सियासत: तीनों राज्यों में ‘खट्टर फैक्टर’, तीनों क्षत्रप ‘आडवाणी की राह’ पर
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए एक नया चेहरा दिया है। यानी सभी क्षेत्रीय दिग्गज या क्षत्रप एक तरह से मार्गदर्शक मंडल में भेज दिए गए हैं।
लंबी जद्दोजहद के बाद आज तय हो गया कि जयपुर की सांगानेर सीट से पहली बार विधायक चुने गए भजनलाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे।
इसके साथ ही विधायक विधायक प्रेमचंद बैरवा व दीया कुमारी को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री नामित किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की यहां हुई बैठक में शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नए मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया। भजनलाल भाजपा के प्रदेश महासचिव हैं। उनके पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है।
शर्मा (56) ने जयपुर की सांगानेर सीट 48,081 वोटों के अंतर से जीती है। वह भरतपुर जिले का रहने वाले हैं। विधायक दल की बैठक से पहले एक ग्रुप फोटो खींची गई जिसमें वह आखिरी पंक्ति में खड़े थे।
बैठक में शामिल होने आए केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक दीया कुमारी व प्रेम चंद बैरवा उपमुख्यमंत्री होंगे। वहीं वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे।
भाजपा ने 199 सीटों पर हुए चुनाव में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है।
आपको बता दें कि तीनों राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने मुख्यमंत्री का पद संभावनाओं के विपरीत नये विधायकों को सौंपा है। सभी क्षत्रपों शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे सिंधिया को लगभग साइड लाइन कर दिया गया है। एक तरह से अब ये नेता भी भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की राह पर हैं। आडवाणी जी को मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बनाया गया था। जिसकी भूमिका का आज तक कुछ पता नहीं चला है। यह भी दिलचस्प है कि नए मुख्यमंत्रियों के नामों का प्रस्ताव भी राज्य के इन्हीं बड़े नेताओं से रखवाया गया।
भाजपा ने राजस्थान में भजनलाल शर्मा की ही तरह छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय, मध्य प्रदेश में मोहन यादव को कमान सौंपी है। मीडिया की कयासबाज़ी में भी इन विधायकों का नाम नहीं था। न राजनीतिक विश्लेषक इन नामों की संभावना जता रहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू से ही खट्टर फैक्टर का ज़िक्र ज़रूर किया जा रहा था। यानी जिस तरह भाजपा या मोदी जी ने हरियाणा में सभी संभावनाओं के विपरीत मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया था, उसी से यह बात निकल कर आई थी कि इन तीनों राज्यों में भी मोदी जी कोई नाम लाकर सबको चौंका सकते हैं।
इन तीन नए मुख्यमंत्रियों के नामों के साथ ही 2024 की भी बिसात बिछ गई है। कहा जा रहा है कि भाजपा ने इन तीनों राज्यों में जातीय समीकरण का बड़ी चतुराई से ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश में ओबीसी तो राजस्थान में ब्राह्मण मुख्यमंत्री देकर मोदी जी ने 2024 के समीकरण बैठाए हैं। यूपी में तो पहले से ही ठाकुर मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ। साथ ही सबके साथ अलग अलग जातियों के उपमुख्यमंत्री दिए गए हैं। अब देखना है कि 2024 में यह सब समीकरण कितने काम आते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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