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इंद्रप्रस्थ कॉलेज: सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी छात्राएं, प्रिंसिपल और पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

मामले के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए एक पैनल गठित करने की घोषणा की है।
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दिल्ली यूनिवर्सिटी का इंद्रप्रस्थ कॉलेज ऑफ़ वीमेन फेस्ट के दौरान छात्राओं से हुई बदसलूकी की घटना को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इसी कड़ी में सोमवार, 3 अप्रैल को छात्राओं ने अपने कॉलेज प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया और उनके इस्तीफ़े की मांग की। मामले के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए एक पैनल गठित करने की घोषणा की। वहीं दिल्ली महिला आयोग ने भी इस संबंध में दिल्ली पुलिस और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अधिकारियों को समन जारी कर 6 अप्रैल से पहले पेश होने को कहा है।

बता दें कि सोमवार को कॉलेज गेट पर हुए प्रदर्शन में कई छात्रों ने पुलिस गंभीर आरोप लगाए हैंं। छात्रों के मुताबिक पुलिस ने जबरन इस शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट को कुचलने के लिए कई छात्रों को हिरासत में लिया और फिर घंटों बाद उन्हें छोड़ा गया। इस दौरान कई छात्राओं ने चोट लगने की भी शिकायत की। हालांकि पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।

प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत!

इंद्रप्रस्थ कॉलेज की पूर्व छात्रा और क्रांतिकारी युवा संगठन की सदस्य मुदिता ने इस संबंध में मीडिया को बताया कि तमाम प्रयासों के बावजूद कॉलेज प्रिंसिपल छात्राओं की जायज मांगों को सुनने को तैयार नहीं हैं। फेस्ट के दौरान छात्राओं के साथ छेड़-छाड़ और भगदड़ के दौरान आई चोटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो दूर की बात है, प्रिंसिपल 28 मार्च को हुई प्रशसनिक लापरवाही से ही पूर्णता इंकार कर रही हैं।

मुदिता के मुताबिक प्रिंसिपल और पुलिस की लापरवाही के खिलाफ संघर्षरत छात्रों पर लगातार किया जा रहा पुलिसिया दमन इस बात का सूचक है कि प्रिंसिपल और पुलिस में मिलीभगत है। ये लगो छात्राओं का दमन कर अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं।

इस प्रदर्शन में शामिल ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अभिज्ञान ने मीडिया के सामने ये आरोप लगाया कि आइसा के करीब 15 कार्यकर्ताओं को कॉलेज गेट से हिरासत में लिया गया और उन्हें बुराड़ी थाने ले जाया गया। संगठन की ओर से पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ छात्राओं ने चोट लगने का दावा भी किया था।

इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट फैकल्टी और गार्गी कॉलेज में भी प्रदर्शन देखने को मिला। दरअसल, गार्गी कॉलेज में प्रशासन ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका विरोध करते हुए स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने गार्गी में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि किसी कार्यक्रम का आयोजन बंद करना किसा समस्या का हल नहीं है। ये प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उत्सव का आयोजन करे। प्रशासन कार्यालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन में 500 से अधिक छात्र शामिल हुए।

प्रशासन क्या कर रहा है?

इस पूरे मामले में चौतरफा बढ़ते दबाव के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने इंद्रप्रस्थ कॉलेज में हुई घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी अगले एक सप्ताह में जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी। डीयू के रजिस्ट्रार ने इसे लेकर एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 29 मार्च को इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में सांस्कृतिक उत्सव के दौरान हुई घटना की जांच के लिए समिति का गठन किया है।

उधर, दिल्ली महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस और आईपी कॉलेज प्रशासन को जांच के लिए नोटिस जारी करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत व्यवस्था बनाने की बात कही है। आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और संयुक्त पुलिस आयुक्त, महिला और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई (SPUWAC) को समन जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

डीसीडब्ल्यू ने डीयू से गार्गी कॉलेज, मिरांडा हाउस और इंद्रप्रस्थ कॉलेज में हुई घटनाओं की जांच रिपोर्ट और किसी भी सुरक्षा चूक के लिए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विश्वविद्यालय की ओर से की गई कार्रवाई का ब्योरा भी देने को कहा है। साथ ही आयोग ने डीयू और दिल्ली पुलिस से पूछा है कि वे ऐसी घटनाओं को क्यों नहीं रोक पाए? आयोग ने उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए घटना के बाद उनके स्तर से जारी किए गए आदेशों, दिशा-निर्देशों या स्थायी आदेशों का ब्यौरा देनेे के लिए भी कहा गया है।

न्यूज़क्लिक ने इस संबंध में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर और इंद्रप्रस्थ कॉलेज के प्रिंसिपल दोनों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला है। जैसे ही जवाब आएगा, खबर अपडेट की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले भी दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। साल 2020 में एक फेस्ट के दौरान कुछ लोग गार्गी कॉलेज परिसर में जबरन घुस गए थे और फिर छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। इसके बाद बीते साल 2022 में कुछ छात्रों ने मिरांडा कॉलेज में जबरन घुसकर छात्राओं को परेशान करने की कोशिश की थी। इसके अलावा भी कई मामले सुर्खियों में आ चुके हैं। ऐसे में अब एक बार फिर इंद्रप्रस्थ कॉलेज ऑफ़ वीमेन में बीते 28 मार्च को कॉलेज के 'श्रुति' फेस्टिवल के दौरान कुछ "अज्ञात" पुरुषों के कथित तौर पर परिसर में प्रवेश करने और छात्राओं के साथ बदसलूकी करने का मामला चिंताजनक है।

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