बिहार: पहलवानों के समर्थन में ‘जन अभियान’, महागठबंधन-वाम दल उतरे सड़क पर!
बीते लंबे वक़्त से भारतीय महिला पहलवान, भाजपा सांसद एवं यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इस दौरान कई घटनाक्रम देखने को मिले। मीडिया में ऐसी ख़बरें भी आईं कि पहलवानों ने अपने आंदोलन को वापस लेकर रेलवे की अपनी नौकरी रिज़्यूम की है। हालांकि पहलवानों ने खुद इस ख़बर का खंडन कर दिया है। इस लंबे वक़्त के दौरान बदलते घटनाक्रम के बीच पहलवानों के इस आंदोलन समर्थन मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में पहलवानों के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए बिहार में महागठबंधन-वाम दलों की ओर से राज्यव्यापी ‘प्रतिवाद जन अभियान’ शुरू किया गया है।
“बात बहुत सीधी है, बृजभूषण शरण सिंह पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, ये आरोप किसी दूसरे पर लगे होते तो अब तक उसकी गिरफ़्तारी हो गई होती और सरकार ये कहती-फिरती कि क़ानून अपना काम कर रहा है। लेकिन ये आरोप भारतीय जनता पार्टी के एक ताक़तवर सांसद पर लगे हैं इसलिए हम देख रहें हैं कि सरकार तो एफ़आईआर के लिए भी तैयार नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद ही एफ़आईआर दर्ज हो सकी लेकिन इसके बाद भी एक महीने से ज़्यादा का समय बीत गया और कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुश्ती के अखाड़े को उत्पीड़न का अखाड़ा बना दिया गया है। ये जो कुछ भी हो रहा है, बहुत ग़लत है और देश को शर्मशार करने वाला है।” यह कहना है भाकपा-माले के राज्य महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य का। इन्हीं आरोपों के साथ महागठबंधन-वाम दलों ने राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में भाजपा सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।
आपको बता दें, देश की महिला पहलवानों के इस आंदोलन के समर्थन में तथा यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद की गिरफ़्तारी के मुद्दे को लेकर महागठबंधन के आह्वान पर 3 जून से राज्यव्यापी 'प्रतिवाद जन अभियान' शुरू किया गया है जिसमें शामिल वाम दलों के साथ-साथ महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर बैनर-पोस्टर लहराते हुए भाजपा सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और साथ ही सवाल कर रहे हैं कि, "देश की बेटियां जब मेडल लाएं तो साथ में फ़ोटो और न्याय की मांग करें तो पुलिसिया दमन, क्यों?”
3 जून से शुरू किए गए इस जन अभियान के तहत भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य व सीपीएम और सीपीआई के वरिष्ठ नेताओं समेत बिहार महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेताओं के नेतृत्व में राजधानी पटना की सड़कों पर कैंडल-मार्च निकाला गया। यह कैंडल मार्च इनकम टैक्स, गोलंबर से शुरू होकर डाकबंगला चौराहे से होते हुए स्टेशन गोलंबर पहुंचकर एक प्रतिवाद सभा में बदल गया। इस सभा को महागठबंधन के प्रमुख घटक दल जदयू के राष्ट्रीय सचिव रविंद्र प्रसाद सिंह, राजद के उदय नारायण चौधरी तथा कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद के साथ-साथ कई अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
वाम दलों में सीपीआई व सीपीएम के नेताओं ने भी अपनी सक्रीय भागीदारी निभाते हुए महिला पहलवानों के आंदोलन के प्रति एकजुटता ज़ाहिर की। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर दमन का आरोप लगाते हुए तीखी निंदा की।
भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने महिला पहलवानों के साथ की जा रही "पुलिस बर्बरता" का विरोध करते हुए यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण सिंह को अविलंब गिरफ़्तार करने की मांग करते हुए कहा, "जिस तरह से ऐसे नेताओं को सरकार का खुला संरक्षण मिल रहा है और इंसाफ़ की मांग कर रहीं हमारी महिला पहलवानों को बदनाम किया जा रहा है, ये सब उनके आंदोलन को दबाने और कुचलने की कोशिश है। इसने आज देश के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।"
महिला पहलवानों के नाम अपने संबोधन में दीपंकर ने कहा, “आज हम यहां आकर आंदोलनकारी पहलवानों से कहना चाहते हैं कि आप लोग बिलकुल भी अकेले नहीं हैं। पूरा देश आपके साथ है। देश के छात्र-नौजवान और महिलाएं, आपके साथ हैं। देश के किसान भी ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ-साथ ‘जय पहलवान’ का नारा लगा रहें है।”
इस जन अभियान में शामिल महागठबंधन के सभी नेताओं की सक्रीय भागीदारी को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, "आज हम सबके बीच जो ये एकता बन रही है, इसका भी दबाव कुछ काम कर रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह को उनके इलाके में राजनीतिक संत-सम्मेलन नहीं करने दिया गया। इसलिए आज ये आवाज़ बुलंद हो रही है। इस आवाज़ को और भी बुलंदी के साथ पूरे देश में फैलाने की ज़रूरत है। क्योंकि देश में 'राजशाही' थोपने और महिलाओं की आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है। राजशाही और तानाशाही का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। इसके ख़िलाफ़ अतीत में भी बिहार लड़ा है और आज भी लड़ रहा है। आज ज़रूरत है कि इंसाफ़ के लिए लड़ रहीं महिला पहलवानों की लड़ाई और आवाज़ को हम अपनी लड़ाई और आवाज़ बनाएं।"
ख़बरों के मुताबिक़ बिहार में महिला पहलवानों के समर्थन में जन अभियान का यह सिलसिला लगातार जारी है। 5 जून को भी राज्य में कई जगह ‘प्रतिवाद मार्च’ निकालकर आरोपी सांसद की गिरफ़्तारी की मांग की गई और महिला पहलवानों के संघर्ष के प्रति एकजुटता ज़ाहिर की गई।
इसके अलावा अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के आह्वान पर भी राज्य के कई अलग-अलग इलाक़ों में महिलाओं द्वारा हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर सड़कों पर उतरने का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं कई स्थानों पर इंसाफ़-मंच जैसे नागरिक जन संगठन भी पूरी सक्रियता से महिला पहलवानों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो बीते कई दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में अपने ‘इंसाफ़’ के लिए लड़ रहीं देश की नामी महिला पहलवानों के आंदोलन को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। महागठबंधन और वाम दलों समेत पहलवानों के इस आंदोलन का समर्थन करने वाले तमाम लोगों का आरोप है कि यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की बजाय न्याय की गुहार लगा रहीं पहलवानों पर ही केंद्र की पुलिस द्वारा लगातार दमन किया जा रहा है और इनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए आईटी सेल भी सक्रिय हो गया है।
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