उत्तराखंड: समान नागरिक संहिता का मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा गया
राम मंदिर के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पसंदीदा चुनावी एजेंडे में देशव्यापी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को जल्द लागू की तैयारी चल रही है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश के लिए एक मॉडल रुप में बताए जाने वाले यूसीसी मसौदे को शुक्रवार को देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया। इस मसौदे को उत्तराखंड सरकार द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा तैयार किया गया।
#WATCH | Dehradun | UCC Committee Chairperson Justice Ranjana Prakash Desai along with the drafting committee members hand over the UCC draft report to Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami in a program organized at Mukhya Sevak Sadan. pic.twitter.com/xRMG700eWu
— ANI (@ANI) February 2, 2024
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा।"
यूसीसी भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र के एक प्रमुख वादे और उसके मूल हिंदुत्व एजेंडे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए "समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा बनाना है, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो।"
इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूसीसी पर कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र पहले ही 5-8 फरवरी तक बुलाया जा चुका है।
यूसीसी का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है। कुछ नेताओं का तर्क है कि इससे देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को नुकसान हो सकता है जो पहले से ही खतरे में है। संघ परिवार और उसके सहयोगियों द्वारा विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे भारत में अल्पसंख्यक और अलग-थलग पड़ जाएंगे।
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