COVID-19 के प्रसार के बीच महासचिव का चुनाव कराने को लेकर ओएएस के फैसले पर सदस्य देशों ने आपत्ति जताई
COVID-19 की वैश्विक महामारी के बीच 13 मार्च को ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ अमेरिकन स्टेट्स (ओएएस) में 13 सदस्य राष्ट्रों के राजदूतों ने अपने नए महासचिव और सहायक महासचिव का चुनाव करने के लिए 20 मार्च को निर्धारित 54 वीं विशेष महासभा के आयोजन को लेकर संगठन के निर्णय पर आपत्ति जताई।
एंटीगुआ एंड बरबुडा, बहामास, बारबाडोस, बेलीज, डोमिनिका, गायना, ग्रेनेडा, जमैका, सेंट किट्स-नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेडाइंस, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो के राजदूतों ने स्थायी परिषद के अध्यक्ष, क्षेत्रीय समन्वयकों, महासचिव और सभी ओएएस सदस्य देशों को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में संगठन ने 20 मार्च की महासभा को स्थगित करने का अनुरोध किया है।
इन प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि ये सत्र लोगों की बड़ी सभाओं को आयोजित नहीं करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी की गई स्वास्थ्य से जुड़ी सिफारिशों का विरोध करेगा और अमेरिका तथा व्हाइट हाउस के 10 से 50 से अधिक लोगों के जमा न होने के आदेशों के भी खिलाफ होगा। कोरोनवायरस के प्रसार को कम करने के लिए दुनिया भर में ये उपाय सुझाए गए और अपनाए गए हैं।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों ने इस चुनाव के परिणामों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “कोरम नहीं हो सकता है; या हमारे गोलार्ध के राष्ट्रों के प्रतिनिधि निकाय के रूप में जारी रखने के लिए संगठन और इसकी क्षमता की प्रभावशीलता के लिए हानिकारक और दूरगामी परिणाम के साथ इस बैठक को वैध नहीं माना जाएगा।
इन चुनावों में इक्वाडोर के पूर्व विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा मौजूदा महासचिव लुइस अल्माग्रो का सामना करेंगे।
एस्पिनोसा जिनकी उम्मीदवारी इक्वाडोर द्वारा नहीं बल्कि एंटीगुआ एंड बरबुडा और सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेडाइंस द्वारा प्रस्तुत की गई थी, उन्होंने पिछले महीने विधानसभा को संबोधित करते हुए "संगठन की ओर से कार्रवाई करने से पहले राज्यों के संवेदनशील उभरते मुद्दों के पड़ताल करने का वादा किया था।"
इस अवधि में उरुग्वे के अल्माग्रो ने इस क्षेत्र की प्रगतिशील सरकारों के खिलाफ अमेरिका के साम्राज्यवादी हितों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाली योजनाओं जैसे वेनेजुएला के खिलाफ क्रूर वाणिज्यिक और आर्थिक प्रतिबंधों और तख्तापलट का बचाव किया है जिसने बोलीविया के समाजवादी राष्ट्रपति इवो मोरालेस को हटा दिया है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच
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