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ईरान ने इजराइल के हमलों के जवाब में तेल अवीव पर किया बड़ा मिसाइल हमला

लेबनान के ख़िला़फ अभूतपूर्व और घातक हमले करने तथा गज़ा में नरसंहार को बढ़ावा देने के बाद, इजराइल को प्रतिरोध की एक नई धुरी की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।
israel

तेल अवीव शहर, जिसे एक वाणिज्यिक केंद्र और इज़राइली कब्जे का सबसे बड़ा शहरी केंद्र माना जाता है, मंगलवार, 1 अक्टूबर को वह शहर विभिन्न मोर्चों से किए गए कई हमलों से दहल गया। ये हमले हिज़्बुल्लाह, ईरान, यमन के अंसारुल्लाह और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी सेनानियों ने किए थे और यह उस क्षेत्रीय युद्ध की पहली चिंगारी हो सकती है जिसे नेतन्याहू के नेतृत्व वाली इज़राइली सरकार पिछले कई महीनों से भड़का रही है।

मीडिया आउटलेट्स से बात करते हुए, हिजबुल्लाह के मीडिया रिलेशन ऑफिसर मोहम्मद अफीफ ने मंगलवार को घोषणा की कि लेबनानी प्रतिरोध समूह ने दिन के दौरान हवाई हमले किए, जिसमें तेल अवीव में दो रणनीतिक इजराइली साइटों को फदी-4 मिसाइलों से निशाना बनाया गया। अफीफ ने कहा कि लक्ष्यों में से एक गैलीलॉट बेस था, जो इजराइली सैन्य खुफिया निदेशालय की यूनिट 8200 से संबद्ध था, जबकि दूसरा मोसाद मुख्यालय था। हमले पर टिप्पणी करते हुए, अफीफ ने कहा कि, "यूनिट 8200 और मोसाद मुख्यालय पर हमला सिर्फ शुरुआत है," और इसके साथ ही उन्होंने लेबनान में इजराइली जमीनी घुसपैठ के सभी दावों को नकार दिया।

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने भी 1 अक्टूबर को घोषणा की कि यमन के ड्रोन वायु सेना ने तेल अवीव के कब्जे वाले शहर याफ्फा में इजराइली दुश्मन के सैन्य स्थल को “याफ्फा ड्रोन” से निशाना बनाया। घोषणा में यह भी खुलासा हुआ कि उम्म अल-रश्राश के कब्जे वाले शहर में एक और इजराइली सैन्य स्थल, जिसे ईला के नाम से जाना जाता है, को “समद 4 ड्रोन” ने निशाना बनाया है।

मंगलवार शाम को, दो फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध सेनानियों ने कथित तौर पर मध्य तेल अवीव में अल-कुद्स स्ट्रीट में एक ट्रेन स्टेशन पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम आठ इज़राइली सेटलर्स की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। इज़राइली पुलिस के अनुसार, फ़िलिस्तीनी लड़ाकों ने हमला करने के लिए मशीन गन का इस्तेमाल किया और हमले वे तुरंत मारे गए।

तेल अवीव में गोलीबारी के तुरंत बाद, ईरान ने सैकड़ों मिसाइलों से इज़राइल पर हवाई हमला किया। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक बयान में कहा कि उसने पिछले जुलाई में ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हनीया की हत्या और शुक्रवार, 27 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में आईआरजीसी जनरल अब्बास निलफोरुशन के साथ हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह की हत्या के जवाब में "कब्जे वाले क्षेत्रों के केंद्र" को निशाना बनाया है।

आईआरजीसी ने बयान में स्पष्ट किया कि इजराइल ने ईरान की संप्रभुता के उल्लंघन के बाद आत्म-संयम की अवधि के बाद जवाबी हमला किया था और उनका जवाब तेहरान के वैध अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है। आईआरजीसी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इजराइल ईरान के ऑपरेशन की प्रतिक्रिया के रूप में सैन्य हमला करने का इरादा रखता है, तो उसे बाद में "कुचलने वाले और विनाशकारी हमलों" का सामना करना पड़ेगा।

मंगलवार रात को जारी दूसरे बयान में, आईआरजीसी ने बताया कि इस ऑपरेशन में “वायु और रडार बेस सहित रणनीतिक इज़राइली केंद्रों और क्षेत्र में प्रतिरोध नेताओं पर हत्या के हमलों की साजिश रचने वाले केंद्रों को निशाना बनाया गया है।” बयान में पुष्टि की गई कि इज़राइल की उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों के बावजूद, 90 फीसदी प्रक्षेपास्त्र सफलतापूर्वक लक्ष्यों पर लगे।

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि ईरान आक्रामक नहीं है, लेकिन वह किसी भी खतरे के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा। राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा, "यह हमारी क्षमताओं का केवल एक छोटा सा नज़ारा था। और चेतावनी कि ईरान के साथ टकराव शुरू न करें।"

ईरानी विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले को एक "रक्षात्मक कार्रवाई" बताते हुए कहा कि यह आत्मरक्षा के अधिकार के अनुरूप है और इस अभियान में केवल इज़राइल में सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया है। मंत्रालय ने पुष्टि की कि ईरान अपने कानूनी हितों और अपने क्षेत्र की अखंडता की रक्षा के लिए आगे भी कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।

ईरानी ऑपरेशन के बाद, मंगलवार रात को इज़राइली मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इज़राइली सेना ने ईरान के हमलों के जवाब में "पूरे मध्य पूर्व में शक्तिशाली हवाई हमले" करने की कसम खाई है। इज़राइली ऑक्यूपेशन फोर्सेज (IOF) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने मंगलवार रात को एक बयान में कहा कि ईरानी ऑपरेशन एक "गंभीर और खतरनाक वृद्धि" है। उन्होंने आगे चेतावनी दी, "इसके परिणाम भुगतने होंगे। हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं तत्परता के साथ अपने उच्चतम स्तर पर हैं। हमारी ऑपरेशन की योजनाएं तैयार हैं। हम इज़राइल सरकार के निर्देश के अनुसार, जहां भी, जब भी और जिस तरह से चाहें, जवाब देंगे।"

ाभारपीपल्स डिस्पैच

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