6 दिसंबर,1992 : सिर्फ़ बाबरी मस्जिद नहीं, ढहा था लोकतंत्र का स्तंभ
खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से 29 साल पहले गिराई गई बाबरी मस्जिद से जो नफ़रत की राजनीति का वर्चस्व शुरू हुआ उसने लोकतंत्र को लिंचिस्तान में तब्दील कर दिया। उन्होंने बात की बाबरी मस्जिद विध्वंस की गवाह रही वरिष्ठ पत्रकार राधिका रामासेशन और “राम के नाम” सहित अनेक अहम डॉक्यूमेंटरी फिल्म बनाने वाले आनंद पटवर्धन से
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