एनजीटी ने गंगा में प्रदूषण को लेकर बिहार और झारखंड के जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बिहार के 38 और झारखंड के चार जिलाधिकारियों को गंगा में प्रदूषण के मुद्दे पर आठ सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इन जिलों से गंगा और उसकी सहायक नदियां गुजरती हैं।
अधिकरण नदी में प्रदूषण की रोकथाम से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि "अधिकरण के 28 अगस्त के आदेश में रेखांकित किया गया था कि गंगा में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित मुद्दा प्रत्येक राज्य, शहर और जिले में उठाया जाए।”
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— Legally Speaking (@legallyspking) September 20, 2023
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि पांच सितंबर को पारित एक आदेश में अधिकरण ने गंगा नदी (पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन) प्राधिकरण आदेश 2016 और विशेष रूप से जिला गंगा संरक्षण समितियों की भूमिका का विवरण रेखांकित किया है।
एनजीटी ने सोमवार को पारित एक आदेश में कहा कि बिहार में नदी से संबंधित प्रमुख मुद्दों में भूजल प्रदूषण, अपशिष्ट जल छोड़ा जाना, अवैध रेत एवं पत्थर खनन, डूब क्षेत्र पर अतिक्रमण, जलीय प्राणियों के लिए खतरा, नदी के मूल मार्ग में परिवर्तन और प्रदूषण शामिल हैं।
अधिकरण ने कहा, “...हम बिहार के सभी 38 जिलों और झारखंड के चार जिलाधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे ऊपर उल्लिखित मुद्दों और जिला गंगा संरक्षण समिति द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में गंगा में प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करें।”
एनजीटी ने कहा कि रिपोर्ट आठ सप्ताह में दाखिल की जान चाहिए।
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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