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दलित युवक की हत्‍या : परिवार ने लगाया ऑनर किलिंग का आरोप, पुलिस की भूमिका संदिग्‍ध

पुलिस ने पड़ोसी बस्ती से एससी समुदाय के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और एक बयान जारी कर दावा किया है कि तीनों युवकों ने एक युवक की बहन को कथित तौर पर छेड़ने के लिए मुथैया की "हत्या" कर दी।
Murder of Dalit youth
मुथैया, जिसकी 23 जुलाई को कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी, के लिए न्याय की मांग करते हुए राजनीतिक दलों ने तिरुनेलवेली में विरोध प्रदर्शन किया।

अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अरुंथथियार समुदाय के एक 19 वर्षीय युवक की 23 जुलाई को कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। यह घटना तिरुनेलवेली जिले के थिसयानविलाई नगर पंचायत के एक गांव में हुई थी। हालांकि युवक के परिवार का आरोप है कि हत्या एक 'ऑनर किलिंग' थी जिसे उस लड़की के परिवार ने अंजाम दिया था जिससे वह प्यार करता था - जो एक वर्चस्‍वशाली जाति से थी - पर पुलिस ने आरोपों का खंडन किया है।

मृतक मुथैया के परिवार ने तब तक उसका शव नहीं लेने का फैसला किया है जब तक कि इस क्रूर हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता। पुलिस ने पड़ोसी बस्ती से एससी समुदाय के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और एक बयान जारी कर दावा किया है कि तीनों युवकों ने एक युवक की बहन को कथित तौर पर छेड़ने के लिए मुथैया की "हत्या" कर दी।

हालांकि मुथैया के परिवार ने दावा किया है कि गिरफ्तार युवकों की उनसे कोई दुश्मनी नहीं है. गिरफ्तार किए गए तीनों युवकों के परिवार के सदस्यों ने मुथैया के पिता कन्नियप्पन के साथ प्रेस से मुलाकात की और पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया।

तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा (टीएनयूईएफ), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीआई (एम)] और 14 अन्य संगठनों ने कथित ऑनर किलिंग और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ 26 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया।

कन्नियप्पन ने दावा किया कि उसका बेटा उसी गांव की नादर जाति की एक लड़की से प्यार करता था, जिसका उसकी बहन के पति के नेतृत्व में लड़की के परिवार के सदस्यों ने विरोध किया था। 23 जुलाई को रात 8 बजे, मुथैया की थिसयानविलाई के अप्पुविलाई गांव में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।

मुथैया के परिवार के सदस्यों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि शुरू में, पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था जिसमें दावा किया गया था कि मुथैया और पड़ोसी गांव कक्कन नगर के कुछ युवाओं के बीच नशीली दवाओं के उपयोग के कारण झड़प हुई थी, जिसके कारण हत्या हुई।

कन्नियप्पन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, “पुलिस ने हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने दावा किया है कि मेरे बेटे ने सुरेश की बहन को छेड़ा था, यह पूरी तरह से झूठ है।''

परिवार ने पुलिस पर मुथैया का शव लेने के लिए दबाव डालने का भी आरोप लगाया है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि थियानविलाई नगर पंचायत के अध्यक्ष, सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के एक नेता ने मामले को निपटाने के लिए 3 लाख रुपये की पेशकश की।

कन्नियप्पन ने दावा किया, “हम अपने बेटे का शव तब तक नहीं लेंगे जब तक पुलिस उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती जिन्होंने वास्तव में उसे मार डाला। चूंकि हम अरुंथथियार समुदाय से हैं, इसलिए पुलिस और प्रशासन हमारा समर्थन नहीं कर रहे हैं।”

परिवार और कुछ राजनीतिक संगठनों ने पुलिस पर "ऑनर किलिंग की संभावना को खारिज करने के प्रयास" में, एससी समुदाय से आने वाले एक युवक को गिरफ्तार करके अपराध को कम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। परिवार ने कहा कि उसके पास मुथैया और लड़की की एक साथ तस्वीरें हैं "यह स्थापित करने के लिए कि वे वास्तव में प्यार में थे।"

सीपीआई (एम), टीएनयूईएफ, सीपीआई (एमएल), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) और कई अन्य दलित संगठनों ने जिला प्रशासन से क्रूर हत्या के पीछे की सच्चाई सामने लाने का आग्रह किया है।

'ऑनर किलिंग को रोकने के लिए कानून बनाएं'

इस नृशंस हत्या ने एक बार फिर 'जातीय गौरव' के नाम पर होने वाली ऑनर किलिंग को रोकने और दंडित करने के लिए विशेष कानून की मांग उठाई है। विशेष प्रावधान के अभाव में अब मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत दर्ज किए जा रहे हैं।

राज्य सीपीआई (एम) तिरुनेलवेली जिला सचिव के श्रीराम ने कहा, “टीएनयूईएफ, सीपीआई (एम) और कई दलित अधिकार संगठन इस तरह के जघन्य अपराध को रोकने के लिए एक विशेष कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। राज्य सरकार के लिए कार्रवाई करने का समय आ गया है।”

इससे पहले, 25 जुलाई को, टीएनयूईएफ के नेताओं और मुथैया के परिवार के सदस्यों को उस समय हिरासत में लिया गया था, जब वे एक ज्ञापन के साथ पुलिस के पास पहुंचे थे, जिसमें ऑनर किलिंग का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी।

श्रीराम ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई बेहद निराशाजनक रही है। हमें सामाजिक रूप से उत्पीड़ित समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करना होगा। ज्यादातर मौकों पर, उनकी आवाज़ अनसुनी कर दी जाती है।”

सीपीआई (एम) और टीएनयूईएफ ने कार्ययोजना तैयार करने के लिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों और संगठनों की 27 जुलाई को बैठक बुलाई है।

अंग्रेजी में प्रकाशित मूल लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Family of Slain SC Youth in Tirunelveli Alleges Honour Killing, Disputes Police’s Version

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