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पैगंबर मोहम्मद टिप्पणी विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने अपने एक जुलाई के आदेश के बाद शर्मा को कथित रूप से जान से मारने की धमकी मिलने का संज्ञान लेते हुए उन्हें भविष्य में दर्ज हो सकने वाली प्राथमिकियों/शिकायतों में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दे दी।  
Nupur Sharma
फ़ोटो साभार : ट्विटर

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों/शिकायतों के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान कर दिया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने अपने एक जुलाई के आदेश के बाद शर्मा को कथित रूप से जान से मारने की धमकी मिलने का संज्ञान लेते हुए उन्हें भविष्य में दर्ज हो सकने वाली प्राथमिकियों/शिकायतों में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दे दी।     
मामला 26 मई को एक टीवी डिबेट शो के दौरान पैगंबर पर कथित विवादित टिप्पणी से संबंधित है।     

यह उल्लेख करते हुए कि शीर्ष अदालत यह कभी नहीं चाहती थी कि शर्मा राहत के लिए हर अदालत का रुख करें, पीठ ने उनकी याचिका पर केंद्र और दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों को नोटिस जारी किया तथा 10 अगस्त तक उनसे जवाब मांगा।
पीठ मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को करेगी।

शीर्ष अदालत की इसी पीठ ने पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर एक जुलाई को शर्मा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी जुबान से "पूरे देश में आग लगा दी है" तथा देश में "जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं।"

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था, ‘‘ये बयान बहुत व्यथित करने वाले हैं और इनसे अहंकार की बू आती है। इस प्रकार के बयान देने से उनका क्या मतलब है? इन बयानों के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं... ये लोग धार्मिक नहीं हैं। वे अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते। ये टिप्पणियां या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए की गईं अथवा किसी राजनीतिक एजेंडे या घृणित गतिविधि के तहत की गईं हैं

नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में शिकायत दर्ज की गई हैं। नूपुर शर्मा ने इन सभी याचिकाओं को दिल्ली स्थानांतरण करने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी। नूपुर ने अदालत में आरोप लगाया था कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

हालांकि, कोर्ट ने उनसे यह सवाल कर दिया कि नूपुर शर्मा को खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं? आगे अदालत ने कहा कि उदयपुर में टेलर कन्हैलाल की हत्या के लिए भी ही उनकी बयानबाजी जिम्मेदार है।।’’

(भाषा इनपुट के साथ)

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