राजा का आदेश है— अब चुप रहो
पुलवामा कांड को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इसी संदर्भ में कवि-पत्रकार मुकुल सरल की यह ताज़ा ग़ज़ल।
कार्टून: कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य के ट्विटर हैंडल से साभार
...चुप रहो
.………...
राजा का आदेश है— अब चुप रहो
बोलना सच है मना सब चुप रहो
मर गए हैं कुछ जवां तो क्या हुआ
अब इलेक्शन जीतना अब चुप रहो
वो ही तय करते हैं कि कब बोलना
वो ही तय करते हैं कि कब चुप रहो
सब सवालों का यही उत्तर मिला
बोलने का जब नहीं ढब चुप रहो
अब नहीं सच कोई आंख देखती
कहने को आज़ाद हैं लब चुप रहो
बोलिए बे-बात सबको छूट है
जब ज़रूरी बात हो तब चुप रहो
मेरी तो सुनता नहीं है कुछ 'सरल'
तुम ही कुछ समझाओ कि अब चुप रहो
मुकुल सरल
कवि-पत्रकार
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।