कोरोना संकट: कम मामलों वाले राज्यों में संक्रमण की तेज़ उछाल, हरियाणा-राजस्थान ने बढ़ाई चिंता
देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को लेकर हालात फिर से चिंताजनक बन गए हैं। पिछले 14 दिनों में मरीजों की कम संख्या वाले राज्यों में तेजी से कोरोना के प्रसार ने देश में संक्रमण रोकने को लेकर किए गए तमाम दावों को झुठला दिया है।
अगर हम पिछले 14 दिनों में संक्रमित होने की दर को देखें तो हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में तेज गति से फैलाव हुआ है। कुछेक राज्य इससे निपटने के लिए कर्फ्यू और कड़े जुर्माने का सहारा ले रहे हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
क्या हैं आंकड़े?
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 44,059 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 91 लाख के पार पहुंच गए हैं। अगर हम आंकड़ों के माध्यम से देश में कोरोना के हालात को समझे तो अब तक 85,62,641 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। देश में अभी 4,43,486 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं, 1,33,738 मरीजों की मौत हो गई है।
देश में मरीजों के ठीक होने की दर 93.68 प्रतिशत है। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.46 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 22 नवम्बर तक कुल 13.25 करोड़ से अधिक नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है।
अगर हम राज्यों की चर्चा करें तो कई जगह हालात बुरे हैं। महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 5,753 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 17,80,208 हो गई है, जबकि 50 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 46,623 हो गई है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि रविवार को कुल 4,060 लोगों को छुट्टी दी गई, जिसके साथ ही राज्य में संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों की कुल संख्या 16,51,064 हो गई है। राज्य में अब 81,512 लोगों का इलाज चल रहा है।
केरल में रविवार को कोविड-19 के 5,294 नए सामने आने से राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 5,62,735 तक पहुंच गए। राज्य में बीमारी के कारण 27 और मौतें होने के साथ मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 2,049 हो गई। राज्य में 6,227 लोगों के इस बीमारी से ठीक होने के बाद स्वस्थ हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,94,664 तक पहुंच गई। राज्य में अब 65,856 मरीजों का इलाज चल रहा है।
गुजरात में रविवार को कोरोना वायरस के 1,495 ताजा मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,97,412 हो गए, जबकि 13 और लोगों की संक्रमण से मौत होने के साथ राज्य में मृतकों की संख्या 3,859 हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में कुल 1,167 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जिससे राज्य में ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,79,953 पहुंच गई।
हरियाणा में रविवार को कोविड-19 के 2,279 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,17,300 पर पहुंच गए, जबकि बीमारी से 25 और मौत होने से राज्य में मरने वालों की संख्या 2,188 हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के दैनिक बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब 20,344 मरीजों का इलाज चल रहा है।
पंजाब में कोविड-19 के 710 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,46,346 हो गए, जबकि बीमारी के कारण 19 और लोगों की जान जाने से राज्य में मृतकों की संख्या 4,614 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि वर्तमान में राज्य में 6,724 मरीजों का इलाज चल रहा है। 497 और रोगियों के संक्रमण से उबरने के बाद राज्य में ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,35,008 तक पहुंच गई।
क्या है ताज़ा चिंता का विषय
कोरोना को लेकर ताजा चिंता का विषय कम संख्या में संक्रमित लोगों वाले राज्यों में तेजी से फैलता कोरोना का संक्रमण है। उदाहरण के लिए अगर हम दिल्ली और केरल की बात करें तो यहां अब भी नए मामलों की अधिकतम संख्या रिपोर्ट हो रही है लेकिन अब उनके सक्रिय मामलों में गिरावट देखी जा रही है।
वहीं, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यहां तक कि हिमाचल प्रदेश अभी भी महाराष्ट्र या कुछ अन्य शीर्ष 10 राज्यों की तुलना में कम मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन यह पहले की रिपोर्ट की तुलना में बहुत अधिक है। इनका पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा है। इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ने का मतलब है कि ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। भले ही यहां टेस्ट कम हो रहे हैं। इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 10 से 15 प्रतिशत के बीच रहा है जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा हैं।
अगर आंकड़ों में समझे तो राजस्थान में 7 नंवबर को कुल एक्टिव केस 16,627 थे जो 21 नवंबर को घटने के बजाय बढ़कर 21,951 हो गए। इसी तरह मध्य प्रदेश में 7 नवंबर को एक्टिव केस 7,736 थे जो 21 नवंबर को 11,192 हो गया। हिमाचल प्रदेश में 7 नवंबर को एक्टिव केस 4,222 थे जो 21 नवंबर को 7,102 हो गया। हरियाणा में 7 नवंबर को 15,713 एक्टिव केस थे जो 21 नवंबर को बढ़कर 20,325 हो गए हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की एडवायजरी के अनुसार, 14 दिन के पीरियड में 5% से ज्यादा का पॉजिटिविटी रेट किसी राज्य को डेंजर जोन में डाल देता है। ज्यादा पॉजिटिविटी रेट होने का मतलब यह भी है कि राज्य केवल सबसे बीमार लोगों को टेस्ट कर रहा है और लक्षणों के हिसाब से पर्याप्त स्क्रीनिंग नहीं हो रही। नतीजा ये होता है कि गंभीर मामले और मौतें बढ़ने लगती हैं। महामारी को काबू करने के लिए टेस्टिंग और ट्रैकिंग सबसे अहम है।
क्या कर रही हैं सरकार?
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और गुजरात जैसे स्थानों पर कोविड-19 संबंधी हालात बदतर हो गए हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को दो दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश कर यह विस्तार से बताने को कहा है कि वर्तमान के कोरोना वायरस संबंधी हालत से निपटने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति गुजरात में भी बदतर हुई और नियंत्रण से बाहर हो रही है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और राज्यों से कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने और हालात को सुधारने के लिए वे हर संभव प्रयास करें। शीर्ष अदालत एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने कोविड-19 के मरीजों को उचित उपचार देने और अस्पतालों में शवों को सम्मानजनक तरीके से रखने के बारे में संज्ञान लिया। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और टीका वितरण की रणनीति को लेकर मुख्यमंत्रियों और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को डिजिटल माध्यम से बैठक कर सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मोदी एक बैठक उन आठ राज्यों के साथ बैठक कर सकते हैं जहां कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहे हैं। दूसरी बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टीका वितरण की रणनीति पर चर्चा संभावित है। प्रधानमंत्री मोदी कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों साथ बैठकें कर चुके हैं।
गौरतलब है कि कुछ शहरों में तो रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है। राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित आठ जिला मुख्यालयों में रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश के इंदौर, गुजरात के सूरत और राजकोट में शनिवार की (21 नवंबर) रात से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंदौर में लोग रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं।
हालांकि दिल्ली में अभी किसी भी तरह का कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। यहां पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई में कोविड-19 के नियमों का पालन न करने पर रविवार शाम को दो बाजारों को बंद करने का आदेश दिया गया था। हालांकि सोमवार को यह आदेश वापस ले लिया गया। राष्ट्रीय राजधानी में अभी मास्क नहीं पहनने पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।
इसके अलावा दिल्ली में जांच की दर भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत 3.7 लाख से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया गया और राष्ट्रीय राजधानी में ऐसा पहली बार हुई है जब आरटी-पीसीआर जांच की संख्या रैपिड एंटीजन जांच से अधिक हो गई है।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘दिल्ली में पहली बार आरटी-पीसीआर जांचों की संख्या रैपिड एंटीजन जांचों से अधिक हो गई है।’ सूत्रों के अनुसार, शहर में आरटी-पीसीआर जांचों की संख्या शुक्रवार को रैपिड एंटीजन जांचों से अधिक हो गई। दिल्ली में संक्रमण के मामलों में आई बढ़ोतरी का कारण त्योहारी सीजन, कोविड-19 संबंधी सुरक्षात्मक नियमों की अवहेलना और शहर में बढ़ते प्रदूषण को माना जा रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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