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यौन हिंसा की डरावनी तस्वीर: उत्तर प्रदेश और झारखंड में दो सामूहिक बलात्कार पीड़िता ने आत्महत्या की

त्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर और झारखंड के साहिब गंज इलाक़े में गैंग रेप की दो पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली।
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: Reuters

झारखंड में स्थानीय पंचायत के फ़ैसले से नाख़ुश 16 वर्षीय नाबालिग गैंग रेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली वहीं यूपी के अंबेडकर नगर में एक 21 वर्षीय गैंग रेप पीड़िता ने फांसी लगा ली। अंबेडकर नगर की घटना में सब इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर अपराध के लिए तीन लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गैंग रेप की प्राथमिकी बदलने के लिए मजबूर किया।

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर और झारखंड के साहिब गंज इलाक़े में गैंग रेप की दो पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली।

18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में एक 21 वर्षीय गैंग रेप पीड़िता ने यूपी पुलिस द्वारा अपराध के लिए तीन लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करने और उसके पिता को शिकायत बदल कर दर्ज करने के लिए मजबूर करने के बाद आत्महत्या कर ली।

पीड़िता के पिता के अनुसार उनकी बेटी 16 अगस्त की शाम को घर से लापता हो गई थी। उसकी तलाश करने पर वह एक स्कूल के पास बेहोशी की हालत में मिली और रात क़रीब 11 बजे परिजन उसे घर ले आए। होश में आने पर उसने बताया कि तीन लोगों ने उसे बहला-फुसलाकर उसके साथ गैंग रेप किया।

पिता तुरंत एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस चौकी गए, लेकिन पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और उन्हें शिकायत बदलने के लिए मजबूर किया।

18 अगस्त को पीड़िता की छोटी बहन ने उसे अपने कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया। परेशान पिता ने पुलिस को बताया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी बेटी अपमानित महसूस कर रही थी।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि पिता की शिकायत पर रेप का आरोप जोड़ दिया गया है।

साहिबगंज (झारखंड) में गैंग रेप की शिकार 16 वर्षीय आदिवासी लड़की ने आत्महत्या कर ली

झारखंड के साहिबगंज में गैंग रेप की शिकार एक पीड़िता की आत्महत्या की एक और भयावह घटना सामने आई। स्थानीय पंचायत के फ़ैसले से नाख़ुश 16 वर्षीय नाबालिग आदिवासी लड़की ने कथित तौर पर अपनी जान दे दी।

नाबालिग की मां ने पंचायत प्रमुख और बलात्कार के आरोपी पर अपनी बेटी की हत्या का आरोप लगाया।

18 अगस्त को साहिबगंज ज़िले की स्थानीय पंचायत, जहां ये घटना हुई, ने पीड़िता के नाबालिग होने के कारण उसके परिवार के सदस्यों द्वारा की गई आरोपी और पीड़िता की शादी की मांग को स्वीकार करने के बजाय कथित बलात्कारी पर जुर्माना लगाया था। परिवार के सदस्यों द्वारा पहले शादी की मांग की गई थी।

19 अगस्त को पीड़िता की मां ने स्थानीय पंचायत प्रमुख और रेप के आरोपी सहित 16 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि उन्होंने 18 अगस्त की रात को उसकी बेटी की हत्या कर दी, जब वह अपने कमरे में सो रही थी, जिसे अंदर से बंद नहीं किया गया था। पुलिस ने कहा कि पंचायत प्रमुख, जो रेप के आरोपी का चाचा है, ने कथित तौर पर बैठक की अध्यक्षता की थी।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि पीड़िता के साथ 15 अगस्त को उसके गांव के 23 वर्षीय व्यक्ति ने रेप किया था। हालांकि, आरोपी ने अपने घर पर उसके साथ मारपीट की और पुलिस से संपर्क करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

यूपी में गैंगरेप की दहशत

उत्तर प्रदेश में ये कोई पहली घटना नहीं है, जहां रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस की लापरवाही के कारण आत्महत्या कर ली। मार्च, 2024 में, दो नाबालिग रेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली जब एक पीड़िता के पिता ने फांसी लगा ली। 5 अक्टूबर, 2022 को अंबेडकर नगर में एक छात्रा ने अपने कमरे की छत से लटक कर आत्महत्या कर ली। पीड़िता के पिता ने कथित तौर पर कहा है कि ज़िले के मालीपुर इलाक़े में स्कूल जाते समय दो युवकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण और गैंग रेप किए जाने के बाद वह “अवसाद” में चली गई थी।

साभार : सबरंग 

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