बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फ़ैसले के लिए समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में मुकदमा पूरा करने के लिए समयसीमा एक महीने बढ़ा दी है और कहा कि 30 सितंबर तक फैसला सुना दिया जाना चाहिए।
मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 32 लोग आरोपी हैं।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में मुकदमा पूरा करने और फैसला सुनाने के लिए 31 अगस्त तक की समयसीमा तय की थी।
न्यायमर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने विशेष न्यायाधीश एस के यादव द्वारा दायर की गई रिपोर्ट का संज्ञान लिया और समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी।
यह मामला लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है। आपको बता दें कि अभी 24 जुलाई को वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अदालत के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराया था और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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