एल्गार मामला: नवलखा की स्थान बदलने की अपील पर SC ने NIA से मांगा जवाब
नई दिल्ली: एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में मुंबई के एक सार्वजनिक पुस्तकालय में नज़रबंद कार्यकर्ता गौतम नवलखा की स्थान बदलने के अनुरोध वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
नवलखा के वकील ने न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की एक पीठ को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल में NIA को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था लेकिन वह अभी तक जवाब नहीं दे पाई है।
Elgar Parishad case: SC asks NIA to file reply in 4 weeks on activist Gautam Navlakha's plea for changing accommodation under house arrest
— Press Trust of India (@PTI_News) September 1, 2023
उच्चतम न्यायालय ने 10 नवंबर, 2022 को नवलखा के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें नज़रबंद करने का आदेश दिया था। इससे पहले वह नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे।
NIA की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने नज़रबंद किए जाने संबंधी आदेश का विरोध किया था।
न्यायालय ने नज़रबंदी का आदेश देते हुए कार्यकर्ता को शुरुआत में राज्य द्वारा खर्च किए जाने के लिए 2.4 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। यह राशि उन्हें समुचित स्थान पर नज़रबंद करने और वहां पुलिसकर्मी उपलब्ध कराने पर खर्च की जानी थी।
मामले में पिछली सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने नवलखा को, उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों पर खर्च करने के वास्ते और आठ लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
यह मामला पुणे में 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषण दिए जाने से संबंधित है। पुलिस का आरोप है कि भाषणों के कारण अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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