की जिसमें दावा किया गया कि झिहुई होउ की ऐंटी-डोपिंग जांच होगी और अगर वो जांच में फ़ेल होती हैं तो मीराबाई चानू को स्वर्ण पदक दे दिया जाएगा. ANI ने 26 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट पर प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में “सूत्रों” के हवाले से कहा, “झिहुई होउ को टोक्यो में रहने के लिए कहा गया है, जहां जांच की जाएगी. जांच निश्चित रूप से की जा रही है.”
Tokyo Olympics: Weightlifter Hou to be tested by anti-doping authorities, silver medallist Chanu stands chance to get medal upgrade
Read @ANI Story | https://t.co/6dn9GPlA2e#OlympicGames #TokyoOlympics pic.twitter.com/dxJqZpxlux
— ANI Digital (@ani_digital) July 26, 2021
ANI की इस रिपोर्ट को द इकोनॉमिक टाइम्स, कैच न्यूज, बिजनेस स्टैंडर्ड, टाइम्स नाउ, इंडिया डॉट कॉम, रिपब्लिक और द टेलीग्राफ़ ने भी प्रकाशित की.
भाजपा समर्थक प्रोपगेंडा वेबसाइट्स द फ़्रस्ट्रेटेड इंडियन और ऑप इंडिया ने भी ANI की रिपोर्ट का हवाला दिया.
खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार ने कथित खबर के बारे में ट्वीट किया – “भारतीय खेमे में चर्चा है कि झिहुई होउ की जांच की जा रही है. ये देखने के लिए कि नतीजा क्या होता है.” ये ट्वीट ANI की रिपोर्ट के करीब-करीब पौने घंटे पहले दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर किया गया था.
Why is the Chinese gold medal winning athlete who beat Chanu is being tested for dope 2 days later? There is a message in the Indian group in the village that says she is being tested and to watch out what happens. Members of the indian delegation not saying much! #TokyoOlympics
— Boria Majumdar (@BoriaMajumdar) July 26, 2021
बोरिया मजूमदार ने इंडिया टुडे के लिए एक आर्टिकल भी लिखा. आर्टिकल में लिखा था, “हालांकि ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए डोपिंग टेस्ट करना आम बात है, झिहुई के मामले में एडवर्स एनालिटिकल फ़ाइंडिंग शामिल है. जिसका मतलब है कि ये पता लगाने के लिए अब टेस्ट होंगे कि क्या पहले सैंपल में कुछ भी गड़बड़ है.” स्पोर्ट्स वेबसाइट द ब्रिज ने मजूमदार के ट्वीट का ज़िक्र करते हुए एक आर्टिकल पब्लिश किया.
बहुत सारे दूसरे मीडिया संगठनों ने बताया कि झिहुई होउ का दूसरा डोपिंग टेस्ट होगा. न्यूज़रूम पोस्ट, दैनिक जागरण, एबीपी न्यूज़, आज तक, हिंदुस्तान, न्यूज़18, आउटलुक, लोकसत्ता, इंडिया टीवी और एशियानेट इनमें कुछ प्रमुख नाम हैं.
सबसे पहले अमेरिकी हेज फ़ंड मैनेजर काइल बेसुस ने ट्वीट किया कि डोपिंग के अधिकारी झिहुई होउ का टेस्ट करेंगे. उन्होंने ये ट्वीट 26 जुलाई की सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर किया था.
China’s Hou will be tested by anti-doping authorities at the @Olympics #China @PDChina @HuXijinGT pic.twitter.com/PE4cOAMiHw
— 🇺🇸Kyle Bass🇺🇸 (@Jkylebass) July 26, 2021
कथित खबर ताइवानी मीडिया तक भी पहुंची जिसमें कहा गया कि अगर झिहुई होउ को डोपिंग में शामिल पाया गया तो इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आइसा, ताइवान की एक स्वदेशी एथलीट, कांस्य जीत सकती है. ताईवान न्यूज़ डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, “ओलंपिक अधिकारियों को अब झिहुई होउ पर डोपिंग का संदेह है और उन्हें प्रदर्शन बढ़ाने वाले पदार्थों की जांच से गुज़रने के लिए जापान में रहने की जरुरत है.”
ANI ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट गलत थी
30 जुलाई को, ANI ने एक और स्टोरी पब्लिश की जिसमें कहा गया, “इससे पहले ANI ने बताया था कि झिहुई होउ का डोपिंग के अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी. और अगर वो जांच में विफल रही तो मीराबाई चानू को स्वर्ण से सम्मानित करने का मौका मिलेगा लेकिन कोई जांच नहीं हुई है और न्यूज़ रिपोर्ट करते वक्त ये अनजाने में हुई एक गलती थी.”
ओलंपिक न्यूज़ वेबसाइट इनसाइड द गेम्स ने उसी दिन एक आर्टिकल प्रकाशित किया जिसमें भारतीय मीडिया में फैली खबरों को खारिज किया गया. इनसाइड द गेम्स ने लिखा, “चीन और भारत के वेट लिफ़्टर्स से जुड़ी एक “मनगढ़ंत” कहानी पूरे एशिया मे इतने बड़े पैमाने पर फैलाई गई है कि पदक पुनर्वितरण में तीन देशों के एथलीट्स शामिल होंगे. ऐसा लगता है कि कहानी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल से निकली है, जिसमें 100 ब्यूरो हैं और जो खुद को “एशिया की प्रमुख न्यूज़ एजेंसी” कहते हैं.”
आउटलेट ने बताया कि विश्व ऐंटी-डोपिंग एजेंसी और अंतर्राष्ट्रीय जांच एजेंसी (ITA), दोनों ने कहा कि उन्हें इस दावे के बारे में कुछ भी नहीं पता है. ITA ने बताया, “हम नहीं जानते कि इसकी शुरुआत कहां से हुई लेकिन हम हमेशा की तरह अपनी वेबसाइट पर किसी भी घटना की सच्चाई बताने की रणनीति का पालन करते हैं.”
ऑल्ट न्यूज़ ने ITA की वेबसाइट को क्रॉस-चेक किया. झिहुई होउ की दूसरी ऐंटी-डोपिंग जांच के बारे में कोई अपडेट नहीं है.
इसके अलावा, इनसाइड द गेम्स ने चीनी वेटलिफ़्टिंग असोसिएशन के एक अधिकारी का भी हवाला दिया, जिन्होंने भारतीय रिपोर्ट को “मनगढ़ंत” बताया.
ANI ने अपनी पुरानी रिपोर्ट को हटाए बिना मामला साफ़ करने के लिए एक और रिपोर्ट पब्लिश की लेकिन किसी दूसरे मीडिया आउटलेट ने गलती स्वीकार नहीं की. द इकोनॉमिक टाइम्स ने 31 जुलाई के अपने ओलंपिक अपडेट में बताया कि झिहुई होउ की डोपिंग जांच नहीं की जाएगी.
साभार : ऑल्ट न्यूज़
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