वंचितों के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक ग़लतियां करने में क़ानूनी प्रणाली भी ज़िम्मेदार: जस्टिस चंद्रचूड़
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि दुर्भाग्य से कानूनी प्रणाली ने अक्सर वंचित सामाजिक समूहों के ख़िलाफ़ ‘‘ऐतिहासिक गलतियों’’ को कायम रखने में ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ अदा की है और इससे हुआ नुकसान पीढ़ियों तक बना रह सकता है।
वह ‘डॉ. बीआर आंबेडकर की अधूरी विरासत' विषय पर रविवार को मैसाचुसेट्स के वाल्थम स्थित ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में आयोजित छठे अंतररराष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
प्रधान न्यायाधीश का संबोधन ‘रिफॉर्मेशन बियोंड रिप्रजेंटेशन : द सोशल लाइफ ऑफ द कंस्टिट्यूशन इन रेमेडिंग हिस्टॉरिकल रांग्स’ विषय पर था।
VIDEO | "Throughout history marginalised social groups have been subjected to horrendous wrongs often stemming from prejudice, discrimination, and unequal power dynamics. The annals of history are stained with instances of profound injustice and that underscores the need for… pic.twitter.com/9y2OOV0bQL
— Press Trust of India (@PTI_News) October 22, 2023
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पूरे इतिहास में हाशिए पर रहे सामाजिक समूहों को भयानक एवं गंभीर गलतियों का सामना करना पड़ा है, जो अकसर पूर्वाग्रह और भेदभाव जैसी चीजों से उत्पन्न होता है।
उन्होंने कहा कि क्रूर दास प्रथा ने लाखों अफ्रीकियों को जबरन उखाड़ फेंका और मूल अमेरिकियों को विस्थापन का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में जातिगत असमानताएं पिछड़ी जातियों के लाखों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इतिहास आदिवासी समुदायों, महिलाओं, एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रणालीगत उत्पीड़न के उदाहरणों से भरा पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, कानूनी प्रणाली ने अकसर हाशिए पर मौजूद सामाजिक समूहों के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक गलतियों को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिका की तरह, भारत के कुछ हिस्सों में भी गुलामी को वैध कर दिया गया था।’’
प्रधान न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ समुदायों के ख़िलाफ़ व्यवस्थित रूप से अत्याचार करने और उन्हें हाशिए पर धकेलने के लिए कानूनी ढांचे को अकसर हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत (दोनों देशों) में, उत्पीड़ित समुदायों को लंबे समय तक मतदान के अधिकार से वंचित रहना पड़ा।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इस तरह एक संस्था के रूप में कानून का उपयोग मौजूदा सत्ता संरचनाओं को बनाए रखने और भेदभाव को संस्थागत बनाने के लिए किया गया, जिससे अन्याय की एक स्थायी विरासत बनी जो इन समूहों और समुदायों के लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद भी इनसे हुआ नुकसान पीढ़ियों तक बना रह सकता है, जो वंचित समूहों के ख़िलाफ़ की गईं ऐतिहासिक गलतियों और कानून के बीच जटिल एवं स्थायी संबंध को रेखांकित करता है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ये ऐतिहासिक गलतियां एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था बनाकर अन्याय को बढ़ावा देती हैं, जहां हाशिए पर रहने वाले समुदायों को अपने उत्पीड़न से ऊपर उठने की अनुमति नहीं है।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा, ‘‘इससे समाज की एक प्रकार की स्वयंभू और श्रेणीबद्ध संरचना का निर्माण होता है, जिससे कुछ समूहों के प्रति अन्याय सामान्य हो जाता है।’’
इस सम्मेलन का 2023 संस्करण 'कानून, जाति और न्याय की खोज' पर केंद्रित था।
चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के बाद से भारत की सकारात्मक नीतियों ने उत्पीड़ित सामाजिक समूहों को शिक्षा, रोजगार और प्रतिनिधित्व के अवसर प्रदान कर उन्हें महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है, जो गहराई तक व्याप्त असमानताओं के कारण उनकी पहुंच से बाहर हो सकते थे।
उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता की संवैधानिक गारंटी के बावजूद गहरी जड़ें जमा चुकी पितृसत्तात्मक व्यवस्था कायम रह सकती है जिससे लैंगिकता आधारित भेदभाव और हिंसा हो सकती है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इसी तरह जाति-आधारित भेदभाव पर रोक लगाने वाले कानून के बावजूद संरक्षित समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डॉ. आंबेडकर का संविधानवाद का विचार गहरी जड़ें जमा चुकी जातिगत प्रणाली को खत्म कर, हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देकर भारतीय समाज को बदलने में सहायक हुआ है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।