दूरसंचार कंपनियों को राहत, सरकार ने स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टाला
नई दिल्ली: सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिये स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के लिए टालने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिये स्पेक्ट्रम किस्त भुगतान से छूट दी गई है।
सीतारमण ने कहा कि स्पेक्ट्रम के टले भुगतान को शेष बची किस्तों में बिना समय बढ़ाये बराबर बांटा जायेगा। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम के टले भुगतान पर लागू होने वाले ब्याज का भुगतान करना होगा।
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार क्षेत्र हालिया कुछ समय से संकटों से जूझ रहा है। बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद सितंबर तिमाही में दो पुरानी दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन आइडिया तथा भारती एयरटेल का सम्मिलित घाटा 74 हजार करोड़ रुपये के पार चला गया।
वोडाफोन आइडिया को अकेले ही इस तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। यह किसी भी भारतीय कंपनी को अब तक किसी एक तिमाही में हुआ सबसे बड़ा घाटा है। इसके बाद दूरसंचार क्षेत्र लगातार ही सरकार से राहत देने की मांग कर रहा था।
सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
दूरसंचार क्षेत्र को राहत मिलेगी: सीओएआई
दूरसंचार उद्योग से संबंधित संस्था सीओएआई ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया के लिए दो साल की मोहलत देने सहित विभिन्न उपायों से कर्ज से दबे इस क्षेत्र को राहत मिलेगी। सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो शामिल हैं।
भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर संघ (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा कि मोबाइल कॉल और डेटा दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी से तनाव को कम करने में कुछ हद तक मदद मिलेगी।
मैथ्यू ने कहा, “तीन उपायों - स्पेक्ट्रम भुगतान में दो साल की मोहलत, शुल्क दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी और समायोजित सकल राजस्व को संशोधित करने से दूरसंचार क्षेत्र को फिर से खड़ा करने में मदद मिलेगी।”
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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