गांधी के आखिरी उपवास से क्यों नाराज़ हुए हिंदुत्ववादी?
लगभाग डेढ़ साल से, शायद ही कोई दिन बीता होगा, जब हमें आजादी का अमृत महोत्सव और 'अमृत काल' के मंत्र न सुनाए गए हों। अगर हमने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ अगस्त में मनाई, तो क्या हम 30 जनवरी 1948 की दुखद घटनाओं को भुला सकते हैं? 'इतिहास के पन्नें मेरी नज़र से' के इस अंक में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय के साथ आइये एक बार फिर से याद करते हैं गांधी जी को और उनकी धर्मनिरपेक्षता को।
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