यूपी: लखीमपुर खीरी के बाद गोरखपुर में नाबालिग से बलात्कार, महिलाओं की सुरक्षा में विफल योगी सरकार!
“बुलंदशहर, हापुड़, लखीमपुर खीरी और अब गोरखपुर की घटनाओं से ये साबित होता है कि महिलाओं को सुरक्षा देने में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है। अपराधियों के मन में कानून का कोई डर नहीं है। उसी का परिणाम है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की वीभत्स से वीभत्स घटनाएं घटती ही जा रही हैं।”
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ये बातें कही हैं। प्रियंका गांधी ने आगे ये भी कहा कि पुलिस और प्रशासन न तो महिलाओं को सुरक्षा दे पा रहे हैं और न ही उचित कार्रवाई कर पा रहे हैं। प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे और महिलाओं की सुरक्षा संबंधित हर कदम गंभीरता से उठाए।
बता दें कि सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही बार-बार बेहतर कानून व्यवस्था का दावा कर रही हो लेकिन राज्य के अलग-अलग इलाकों में रिपोर्ट हो रही मासूम बच्चियों के यौन उत्पीड़न की खबरें लगातार सुर्खियों में हैं। एक ओर विपक्ष ‘बदहाल कानून व्यवस्था’ के नाम पर सरकार को घेर रहा है तो वहीं प्रशासन राज्य में अपराधिक घटनाओं के कम होने का दावा कर रहा है।
नाबालिगों से दुष्कर्म की घटनाएं
हाल ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक छह साल की बच्ची की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। तो वहीं शुक्रवार, 14 अगस्त ठीक स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले लखीमपुर खीरी जिले में एक 13 वर्षीय लड़की की बलात्कार के बाद हत्या का मामला सामने आया। हद तो तब हो गई जब शनिवार, 15 अगस्त को आज़ादी के ही दिन गोरखपुर के गोला बाजार से एक और नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई।
क्या है गोरखपुर का पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दुष्कर्म की ये घटना गोरखपुर के गोला बाजार की है। पीड़िता की उम्र 17 साल बताई जा रही है और फिलहाल जिला अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना कि पीड़िता शनिवार, 15 अगस्त को बेहोशी की हालत में मिली थी।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पीड़िता के पिता ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करते हैं और भट्ठे के पास ही रहते हैं। पीड़िता शुक्रवार, 14 अगस्त की रात को हैंडपंप से पानी लाने गई थी, जब बाइक से आए दो लोग जबरन उसे उठाकर गांव के ही एक तालाब के पास की झोपड़ी में ले गए और कथित तौर पर उसका बलात्कार किया।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस में दर्ज शिकायत में पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि शुक्रवार की शाम उनके घर के बाहर से उनकी बेटी का अपहरण किया गया था। बहुत देर तक उसके वापस न आने पर परिवार ने तलाश शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।
अगली सुबह घर के पास ही वह बेहोश पड़ी मिली। उसी दोपहर लड़की अपनी मां के साथ संबंधित थाने गई और पुलिस को बताया कि पास गांव के अर्जुन और उसके दोस्त महेश ने उसका अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया है।
परिजनों का आरोप और पुलिस का इंकार
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि दोनों आरोपियों ने बलात्कार के बाद सिगरेट से पीड़िता के शरीर को दागा है, लेकिन पुलिस ने अभी इससे इंकार किया है।
गोरखपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पीड़िता के शरीर पर जो घाव हैं, वे शायद सिगरेट से दागे जाने की वजह से नहीं हो सकते। अभी पीड़िता की मेडिकल जांच पूरी नहीं हुई है। आरोपियों को सोमवार को गोरखपुर में स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
पुलिस का क्या कहना है?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर दो लोगों के खिलाफ अपहण, गैंगरेप और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।’
पुलिस ने देहरीभर गांव के रहने वाले दोनों आरोपियों- अर्जुन (27) और उसके सहयोगी महेश उर्फ छोटू (22)को गिरफ्तार कर लिया है।
लखीमपुर खीरी का क्या मामला था?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना लखनऊ से करीब 130 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा से सटे एक गांव पाकरिया में हुई। जहां एक 13 साल की मासूम बच्ची का पहले बलात्कार किया गया, उसेक बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।
मामला शुक्रवार, 14 अगस्त का है। ईंट भट्ठे पर काम करने वाले एक मज़दूर की नाबालिग बेटी हैंडपंप से पानी लेने बाहर गई थी, जब बाइक पर आए दो लोग उसे जबरन उठाकर ले गए और उसका बलात्कार किया। पुलिस के मुताबिक लड़की का शव एक आरोपी के खेतों में मिला था। इस मामले में गांव के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
लड़की के पिता ने एनडीटीवी को बताया, ‘हम हर जगह उसकी तलाश में गए। गन्ने के खेत में उसकी आंखें मिलीं। उसकी जीभ काट दी गई थी और दुपट्टे से गला घोंट दिया गया था।’
परिवार का आरोप और पुलिस का इंकार
गोरखपुर मामले की तरह ही यहां भी लड़की के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी का गला घोंट दिया गया था, उसकी आंखें बाहर निकाल दी गईं और जीभ काट दी गई। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके इस दावे से इनकार करते हुए कहा कि रविवार की रात आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह नहीं दिखाया गया है कि पीड़िता की आंखें निकाली गई थीं या जीभ काटी गई थी।
पुलिस ने क्या कहा?
लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया, ‘उसकी आंखें नहीं निकाली गईं और जीभ नहीं कटी थी। ये दावा सही नहीं है। यह सुझाव देने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ भी नहीं है। आंखों के पास खरोंच थे, जो हो सकता है कि संभवत: गन्ने के पत्तों के कारण हुआ था।’
कुमार ने कहा, ‘लड़की के पोस्टमार्टम से बलात्कार की पुष्टि हुई है। दोनों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। हम बलात्कार, हत्या और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी आरोप दायर करेंगे।’
विपक्ष क्या कह रहा है?
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्विटर पर लखीमपुर खीरी घटना की निंदा करते हुए इसे ‘बेहद शर्मनाक’ बताया।
योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी तो समाजवादी पार्टी और वर्तमान भाजपा की सरकारों के बीच क्या अंतर है?’
सपा ने बताया इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भाजपाकाल में उत्तर प्रदेश की बच्चियों व नारियों का उत्पीड़न चरम पर है। बलात्कार, अपहरण, अपराध व हत्याओं के मामले में भाजपा सरकार प्रश्रयकारी क्यों बन रही है?
चंद्रशेखर आज़ाद ने मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी सरकार को निशाना पर लेते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार में दलित उत्पीड़न चरम पर पहुंच गया है। अगर यह जंगलराज नहीं है तो क्या है? हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, हमारे घर सुरक्षित नहीं हैं, यहां हर तरफ भय का माहौल है। योगी (आदित्यनाथ) इस्तीफा दें।’
भाकपा ने पुलिस पर लगाया मामलों को हल्का करने का आरोप
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने राज्य पुलिस प्रशासन के साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में बने रहने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
अपने एक बयान में उन्होंने कहा, “उरई, हापुड़ और बुलंदशहर की हृदय विदारक घटनाओं की दहशत से अभी समाज उबरा भी नहीं था कि लखीमपुर जनपद के ईसा नगर थाने के पकरिया गांव की एक 13 वर्षीय दलित बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद न केवल हत्या कर दी गयी अपितु उसकी आँखें फोड़ दी गयीं और जीभ काट दी गयी। पुलिस की बर्बरता देखिये कि पहले बलात्कार की बात को झुठलाती रही और अब जब पोस्टमार्टम में बलात्कार की पुष्टि हो गयी तो वह जीभ काटने और आँखें फोड़ने की बात को झुठला रही है।”
उन्होंने आगे कहा “ये ठीक उसी तरह है जिस तरह कि बुलंदशहर पुलिस ने सारी ताकत इस बात को साबित करने में झौंक दी है कि सुदीक्षा के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई। वैसे तो उत्तर प्रदेश में इस समय हर तरह के अपराध आसमान जैसी ऊंचाइयाँ छू रहे हैं मगर बहन बेटियों के साथ बदसलूकी, हत्या और दहेज हत्याओं की वारदातों ने तो सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। उनके सम्मान, अस्मिता और जान की रक्षा करने में असफल राज्य सरकार और राज्य पुलिस मामलों को हल्का करने अथवा रिकार्ड से हटाने में जुटी है। यह असहनीय है और सरकार के सत्ता में बने रहने पर गंभीर सवाल खड़े करती है।”
राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी तीन साल के आंकड़ों में कम अपराध और अपराधियों पर लगाम का दावा जरूर किया जा रहा है लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला उत्तर प्रदेश में दर्ज हो रहा है।
एनसीआरबी आंकड़ों की माने तो साल 2017 के मुकाबले 2018 में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सात फिसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। 2017 में कुल 56,011 मामले दर्ज किए गए थे तो वहीं 2018 में ये आंकड़ा बढ़कर 59,445 पर पहुंच गया। इसमें कुल बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज हुए थे।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।