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श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष का रिकॉल आवेदन खारिज

कोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी 18 वादों को एक साथ सुनने का आदेश दिया था। वाद की पोषणीयता पर हिंदू पक्ष में फैसला आने पर मुस्लिम पक्ष ने वादों को एक साथ सुनने के आदेश के खिलाफ दाखिल किए गए रिकॉल आवेदन पर सुनवाई करने की प्रार्थना की थी।
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फ़ोटो साभार : X

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष के रिकॉल आवेदन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सभी वादों को एक साथ सुनने के आदेश के विरोध में दाखिल रिकॉल आवेदन को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अगली सुनवाई अब छह नवंबर को होगी और मामले में वाद बिंदु तय किए जाएंगे। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी 18 वादों को एक साथ सुनने का आदेश दिया था। वाद की पोषणीयता पर हिंदू पक्ष में फैसला आने पर मुस्लिम पक्ष ने वादों को एक साथ सुनने के आदेश के खिलाफ दाखिल किए गए रिकॉल आवेदन पर सुनवाई करने की प्रार्थना की थी। इस पर दोनों पक्षों ने कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें पेश कीं।

मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि सभी वादों में मांगी गईं राहत भिन्न और असमान हैं। ऐसे में इन्हें एक साथ नहीं सुना जा सकता। वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह की दलील थी कि मुस्लिम पक्ष मामले को उलझाए रखने के लिए रिकॉल अर्जी दाखिल की है। वाद की पोषणीयता पर फैसला आ चुका है और अब इस मामले के वाद बिंदु तय किए जाने चाहिए। हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने दलील दी कि कोर्ट के पास वादों की एक साथ सुनवाई करने की शक्ति है। वह अपने विवेकानुसार ने एक समान वादों को एक साथ सुनवाई करने का आदेश पारित कर सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के चेयरमैन आशुतोष पांडेय द्वारा लिखित में आपत्ति दाखिल कर मुस्लिम पक्ष के रिकॉल आवेदन का विरोध किया गया। हिंदू पक्ष की ओर से अन्य कई अधिवक्ताओं ने रिकॉल आवेदन का विरोध करते हुए दलील पेश की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 16 अक्टूबर को आदेश सुरक्षित कर लिया था। मुस्लिम पक्ष के रिकॉल आवेदन को अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।

अब तय किए जाएंगे वाद बिंदू

मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। अब वाद बिंदू तय होंगे। इसके बाद बिंदू वार मामले की सुनवाई होगी। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले ही अदालत में वाद बिंदू दाखिल कर दिया है। साथ ही इसकी प्रति शाही मस्जिद ईदगाह व सुन्नी बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है।

आदेश का अवलोकन कर लेंगे फैसला

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि आदेश का अवलोकन करेंगे। देखेंगे क्या-क्या वैधानिक कमियां हैं। इसके बाद जरूरत पड़ी तो सक्षम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

क्या था मामला

हिंदू पक्ष ने सभी विवादों को इकट्ठा कर तत्काल वाद बिंदुओं को तय करके सुनवाई की जाए। मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसका विरोध किया गया। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने सभी मुकदमों की अलग- अलग सुनवाई करने की मांग कोर्ट से की थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया। सभी मुकदमे अब एक साथ चलाए जाएंगे।

साभार : सबरंग 

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