महाराष्ट्र : विदर्भ में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 दिन में 19 लोगों की मौत, हज़ारों मकान क्षतिग्रस्त
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पिछले 10 दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि भारी बारिश के कारण कम से कम 4,500 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मूसलाधार बारिश से 54,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है, जिसमें 53,000 हेक्टेयर कृषि भूमि अमरावती मंडल में है। लगभग 2,796 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नागपुर मंडल में 13 जुलाई से अब तक बाढ़, और बिजली गिरने की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई है। गढ़चिरौली और भंडारा में तीन-तीन, वर्धा और गोंदिया में दो-दो तथा चंद्रपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि अमरावती मंडल में 21 जुलाई को एक दिन में पांच लोगों की मौत हुई, जिसमें यवतमाल में हुई तीन लोगों की मौत भी शामिल है। अकोला और बुलढाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। अधिकारी ने बताया कि 22 जुलाई को अमरावती जिले में बाढ़ के पानी में बहने से तीन लोगों की मौत हो गई।
अधिकारी ने बताया कि विदर्भ के 11 जिलों को दो मंडल में विभाजित किया गया है - अमरावती और नागपुर। नागपुर मंडल में नागपुर, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली और वर्धा जिले शामिल हैं, जबकि अमरावती मंडल में अमरावती, अकोला, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा शामिल हैं।
विदर्भ के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है।
नागपुर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में अकोला में 107.9 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। वहीं, यवतमाल में इस अवधि में 24, वर्धा में 23.4, अमरावती में 15.6, नागपुर में 6.7, गढ़चिरौली में 3.0, गोंदिया में 2.2, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर) में 2.4 और बुलढाणा में 2.0 मिमी बारिश हुई।
राज्य के राहत तथा पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल रविवार को यवतमाल पहुंचे और उन्होंने वहां स्थिति का जायजा लिया।
संवाददाताओं से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि 21 जुलाई को बारिश से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई है। मंत्री ने कहा कि तीनों मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
पाटिल ने रविवार को यवतमाल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन को तुरंत खाद्य सामग्री वितरित करने और जिले में 1,600 से ज्यादा बाढ़ प्रभावित परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता राशि मुहैया कराने का भी निर्देश दिया।
जिला प्रशासन ने बताया कि अकोला बा और सावर गांव में बाढ़ में दो लोग बह गए, जिनमें से एक का शव अभी बरामद नहीं किया जा सका है।
प्रशासन ने बताया कि इसके अलावा वाघदी गांव में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई। उसने बताया कि अकोला में 32 वर्षीय एक व्यक्ति नदी में बह गया, वहीं 47 वर्षीय व्यक्ति बुलढाणा में नदी में पानी के तेज बहाव में बह गया।
अधिकारियों ने बताया कि अमरावती जिले में शनिवार को बाढ़ के पानी में बहने से तीन लोगों की मौत हो गयी। उसने बताया कि जलकापत गांव में 32 वर्षीय व्यक्ति, जमापुर गांव में 20 वर्षीय युवक और मोर्शी तालुका में 37 वर्षीय महिला की पानी में बहने से मौत हो गई।
अमरावती मंडलीय आयुक्तालय की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 21 जुलाई को बाढ़ और बारिश से 53,056 हेक्टेयर कृषि भूमि पर भी असर पड़ा है।
अमरावती मंडल में बारिश से 2,882 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें यवतमाल में 1,432, अकोला में 1,424, वाशिम में 14 और अमरावती में 12 मकान हैं। बारिश और बिजली गिरने से अमरावती मंडल में 59 मवेशियों की जान चली गई।
अधिकारियों द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश से नागपुर मंडल में 875.84 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई, जिसमें चंद्रपुर में 853.74 हेक्टेयर और वर्धा में 22.1 हेक्टेयर भूमि शामिल है। उन्होंने बताया कि इस प्रभाग में 1,600 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
उन्होंने बताया कि यवतमाल जिले में महागांव तहसील के आनंदनगर टांडा गांव में बाढ़ में फंसे करीब 110 लोगों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, यवतमाल के कई इलाकों में रविवार को बाढ़ का पानी घट गया और बारिश में भी कमी आई।
विदर्भ के बुलढाणा जिले में करीब 100 लोग शनिवार को संग्रामपुर तहसील के कतारगांव में सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जिले में रविवार को बाढ़ जैसी स्थिति नहीं देखी गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अमरावती जिले में भारी बारिश की संभावना है, जबकि विदर्भ के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने का अनुमान है।
यवतमाल के जिलाधिकारी अमोल येडगे ने कहा कि बारिश और बाढ़ के कारण जिले में तीन लोगों की मौत हो गई और 1,426 मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में केवल दो से तीन दिनों में 15 से 20 दिनों की औसत बारिश हुई है।
उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में भारी बारिश की आशंका है, वहां के प्रशासन को सतर्क किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों को तुरंत तैनात किया जा रहा है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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