जी20 सम्मेलन: ‘पश्चिमी शक्तियों ने जलवायु परिवर्तन के वादे पर कुछ नहीं किया’
भारत की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन राजधानी दिल्ली में आज रविवार को समाप्त हो गया। इस सम्मेलन में जी20 देशों के अलावा कई देश शामिल थे। इस समूह में अफ्रीकन यूनियन को भी अब शामिल कर लिया गया है।
पश्चिमी शक्तियों की वादाखिलाफी
जी20 घोषणापत्र पर रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने पश्चिमी शक्तियों पर हमला करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को सालाना 100 अरब अमेरिकी डॉलर देने के अपने वादे पर कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सत्ता के नये केंद्र देख रहे हैं, पश्चिम का आधिपत्य नहीं कायम रह पाएगा।
रूस ने रविवार को कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण सम्मेलन है, क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया और ‘ग्लोबल साउथ’ की ताकत और महत्व का प्रदर्शन किया।
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने यूक्रेन सहित कई मुद्दों पर पश्चिमी देशों को अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र ने स्पष्ट रूप से एक संदेश दिया कि दुनिया में सैन्य संघर्षों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार हल किया जाना चाहिए और पश्चिमी शक्तियां विभिन्न संकटों के समाधान की अपनी अवधारणाओं के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कई मायनों में महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन है। यह हमें कई मुद्दों पर आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है।’’
लावरोव ने यह भी कहा कि नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन ने वैश्विक प्रशासन और वैश्विक वित्त में निष्पक्षता की दिशा में भी एक दिशा प्रदान की है।
रूस के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं जी20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पश्चिमी देशों का आधिपत्य नहीं कायम हो पाएगा, क्योंकि हम दुनिया में सत्ता के नये केंद्र उभरते हुए देख रहे हैं।’’
ब्राजील को जी20 समूह की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी20 समूह की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा।
इस मौके पर लूला डी सिल्वा ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए भारत की सराहना की।
जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में मोदी ने ब्राजील को इस समूह की अध्यक्षता के लिए गैवल सौंपा और शुभकामनाएं दीं।
ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। लूला डी सिल्वा ने इस अवसर पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए उसका आभार जताया।
लूला डी सिल्वा ने सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को जी20 की प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध किया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी राजनीतिक ताकत बरकरार रखने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नये विकासशील देशों की आवश्यकता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं।’’
जी20 में अब अफ्रीकी संघ
जी20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर शनिवार को अफ्रीकी संघ का समूह के नये स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होना रहा। वर्ष 1999 के बाद इस प्रभावशाली समूह का यह पहला विस्तार था।
जी20 के सभी सदस्य देशों ने ‘ग्लोबल साउथ’ के इस महत्वपूर्ण समूह (अफ्रीकी संघ) को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की मेज पर लाने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
जी20 के सभी सदस्य देशों ने भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल करने के लिए यहां मंच (जी20) के शिखर सम्मेलन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
अफ्रीकी संघ का सामूहिक रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग तीन हजार अरब अमेरिकी डॉलर और जनसंख्या लगभग 1.4 अरब है।
नई दिल्ली घोषणा पत्र
नई दिल्ली घोषणा पत्र में विश्व को हर पहलू से बेहतर बनाने की दिशा में कुछ अहम बिंदुओं का उल्लेख किया गया है जो नीचे दिया गया है। इन बिंदुओं को जी20 के भारतीय शेरपा अमिताभ कांत सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा करते हुए लिखा है।
* मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित व समावेशी विकास
* एसडीजी पर आगे बढ़ने में तेज़ी
* सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता
* 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं
* बहुपक्षवाद को पुर्नजीवित करना
जी20 में भारत के लिए गर्व का क्षण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शनिवार रात किए पोस्ट में कहा, ‘‘‘दिल्ली डिक्लेरेशन’ पर आम सहमति को लेकर भारत के जी20 शेरपा का कहना है कि रूस, चीन से बातचीत की गई, गत रात ही अंतिम मसौदा मिला। जी20 में भारत के लिए गर्व का क्षण।’’
राजघाट पहुंचे प्रतिनिधि
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित जी20 नेताओं ने रविवार सुबह यहां महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट पर जी20 नेताओं की अगवानी की। उन्होंने जी20 नेताओं को 'अंगवस्त्रम' पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान, पृष्ठभूमि में 'साबरमती आश्रम' का चित्र दिखाई दिया, जो 1917 से 1930 तक महात्मा गांधी का निवास स्थान था और जिसने स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केंद्रों में से एक के रूप में काम किया।
सम्मेलन समापन की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को यहां संपन्न हुए जी20 शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के वास्ते नवंबर के अंत में एक वर्चुअल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव दिया।
यहां दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम सत्र में अपने समापन भाषण में मोदी ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता आधिकारिक रूप से 30 नवंबर तक जारी रहेगी और समूह के अध्यक्ष के रूप में उसके कार्यकाल में ढाई महीने से ज्यादा का वक्त बाकी है।
मोदी ने कहा, ‘‘इसके साथ ही मैं जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करता हूं।’’
उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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