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‘फानी’ का क़हर : ओडिशा में तबाही, बंगाल और आंध्र भी प्रभावित

फानी (FANI) जिसे फणी और फोनी भी कहा जा रहा है, को सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है। साल 1999 के सुपर चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और उसने ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी।
ओडिशा के पुरी में फानी से नुकसान
PHOTO : IANS

चक्रवाती तूफान फानी ने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में दस्तक देने के पहले 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से आगे बढ़ते हुए ओडिशा के कई जिलों में भारी तबाही मचा दी है। अभी तक तीन लोगों की मौत की भी ख़बर है। आंध्र प्रदेश भी इससे प्रभावित हुआ है। इसे लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी और आसपास के इलाकों में भी तेज़ हवाओं के साथ बारिश हो रही है।  

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग लगातार इससे जुड़े अपडेट जारी कर रहा है। 

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ट्रेन और उड़ानें रद्द

फानी के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हवाईअड्डों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा भारतीय रेलवे ने भी चार मई तक कोलकाता-चेन्नई मार्ग पर ओडिशा तटरेखा के साथ लगे भद्रक-विजयनगरम के बीच 223 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "कोलकाता-चेन्नई मार्ग के भद्रक-विजयनगरम सेक्शन (ओडिशा तटरेखा के साथ लगे) पर 140 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों और 83 यात्री ट्रेनों को चार मई की दोपहर तक रद्द कर दिया गया है।"

उन्होंने कहा कि नौ ट्रेनों का मार्ग बदला गया है और चार ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोका गया है।

ट्रेनें और उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

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ओडिशा सबसे ज़्यादा चपेट में

चक्रवाती तूफान ने पुरी के पास के ओडिशा के तटीय क्षेत्र को सुबह 8 से 10 बजे के बीच में पार करना शुरू कर दिया था, हालांकि यह क्रम दोपहर 1 बजे तक जारी रहा।

तूफान ने कई जिलों में सड़क और बिजली व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। 

विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी ने कहा कि उन्हें पेड़-पौधों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, वहीं इस दौरान जानमाल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरी में कई घरों को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही तेज रफ्तार हवा ने हजारों पेड़ों और बिजली के खंभों को उखाड़ फेंका है।

नौसेना, वायुसेना और थलसेना हालात पर कड़ी निगरानी रखे हुई हैं। 

एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारी जे.पी शर्मा ने मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमानों को सही बताते हुए समाचार चैनलों को बताया, "तूफान के आगे बढ़ने के बाद उससे हुई हानि का जायजा लेने के बाद हमारा काम वास्तव में शुरू होगा।"

उन्होंने कहा कि तूफान से हुए विनाश के सर्वेक्षण के लिए भारतीय नौसेना के टोही विमान पी 81 और डोर्नियर को काम में लगाया जाएगा। 

सूत्रों के अनुसार, केंद्रपाड़ा के राजनगर ब्लॉक के देवेंद्रनारायणपुर में बनाए गए राहत शिविर में 65 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत की सूचना मिली है। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

मौसम विभाग ने बताया कि तेज रफ्तार हवा के साथ ही राज्य में आगामी कुछ घंटों तक लगातार तेज बारिश होगी। 

अधिकारियों ने बताया कि पुरी में समुद्र की स्थिति अशांत है। तटीय इलाकों से करीब 5 किलोमीटर दूर तक स्थान को खाली करवा दिया गया है। इसके साथ ही चांदीपुर में शांत रहने वाले समुद्र की स्थिति भी उग्र हो गई है।

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11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा

ओडिशा में शुक्रवार को चक्रवात फानी को लेकर सावधानी के मद्देनजर बीते 24 घंटों में करीब 11 लाख लोगों को राज्य के कई जिलों से हटाया जा चुका है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। इसमें गंजम और पुरी के जिलों से क्रमश: 3 लाख और 1.3 लाख लोग सुरक्षित स्थान पर भेजे गए।

कई लोग हालांकि अपने घरों से बाहर नहीं जाना चाहते थे, जिससे निकासी के दौरान बचावकर्मियों को काफी मशक्क्त का सामना करना पड़ा।

वहीं, पुरी, पारादीप, भुवनेश्वर, गोपालपुर में गुरुवार रात से ही हल्की बारिश हो रही है।

174 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही तेज हवा ने चिल्का क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है।

तकरीबन 10 हजार ग्रामीण और 52 स्थानीय शहरी लोग इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए हैं।

राज्य सरकार ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

वहीं 11 तटीय जिलों में सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, निजी व सरकारी दफ्तर बंद रहे।

भारतीय तटरक्षक बल ने विशाखापत्तनम, चेन्नई, गोपालपुर, हल्दिया, फ्रासेरगंज और कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर 34 आपदा राहत टीमों को तैनात किया है। उसने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार जहाजों को भी तैनात किया है।

भारतीय नौसेना ने भी राहत सामग्री और मेडिकल टीमों के साथ तीन जहाजों को भी तैनात किया है ताकि ओडिशा के तट पर चक्रवात के पहुंचने के बाद वह राहत अभियान शुरू कर सकते हैं।

नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के लिए कई विमानों को भी तैयार रखा गया है।

कैप्टन शर्मा ने कहा, ‘‘जरुरत पड़ने पर बचाव अभियान और राहत सामग्री गिराने के लिए हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है।’’

फानी जिसे फणी और फोनी भी कहा जा रहा है, को सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है। साल 1999 के सुपर चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और उसने ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की है और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं।

11 तटीय जिलों में सभी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी और सरकारी कार्यालय एहतियाती तौर पर बंद रहेंगे।

आईओसी भी तैयार

उधर, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने चक्रवात से जूझ रहे राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी तथा विमानन ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक प्रबंध किये हैं।

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बंगाल में चुनाव कार्यक्रम रद्द

चक्रवात के पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने के मद्देनजर कई राजनीतिक पार्टियों ने अगले 24 घंटे के लिए अपने चुनाव कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटों के लिए अपनी सभी राजनीतिक सभाओं को रद्द कर दिया है।

तटीय इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।

राज्य सरकार ने पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों, हावड़ा, हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरबन जैसे जिलों में किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए एहतियाती कदम उठाये गये है।

शहर से जाने वाली कई रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है जबकि शहर हवाई अड्डे को शुक्रवार की अपराह्र तीन बजे से शनिवार की सुबह आठ बजे तक बंद रखे जाने का फैसला लिया गया है।

कोलकाता पुलिस ने शहर में स्थिति पर नजर रखने के लिए अपने मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष बनाया है।

सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों ने शुक्रवार से अपनी कक्षाओं को स्थगित कर दिया और स्वास्थ्य विभाग ने छह मई तक चिकित्सकों और स्टॉफ की छुट्टियों को रद्द कर दिया है।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार चक्रवाती तूफान फानी से प्रभावित राज्यों के साथ संपर्क में है और चक्रवात प्रभावित राज्यों को अग्रिम राशि जारी कर दी गयी है।

आंध्र में आदर्श आचार संहिता में ढील

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आंध्र प्रेदश के चार जिलों में भीषण चक्रवाती तूफान फानी के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य करने के लिए आदर्श आचार संहिता में ढील दी है।

आंध्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से पूर्वी गोदावरी, विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों में ढील देने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा, "आयोग ने मामले पर विचार किया और इन वर्णित जिलों में चक्रवाती तूफान के मद्देनजर राहत व निवारक उपाय करने के लिए आदर्श आचार संहिता में ढील देने के हमारे प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।"

तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट के कई भागों में भी भारी बारिश हो रही है, वहीं यहां पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने की खबर है।
फानी तूफान का असर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी नजर आने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार दोपहर बाद से मौसम बदल गया है और बारिश हो रही है। गुरुवार देर शाम ही यूपी के अधिकांश हिस्सों में आंधी चलने के साथ गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। इसी क्रम में आकाशीय बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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