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जूलियन असांज रिहा हुए

विकीलीक्स के सह-संस्थापक को कथित तौर पर उन्हें अतिरिक्त जेल की सजा से छूट मिल जाएगी
Julain
विकीलीक्स

एक दशक से अधिक समय तक अमेरिकी सरकार के कठोर उत्पीड़न का सामना करने के बाद, जूलियन असांज आखिरकार रिहा हो गए हैं। विकीलीक्स के सह-संस्थापक और प्रकाशक ने सोमवार 24 जून को शाम 5:00 बजे बेलमार्श जेल से निकलकर ब्रिटेन से रवाना होने के लिए विमान में सवार हो गए। असांज ने राष्ट्रीय रक्षा जानकारी हासिल करने और उसे प्रकाशित करने की साजिश के लिए खुद को दोषी मानने के बाद आज़ादी हासिल की है। 

जूलियन असांज सोमवार 24 जून को शाम 5 बजे (BST) लंदन स्टैनस्टेड एयरपोर्ट से उड़ान भरे। यह उन सभी के लिए सुखद है जिन्होंने उनकी आज़ादी के लिए काम किया: धन्यवाद।

विकिलिक्स प्रकाशक असांज ने पिछले पांच साल सुपर-मैक्स बेलमार्श जेल में बिताए, जबकि वे अमेरिकी न्याय विभाग की प्रत्यर्पण संबंधी मामले के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। मई 2019 में, लंदन में इक्वाडोर के दूतावास से गिरफ्तार होने और बाहर निकाले जाने के एक महीने बाद, अमेरिकी न्याय विभाग ने असांज के खिलाफ 18 आरोप दर्ज किए, जिनमें से 17 कुख्यात जासूसी अधिनियम के तहत दर्ज़ किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 175 साल की जेल की सजा हो सकती थी। ये सभी आरोप विकीलीक्स द्वारा लीक किए गए वर्गीकृत दस्तावेजों को जारी करने और प्रकाशित करने से संबंधित थे, जो अफ़गानिस्तान और इराक़  में युद्ध अपराधों के साथ-साथ अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के कई अन्य उल्लंघनों को उजागर करते थे।

असांज और उनकी बचाव टीम ने उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ अथक लड़ाई लड़ी, और हाल ही में उन्हें अपील करने का एक और मौका दिया गया।

बुधवार 26 जून को उन्हें उत्तरी मारियाना द्वीप समूह के साइपन में एक अमेरिकी अदालत में पेश होना है और रपट के मुताबिक उसके बाद में वे अपने देश ऑस्ट्रेलिया लौट जाएंगे। इस समझौते के तहत, असांज ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अदालती कार्यवाही से बचने का अनुरोध किया था।

असांज की रिहाई की खबर आने पर दुनिया भर के प्रगतिशील समूहों और प्रेस स्वतंत्रता के पैरोकारों ने जश्न मनाया। असांज के मामले को दुनिया भर में जाने-माने पत्रकारों, राजनेताओं, कलाकारों, कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों का समर्थन मिला था।

विकीलीक्स ने उनकी रिहाई की खबर जारी करते हुए लिखा, "यह एक वैश्विक अभियान का परिणाम है, जिसमें जमीनी स्तर पर लड़ने वाले लोग, प्रेस की आज़ादी के लिए प्रचार करने वाले, सांसद और विभिन्न राजनीतिक विचारों के नेता, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र तक इसमें शामिल था।"

जूलियन की पत्नी और उनके दो बच्चों की मां स्टेला असांज ने भी इस भावना को दोहराते हुए कहा, "हम आप सब के प्रति अपने असीम आभार को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते हैं- हां, आप ही हैं, जिन्होंने इसे साकार करने के लिए वर्षों तक काम किया है। आपका धन्यवाद।"

असांज की रिहाई की वकालत करने वाले और इसके लिए आंदोलन करने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्कों में से एक इंटरनेशनल पीपल्स असेंबली ने भी उनकी रिहाई की खबर पर खुशी जताई है और इस बात पर जोर दिया कि, "जूलियन असांज अमेरिकी साम्राज्य के एक राजनीतिक कैदी थे। 1,901 दिनों तक उनकी अन्यायपूर्ण कैद प्रेस की आज़ादी पर हमला है और अमेरिकी युद्ध मशीनरी द्वारा किए गए भयावहता के बारे में सच्चाई को छिपाने का प्रयास है।"

The campaign for Assange’s release went beyond movements. In the last several years, Latin American heads of state includingColombian President Gustavo Petro, Brazilian President Luiz Inácio Lula da Silva, and Mexican President Andrés Manuel López Obrador had also joined their voices to the call for justice.

In a letter written in September 2020, Lula called Assange a “hero”and affirmed that “No one who believes in democracy can allow someone who provided such an important contribution to the cause of liberty to be punished for doing so. Assange, I repeat, is a champion of democracy and should be released immediately.” He added that Brazilians have a special debt to Wikileaks as they published documents which revealed some of the plot behind the parliamentary coup against Dilma Rousseff.

Mexican President AMLO had said that if Assange were extradited to the US, then the world would have to start a campaign to get rid of the Statue of Liberty, “because it is no longer a symbol of freedom”. While head of government of Mexico City, the now incoming Mexican President Claudia Sheinbaum, declared Assange a distinguished guest of the city and gave the keys to the city to his father John Shipton and brother Gabriel Shipton.

While still celebrating the release, some have criticized the fact that Assange had to plead guilty to any of the charges he was facing for doing his job as a publisher. Vijay Prashad, Marxist historian and journalist, wrote, “Julian Assange does not need to plead guilty to the US government.”

After his court proceeding on Wednesday June 26, Assange will return to Australia and be reunited with his family.

साभार: पीपल्स डिस्पैच

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