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बिहारः बारिश की कमी से किसानों की चिंता बढ़ी, 20 जिलों में 40 फ़ीसदी कम बारिश

अगर कुछ दिन यही हाल रहा तो इन जिलों में सूखा संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। धान की रोपाई का मौसम है ऐसे में राज्य में इसकी रफ्तार बेहद धीमी है।
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: Down To Earth

बारिश के मौसम में बिहार में बारिश की कमी ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। धान की बुआई का मौसम है ऐसे में पानी की कमी चलते इसकी रोपाई की रफ्तार बेहद धीमी है। बिहार के 20 जिलों में 40 फीसदी कम बारिश हुई है। इससे राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। नीतीश सरकार समस्याओं से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर चुकी है।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक राज्य में कहीं भी भारी बारिश होने की बात नहीं कही गई है। इस तरह बारिश की कमी का ये ग्राफ और बढ़ सकता है। एक जून से नौ जुलाई के बीच 263 मिमी बारिश होनी चाहिए थी जो कि मात्र 191.7 मिमी ही बारिश हुई है। राज्य के कुछ जिलों को छोड़ दें तो ज्यादातर जिलों में सामान्य मानक से कम बारिश हुई है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार बारिश की कमी की वजह से सूबे में वर्षा का ग्राफ हर दिन नीचे गिरता जा रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, पटना सहित राज्य के 35 जिले कमोबेश बारिश की किल्लत झेल रहे हैं। राज्य के 20 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य मानक से 40 फीसदी या उससे भी अधिक बारिश की कमी हो गई है। अगर कुछ दिन यही हाल रहा तो इन जिलों में सूखा संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मौसम विज्ञानियों की मानें तो राज्य भर में एक जून से नौ जुलाई के बीच 263 मिमी बारिश होनी चाहिए थी लेकिन मात्र 191.7 मिमी बारिश हुई है। इस वजह से राज्य भर में सामान्य से 27 प्रतिशत बारिश की कमी हो गई है।

सिर्फ़ तीन ज़िलों में मानक से अधिक बारिश

राज्य में समय से मानसून के आने के चलते किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद हुई थी लेकिन अब तक राज्य के अधिकतर जिलों में वर्षा की बूंदों को लोग तरस रहे हैं। अबतक बारिश का अच्छा ग्राफ केवल सीमाचंल के तीन जिलों तक ही सीमित रहा हैं। राज्य के केवल अररिया, किशनगंज और सुपौल में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अररिया में सामान्य से 63 प्रतिशत, किशनगंज में 62 प्रतिशत और सुपौल में 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 11 जुलाई से 15 जुलाई के बीच राज्य में कुछ जगहों पर आंशिक बारिश की स्थिति बन सकती है। कहीं भी भारी बारिश का पूर्वानुमान नहीं है।

जून में 19 दिन सामान्य से कम बारिश, जुलाई में भी बारिश का टोटा

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी बारिश का कोई चिह्नित सिस्टम सक्रिय नहीं दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जून में मात्र 11 दिन ही सामान्य से अधिक बारिश हुई, जबकि 19 दिन सामान्य से कम बारिश हुई थी। मानसून के महीने में बारिश के दिनों की यह कमी जुलाई महीने में भी जारी है। अपेक्षित बारिश न होने से पिछले नौ दिनों में कमी का यह आंकड़ा 27 प्रतिशत तक चला गया है। राज्य में एक-दो जगहों को छोड़ दें तो हाल के दिनों में अधिकतर जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है।

इन ज़िलों में 40 प्रतिशत या उससे भी ज़्यादा कमी

नहरों से भी नहीं पूरी हो रही किसानों की ज़रूरत

राज्य में पानी की कमी का असर इतना ज्यादा है कि नहरों से भी किसानों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। चारों बड़ी नहर सोन, उत्तर कोयल, कोशी, गंडक नहर प्रणालियों में पर्याप्त पानी नहीं है। लिहाजा वितरणियों में भी पानी की उपलब्धता कम ही है। नहरों में अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। सोन नहर प्रणाली में इन्द्रपुरी बराज पर 13003 क्यूसेक जल में से पूर्वी व पश्चिमी संयोजक नहरों में 3419 व 7760 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इसी तरह सोन नदी के इन्द्रपुरी बराज पर पानी की कमी है। कोसी नहर प्रणाली से पूर्वी व पश्चिमी मुख्य नहरों में 3500 व 1800 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है।

दक्षिण बिहार में बहुत कम बारिश

कृषि वैज्ञानिक अनिल झा का कहना है कि, "पूरे बिहार में बारिश को लेकर एक जैसी स्थिति नहीं है। उत्तर बिहार के किशनगंज आदि जिलों में ठीक बारिश हुई है तो दक्षिण बिहार में बहुत कम बारिश हुई है। अगले 7 से 10 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान यदि बारिश नहीं होती है तो धान की खेती में दिक्कत आ सकती है। फिलहाल किसानों को बिचड़े को लेकर सतर्क रहने की ज़रूरत है। स्थानीय स्तर पर पानी का इंतजाम करके इसे हर हाल में बचाना होगा।"

उधर बिहार में कम बारिश की वजह से होने वाले संभवित परिस्थितियों को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने तीन दिन पहले अधिकारियों को खास निर्देश दिए हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि किसानों को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि कम बारिश होने की वजह से होने वाली संभवित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इससे प्रभावित किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के बीच वैकल्पिक फसल के लिए प्रचार करें। उसके लिए वैकल्पिक फसल के बीज की पर्याप्त उपलब्धता रखें।

सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कम बारिश से उत्पन्न संभावित स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन ने बताया कि राज्य में अब तक 15 से 20 प्रतिशत रोपनी हुई है।

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