अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस : संघर्ष और इंक़लाब का दिन
1 मई 1886 को हज़ारों मज़दूर शिकागो में जमा हुए थे और पहली बार 8 घंटे काम का अधिकार हासिल किया था।
1 मई 1886 को हज़ारों मज़दूर शिकागो में जमा हुए थे और पहली बार 8 घंटे काम का अधिकार हासिल किया था।
उर्दू शायर जौन एलिया ने इस नज़्म 'ऐलान-ए-रंग' उसी ऐतिहासिक घटना यानी मज़दूरों के इंक़लाब के बारे में लिखा है।
दुनिया के कई हिस्सों में 8 घंटे काम के साथ मज़दूरों की अन्य मांगों को लेकर संघर्ष 2020 में भी जारी है। यही वजह है कि जौन की यह नज़्म आज और भी प्रासंगिक हो जाती है।
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