कुरुक्षेत्र में किसानों ने नेशनल हाईवे 44 जाम किया
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया है। आज 12 जून को हरियाणा कुरुक्षेत्र के पीपली की अनाज मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांग और 6 जून को गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग को लेकर महापंचायत आयोजित की गई थी। जिसमे पूरा संयुक्त किसान मोर्चा पहुंचा था और एक बार फिर सभी किसान संगठन एकजुट हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि किसानों को उनकी फसल का दाम दिया जाए नही तो देशभर में आंदोलन होगा।
इस पंचायत में किसानों का बड़ा हुजूम आया। किसान नेताओं ने एक लाख से अधिक किसानों के आने का दावा किया है ।
यह पंचायत सुबह से चल रही थी और स्थानीय संघर्ष कमेटी प्रशासन के संपर्क में थी। प्रशासन ने कई बार वार्ता की बात कही लेकिन जब दो बजे तक कोई हल नहीं निकला तो किसानों का सब्र टूट गया और उन्होंने मुख्य सड़क नेशनल हाइवे 44 को ज़ाम कर दिया ।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज़क्लिक से खास बातचीत में कहा कि किसान एक बार हाइवे चला गया तो बिना मांगे पूरी हुए वापस नहीं जाएगा।
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टिकैत ने कहा कि ये सरकार को तय करना है कि आंदोलन कब तक चलेगा क्योंकि हम तो अपनी मांगें पूरी होने तक सड़क पर ही रहेंगे।
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता इंद्रजीत ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि ये संघर्ष सूरजमुखी की एमएसपी की मांग से शुरु हुआ है लेकिन अब ये फसलों की एमएसपी गारंटी तक जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने इसी तरह सरसों के किसानों को उनका दाम नहीं दिया और अभी हमारी मक्का मंडी में पड़ी है जिसकी एमएसपी 2000 है लेकिन यहां 1000 में बिक रही है।
तराई किसान यूनियन के नेता तेजिंद्र सिंह विर्क ने कहा सरकार ये बात समझ ले कि एक किसान पर लाठी चलाने का मतलब है पूरे देश के किसानों पर लाठी चलाना। हम इसका बदला लेंगे। उन्होंने कहा पूरे देश में बीजेपी सरकार इसी तरह से एमएसपी खत्म कर रही है। हम किसी से डरने वाले नहीं। हमारे ऊपर मंत्री के बेटे ने थार गाड़ी चढ़ाई थी तब हम नहीं डरे तो इनकी लाठियों से क्या डरेंगे।
यहां किसानों के समर्थन में पहलवान बजरंग पुनिया भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि मैं भी किसान परिवार का हूं। हम आज बृजुभूषण के खिलाफ लड़ रहे है और आप पहले से अजय मिश्र टेनी के खिलाफ लड़ते रहे हो। अब समय है साथ मिलकर लड़ने का।
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भारतीय किसान यूनियन चढूनी की नेशनल लीगल हेड चितवन गुदारा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा ये सरकार उस है आवाज को दबा रही जो अपने हक की बात करता है। पहलवान , नौजवान से लेकर किसान मजदूर लगातार सड़कों पर हैं लेकिन ये सरकार किसी की सुध नहीं ले रही। ये सरकार संविधान के खिलाफ है। हम क्या मांग रहे है हम तो एमएसपी का दाम मांग रहे है जो सरकार ने ही घोषणा की है ।
हरियाणा किसान सभा के महासचिव सुमित दलाल ने कहा खट्टर सरकार ने पंचायत में किसान न आएं, इसलिए उन्हें डराने के लिए पिछले दो दिनों से बड़ी संख्या में किसान नेताओं को नोटिस भेजे और कहा यहां कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। लेकिन आज ये हुजूम दिखा रहा है कि किसान सरकार लाठी गोली से डरने वाला नहीं है। अब एमएसपी को लेकर आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
आपको बता दें कि हरियाणा में किसान चढूनी के नेतृत्व में सूरजमुखी के बीज की खरीद सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर करने की मांग कर रहे थे । जिसके लिए उन्होंने सरकार को पांच जून तक का समय दिया था। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो छह जून को किसान सड़क पर उतर गए जिसके बाद पुलिस ने शाहबाद में आंदोलन कर रहे किसानो पर बर्बर लाठीचार्ज किया और गुरुनाम सिंह चढूनी सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर 14 दिन की हिरासत में ले लिया है। इस घटना ने देश भर के किसानों को हिलाकर रख दिया और इसके बाद राज्य भर में किसानों ने सड़क जाम करनी शुरू कर दिए थे। जिसके बाद आज 12 जून को एक संयुक्त महापंचायत बुलाई गई। इसे एमएसपी गारंटी कानूनी बनाने के लिए एक बड़े आंदोलन को शुरुआत माना जा सकता है। आपको सनद रहे कि दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक चले आंदोलन में भी ये एक बड़ी मांग थी, तब सरकार ने लिखित आश्वासन दिया था की वो इसपर काम करेगी लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ है।
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