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इज़रायली सेना ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में  फ़िलिस्तीनी बच्चों को हिरासत में लिया

8 से 13 वर्ष की आयु के पांच बच्चे अपने गांव के पास खेल रहे थे तभी हथियारों से लैस इज़रायली सशस्त्र कर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें रिहा करने से पहले घंटों तक हिरासत में रखा।
इज़रायली सेना ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में  फ़िलिस्तीनी बच्चों को हिरासत में लिया

अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पूरी तरह से उल्लंघन और फिलिस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों में इसकी और से जारी दमनकारी कब्जे के साथ साथ इजरायली सेनाओं ने बुधवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हेब्रोन में पांच फिलिस्तीनी बच्चों को हिरासत में ले लिया। हथियारों से लैस इजरायली सेना को एक वीडियो में आठ से 13 साल के बीच के बच्चों को नजदीकी पुलिस स्टेशन में घसीटते हुए देखा गया था। इस वीडियो को इजरायली मानवाधिकार समूह B'Tselem द्वारा गुरुवार 11 मार्च को जारी किया गया।

रिहा होने से पहले इन पांचों बच्चों को घंटों तक हिरासत में रखा गया। हालांकि, इजरायली सैनिकों ने 12 और 13 वर्ष की आयु के इन बच्चों में से दो बच्चों को अन्य सवालों का जवाब देने के लिए अगले सप्ताह वापस आने के लिए कहा है। इजरायल के कानून के अनुसार 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे कानून का सामना करने के योग्य हैं।

इज़रायली सैनिकों ने दावा किया कि वे "घुसपैठ" के आरोपों की जांच कर रहे हैं। इन बच्चों को क्षेत्र में खेलते और कुछ जंगली पौधों को इकट्ठा करते देखा गया था तभी नए बसने वाले दो लोग पेड़ों के पीछे आए और बच्चों को डरा दिया और सैनिकों को बुला लिया। ये नए लोग अवैध सीमांत बस्ती हैवट मओन में रह रहे हैं जो फिलीस्तीन के गांव मासाफर यत्ता के करीब है।

फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने एक रिपोर्ट में कहा कि ठीक इसी दिन अवैध रूप से बसे लोगों ने उसी गांव से दो फिलिस्तीनी बच्चों पर उस समय गोली चलाई जब वे अपनी भेड़ को नजदीक के गांव में चरा रहे थे।

B'Tselem और अन्य मानवाधिकार के समूहों ने इजरायली सेनाओं द्वारा कम उम्र के फ़िलिस्तीनी बच्चों के हिरासत को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन बताया है और साथ नस्लभेद का एक अन्य प्रतीक कहा है।

अंतरराष्ट्रीय मांग और आलोचना के बावजूद 1967 में कब्जे की शुरुआत के बाद से फिलिस्तीनी बच्चों को हिरासत में रखने और सताए जाने की अपनी नीति के साथ इजरायल के कब्जे वाली सेना ने अपनी नीति पर अमल करना जारी रखा है। विभिन्न स्रोतों के अनुसार हर साल इजरायल कम से कम 500 से 700 फिलीस्तीनी बच्चों पर मुकदमा चलाता है। फ़िलिस्तीनी मानवाधिकार समूह Addameer के अनुसार वर्तमान में कम से कम 140 फ़िलिस्तीनी बच्चे इजरायल की जेलों में बंद हैं।

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