गौतम नवलखा ने नज़रबंदी की जगह बदलने के लिए शीर्ष अदालत का किया रुख
नई दिल्ली: एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने मुंबई में नज़रबंदी की जगह बदलने की अपील के साथ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
Activist Gautam Navlakha, accused in Elgar Parishad-Maoist link case, moves SC seeking change of address for his house arrest in Mumbai
— Press Trust of India (@PTI_News) April 21, 2023
न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ को नवलखा के वकील ने बताया कि अभी कार्यकर्ता को जहां नज़रबंद रखा गया है वह एक सार्वजनिक पुस्तकालय है और उसे खाली करने की ज़रुरत है।
नवलखा के वकील ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘मैं केवल मुंबई में (नज़रबंदी की) जगह बदलने की अपील कर रहा हूं।’’
अदालत में किसी अन्य मामले के लिए पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि उन्हें आवेदन के उल्लेख के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने इसका जवाब देने के लिए समय मांगा है।
पीठ ने कहा कि वह अगले शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगी।
बता दें कि नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ़्तार किया गया था और शुरुआत में उन्हें घर में नज़रबंद रखा गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में उन्हें नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 10 नवंबर को स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नज़रबंदी में भेजने की उनकी याचिका मंज़ूर कर ली थी। नवलखा वर्तमान में महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के नवी मुंबई में रह रहे हैं।
मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुणे पुलिस के अनुसार, इन भाषणों की वजह से अगले दिन कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के आसपास के क्षेत्र में हिंसा हुई। मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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